हरिद्वार: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही राजनीति भी तेज हो गई है. हरिद्वार में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पर आपदा में भी राजनीति करने का आरोप लगाया है. साथ ही अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया. ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि कांग्रेस के नेताओं के आरोपों की जांच की जाए और जनता के सामने सच्चाई लाई जाए.
इस दौरान बीजेपी के जिला महामंत्री विकास तिवारी ने कहा कि कांग्रेस कोरोना माहमारी में भी मजदूरों पर राजनीति और सरकार पर बेवजह आरोप लगाकर माहौल खराब करने का काम कर रही है. इसलिए वो महामहिम राज्यपाल से मांग करते हैं कि कांग्रेस के इन सभी आरोपों की जांच की जाए और इन सभी आरोपों की सच्चाई जनता के सामने लाई जाए. कांग्रेस के नेता इस आपदा काल में भी राजनीति कर रहे हैं और अपने घरों में बैठकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं.
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विकास तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के नेता यह बताएं कि राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जहां मजदूरों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है और सबसे ज्यादा पलायन भी इन्हीं राज्यों से मजदूरों ने किया है, वहां की सरकारों ने मजदूरों को कितनी आर्थिक सहायता दी है. कांग्रेस के नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि इस वैश्विक महामारी में जहां पूरा देश केंद्र और राज्यों की सरकारों के साथ खड़ा रहा, वहीं कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री केयर्स फंड और सीएम राहत कोष में कितनी आर्थिक सहायता की है.
उन्होंने कहा की एक ओर भाजपा के सभी विधायकों ने अपना 30% वेतन इस महामारी में सरकार को देने की सहमति दी है. वहीं कांग्रेस के उत्तराखंड के विधायकों ने यह वेतन देने से साफ मना कर दिया है इससे ज्यादा शर्म की बात कुछ हो नहीं सकती है.