हरिद्वार: साल का पहला बड़ा गंगा स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति का है. इस स्नान पर्व का काफी महत्व है, क्योंकि मकर संक्रान्ति के पर्व के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसी के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो जाते हैं. इसलिए मकर संक्रांति के स्नान को खास माना जाता है. हरिद्वार में मकर सक्रांति पर मां गंगा में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ती है. देशभर से श्रद्धालु आकर यहां आस्था की डुबकी लगाते हैं. मान्यता है कि मकर संक्रान्ति के दिन गंगा स्नान करने के उपरांत तिल और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं से भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये हैं.
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि पुराणों में उत्तरायण पर्व को विशेष स्थान दिया हुआ है. भीष्म पितामह उत्तरायण पर्व के लिए तीर शैय्या पर लेटे रहे और कहा जाता है, जिसकी मृत्यु उत्तरायण पर्व में होती है. उनका जन्म पृथ्वी लोक पर नहीं होता. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब उत्तरायण पर्व शुरू हो जाता है और 6 मार्च तक उत्तरायण पर्व रहता है. इतना बड़ा पर्व होता है कि सुबह की दिशा और दशा दोनों बदल जाती है.
प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके तिल खिचड़ी, वस्त्र का दान करने का विशेष महत्व है. इससे हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है, क्योंकि उत्तरायण का सूर्य सभी कष्टों का नाश करने वाला होता है. उत्तरायण पर्व सभी प्रदेशों में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि कहीं मकर संक्रांति, कहीं पर पोंगल और कहीं पर उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है मगर इसका एक ही सार होता है कि अब सूर्य उत्तर दिशा की ओर आ गए हैं. क्योंकि यह दिशा देवताओं की प्राप्ति की होती है, इस दिन अगर अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करते हैं, तो उससे आपके पित्र तृप्त होते हैं.
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कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि साल का सबसे बड़ा और पहला स्नान मकर संक्रांति है. ऐसे में उन्होंने हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि कोरोना महामारी को देखते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करें.
मकर संक्रांति के दिन रूट डायवर्जन
आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि यातायात को देखते हुए अभी ज्यादा परिवर्तन नहीं किया गए हैं, लेकिन भीड़ को देखते हुए परिवर्तन किया जाएगा.
- चमगादड़ टापू में पार्टी की व्यवस्था की गई है. जब यह पार्किंग फुल हो जाएगी तो पावन धाम आश्रम के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई है.
- जो भी देहरादून की तरफ से यात्री हरिद्वार आएंगे. अगर वह भी फुल हो जाती है, तो धोबी घाट पार्किंग और बैरागी घाटपर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है.
- अभी हाईवे पर कई कार्य होने बांकी है. इसी को देखते हुए ट्रेफिक डायवर्जन किया जाएगा. दिल्ली से आने वाले श्रद्धालु लक्सर की तरफ से हरिद्वार आएंगे.
मकर संक्रांति पर्व को लेकर रुड़की पुलिस-प्रशासन मुस्तैद
मकर संक्रांति के स्नान को लेकर रुड़की पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हो चुका है. रुड़की में भी लगने वाले जाम के मद्देनजर रुट डायवर्ट किए गए हैं, ताकि यात्रियों को किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े और व्यवस्था सुचारू रह सके. वहीं ट्रैफिक पुलिस और आईएएस अधिकारी ने मंगलौंर के नारसन बॉर्डर से लेकर अन्य जगहों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया, ताकि मकर संक्रांति के स्नान को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके.
रुड़की में भी रूट डायवर्जन
- मकर सक्रांति के स्नान से पहले ही डायवर्ट रूट से भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी. जिससे यात्रियों को जाम की समस्या से जूझना न पड़े.
- मंगलौर से लंढौरा वाया लक्सर से होते हुए यात्रियों को हरिद्वार मार्ग पर डायवर्ट किया जाएगा.
- इसके साथ ही 13 जनवरी से भारी वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंध कर दी जाएगी.
ऋषिकेश में गंगा घाटों पर चेकिंग अभियान
ऋषिकेश में भी मकर संक्रांति को लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैद है. मंगलवार को ऋषिकेश सीओ डीसी ढौंढियाल और इंस्पेक्टर रितेश शाह गंगा घाटों पर सर्च अभियान चलाया. महाकुंभ के पहले स्नान को लेकर ऋषिकेश पुलिस कोई भी कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती. यही कारण है कि कुंभ के स्नान को लेकर पुलिस के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है. घाटों पर रहने वाले साधुओं और लोगों का सत्यापन किया जा रहा है, ताकि स्नान वाले कोई भी अप्रिय घटना घटित न हो.
कुंभ स्नान के दौरान चलेंगे अतिरिक्त रोडवेज बसें
मकर संक्रांति और कुंभ स्नान को लेकर हरिद्वार परिवहन निगम तैयारियों में जुटा है. श्रद्धालुओं को धर्मनगरी हरिद्वार लाने के लिए परिवहन निगम बसों को बढ़ा रहा है. हरिद्वार रोडवेज के एआरएम के मुताबिक वो कुंभ के स्नानों के लिए उत्तराखंड रोडवेज उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से वार्ता कर रहे हैं और हरिद्वार के लिए बसों के उचित प्रबंध की व्यवस्था बना रहे हैं, जिससे आने वाले समय में श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो.