हरिद्वार: धर्मनगरी में चारों ओर पसरी गंदगी की वजह से जगह-जगह नाले चोक होने लगे हैं. सफाई कर्मचारियों द्वारा काम न किये जाने से नाराज हरिद्वार मेयर अनीता शर्मा के पति अशोक शर्मा गुरुवार को खुद रेलवे स्टेशन के नाले की सफाई करने लग गए. फावड़ा लेकर नाले की गंदगी साफ करने के बाद उन्होंने कहा कि शहर की बिगड़ी व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारी हैं. इसके बाद मेयर के पति दहाड़े मार-मारकर रोने लग गये.
दरअसल, चुनाव की वजह से अधिकतर कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगी है. इस वजह से साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया. इससे परेशान होकर मेयर के पति अशोक शर्मा ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन के बाहर शिव चौक स्थित नाले में उतरकर सफाई अभियान चलाया. सफाई करने के बाद उन्होंने कहा कि लोग दो-दो लाख की तनख्वाह ले रहे हैं, लेकिन काम कुछ भी नहीं कर रहे.
मेयर के पति ने सीधे बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो मेयर को बदनाम करने के लिए काम नहीं होने दे रहे हैं. उन्हें ये बात सता रही है कि हरिद्वार बीजेपी का गढ़ होने के बावजूद भी यहां से कांग्रेस मेयर प्रत्याशी कैसे जीत गई. अशोक शर्मा ने कहा जब करोड़ों का काम नमामि गंगे के तहत आचार संहिता में हो सकता है तो साफ सफाई का 4 से 5 लाख का ठेका क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने सीधे आरोप लगाए कि भाजपा नगर निगम के अधिकारियों को संरक्षण दे रही है, जिसकी वजह से अधिकारी सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
वहीं मेयर अनीता शर्मा ने भी अधिकारियों पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि वो बिल्कुल भी नहीं सुनते. मेयर का कहना है कि अधिकारी सीधे बोलते हैं कि उनके ऊपर दबाव है, लेकिन यह बताने को तैयार नहीं है कि किसका दबाव है. मेयर ने कहा कि साफ सफाई व्यवस्था को पटरी से नहीं उतरने दिया जाएगा, भले ही इसके लिए भीख मांगकर ही पैसा खर्च करना क्यों न पड़े. उन्होंने बताया कि वो अबतक अपनी जेब से ही पैसा खर्च करके साफ-सफाई करवाती आ रही हैं.
वहीं नगर निगम एमएलए अशोक पांडे का कहना है कि मेयर के आरोपों में किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है. शहर में सफाई व्यवस्था सुचारू है. चुनाव की वजह से अधिकतर अधिकारी ड्यूटी पर थे लेकिन फिर भी सफाई कार्यों पर पूरी तरह से ध्यान दिया गया. उन्होंने कहा कि बैसाखी का स्नान भी अच्छे से कराया गया था. सरकार की ओर से सीमित मात्रा में धन साफ-सफाई के लिए दिया जाता है जिसका प्रयोग शहर में किया जा रहा है.
एमएलए ने कहा कि मेयर का पति एक आम आदमी हैं. उनका आदेश मानने के लिए कोई भी बाध्य नहीं है. लेकिन, मेयर यदि कोई आदेश करेंगी तो उसके आदेशों का पालन किया जाएगा. बता दें कि प्रदेश में भाजपा सरकार और हरिद्वार निगम में कांग्रेसी मेयर होने के कारण हरिद्वार में सबसे ज्यादा विवाद देखने को मिल रहा है.