हरिद्वार/बागेश्वर: देशभर में आज महाशिवरात्रि का महापर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. भगवान शिव की उपासना में इस दिन व्रत करने की मान्यता होती है. यूं तो साल भर में 12 शिवरात्रियां आती हैं लेकिन फाल्गुन माह की शिवरात्रि को सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना जाता है. आज देश के अधिकांश शिव मंदिरों से बम-बम भोले की गूंज सुनाई दे रही है. भोले शंकर की ससुराल दक्ष नगरी कनखल में शिवरात्रि की धूम है.
कनखल के पौराणिक दक्षेश्वर महादेव मंदिर समेत हरिद्वार के अन्य शिवालयों में शिव भक्त और कांवड़िए शिव का जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं. कहा जाता है कि पौराणिक नगरी भगवान शंकर की ससुराल में स्थापित शिवलिंग दुनिया का पहला शिवलिंग है. विश्व विख्यात हर की पैड़ी पर महाशिवरात्रि पर पवित्र स्नान के लिए देशभर से भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है.
कहा जाता है कि माघ मास की चतुर्दशी के दिन भगवान शिव ने पृथ्वी लोक पर रुद्रावतार लिया था और आज के दिन शिव और शक्ति का मिलन भी हुआ था. इसीलिए इस दिन को काफी खास माना जाता है. मान्यता है कि आज के दिन भोले शिव का जलाभिषेक करने और शिव की आराधना करने से उनके भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भगवान शंकर की ससुराल यानि दक्ष नगरी कनखल में विश्व का पहला शिवलिंग दक्षेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित है.
मंदिर की पौराणिक मान्यता: ऐसी मान्यता है कि सावन मास में ही माता पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी. सावन मास में ही भोलेनाथ अपनी ससुराल कनखल यानी दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में रहते हैं. यदि इस माह कोई भी भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजा करता है तो उसकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती है.
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बागनाथ मंदिर में हर-हर महादेव: बागेश्वर में भी महाशिवरात्रि की धूम है. बागनाथ मंदिर में श्रद्वालुओं का तांता लगा हुआ है. शिवालयों को फूलों से सजाया गया है. श्रद्वालु शिव मंदिरों में बेलपत्र और कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक कर रहे हैं. साथ ही पवित्र सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.