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बहुराष्ट्रीय कंपनी की ऊंची पोस्ट ठुकराकर ये महिला बनी महामंडलेश्वर - हरिद्वार न्यूज

जूना अखाड़ा संख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा अखाड़ा है. लेकिन इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि महिला नागा संन्यासियों और महिला महामंडलेश्वर की संख्या की दृष्टि से भी यह सभी अन्य अखाड़ों से बड़ा है. जूना अखाड़ा ही एक मात्र संन्यासी शैव अखाड़ा है.

mahamandaleshwar
महामंडलेश्वर जयअम्बानंद गिरि
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Published : Apr 14, 2021, 2:17 PM IST

हरिद्वार: श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा नागा संन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा है. लेकिन इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि महिला नागा संन्यासियों और महिला महामंडलेश्वर की संख्या की दृष्टि से भी यह सभी अन्य अखाड़ों से बड़ा है. जूना अखाड़ा ही एक मात्र संन्यासी शैव अखाड़ा है जिसमें माईबाड़ा है. जहां नागा संन्यासिनियों की अलग छावनी लगती है. जिसकी समस्त व्यवस्था नागा अवधूतनियों के हाथ में रहती है. जूना अखाड़े में शिक्षित और विभिन्न सामाजिक धार्मिक व अन्य क्षेत्रों में सक्रिय महिला महामंडलेश्वरों की बहुत बड़ी संख्या है. जिसमें प्रत्येक कुंभ पर्व पर बढ़ोत्तरी होती रहती है.

इसी श्रृंखला में हाल में ही अहमदाबाद गिर गुजरात की महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि का नाम भी जुड़ गया है. महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि ने जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से विधिवत संन्यास की दीक्षा प्रयागराज में ली और हरिद्वार कुंभ पर्व पर उनका महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज द्वारा किया गया.

संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर जय अम्बानंद गिरि संन्यास से पूर्व एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक बड़े ओहदे पर भी कार्यरत थीं और सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में विशेष रुचि रखती थीं. सिंधी समाज में वह काफी लोकप्रिय थीं. कुछ वर्ष पूर्व वह जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि के संपर्क में आयीं और उनकी प्रेरणा से इसी वर्ष फरवरी में विधिवत संन्यास ग्रहण किया.

पढ़ें: आस्था के रंग से सराबोर महाकुंभ, मेष संक्रांति पर हो रहा तीसरा शाही स्नान

उनके गुरु जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि को जूना अखाड़े की ओर से गुजरात सहित पूरे भारत में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और अखाड़े की उन्नति-प्रगति व विकास कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. जिसमें वह निश्चित रूप से नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी.

हरिद्वार: श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा नागा संन्यासियों का सबसे बड़ा अखाड़ा है. लेकिन इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि महिला नागा संन्यासियों और महिला महामंडलेश्वर की संख्या की दृष्टि से भी यह सभी अन्य अखाड़ों से बड़ा है. जूना अखाड़ा ही एक मात्र संन्यासी शैव अखाड़ा है जिसमें माईबाड़ा है. जहां नागा संन्यासिनियों की अलग छावनी लगती है. जिसकी समस्त व्यवस्था नागा अवधूतनियों के हाथ में रहती है. जूना अखाड़े में शिक्षित और विभिन्न सामाजिक धार्मिक व अन्य क्षेत्रों में सक्रिय महिला महामंडलेश्वरों की बहुत बड़ी संख्या है. जिसमें प्रत्येक कुंभ पर्व पर बढ़ोत्तरी होती रहती है.

इसी श्रृंखला में हाल में ही अहमदाबाद गिर गुजरात की महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि का नाम भी जुड़ गया है. महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि ने जूना अखाड़े के अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से विधिवत संन्यास की दीक्षा प्रयागराज में ली और हरिद्वार कुंभ पर्व पर उनका महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज द्वारा किया गया.

संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर जय अम्बानंद गिरि संन्यास से पूर्व एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक बड़े ओहदे पर भी कार्यरत थीं और सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों में विशेष रुचि रखती थीं. सिंधी समाज में वह काफी लोकप्रिय थीं. कुछ वर्ष पूर्व वह जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी महेन्द्रानंद गिरि के संपर्क में आयीं और उनकी प्रेरणा से इसी वर्ष फरवरी में विधिवत संन्यास ग्रहण किया.

पढ़ें: आस्था के रंग से सराबोर महाकुंभ, मेष संक्रांति पर हो रहा तीसरा शाही स्नान

उनके गुरु जूना अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि महामंडलेश्वर जय अम्बानंद गिरि को जूना अखाड़े की ओर से गुजरात सहित पूरे भारत में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और अखाड़े की उन्नति-प्रगति व विकास कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. जिसमें वह निश्चित रूप से नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी.

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