लक्सर: घुड़सवारी का शौक रखने वालों के लिए हरिद्वार जिले के मंगलौर कोतवाली के लखनोता गांव में विशाल मेला लगा है. यहां साल में पांच बार घोड़ों का बड़ा मेला लगता है. 16 फरवरी से शुरू हुआ ये मेला 25 फरवरी तक चलेगा. इस मेले में घोड़ों को बेचने और खरीदने के लिए यूपी, हरियाणा, पंजाब राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. इस विशाल मेले का आयोजन जिला पंचायत परिषद हरिद्वार करता है.
इस मेले में आपको पांच हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का घोड़ा यहां पर आसानी से मिल सकता है. ये मेला इससे पहले उत्तर प्रदेश के देवबंद शहर में लगता था. लेकिन, घोड़ा और खच्चरों में ग्लाइडर बीमारी फैलने के कारण सरकार ने इस मेले को बंद कर दिया. अब ये मेला उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के लखनोता गांव साल 2017 से लगता है.
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डॉ. विजय माल्या ने बताया कि जहां पर भी इस तरह के मेले लगाए जाते हैं वे वहां अपनी सेवा देते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी संस्था 16 देशों में कार्य कर रही है. भारत में 10 राज्यों में 48 यूनिट कार्य कर रही है. ये पूरे साल में 68 अश्व मेले में शामिल होते हैं.
मेले का आयोजन करवा रहे बालेश्वर सिंह ने बताया कि जिला हरिद्वार के लखनौता में ये मेला एक साल में पांच बार लगाया जाता है. इसमें दूर-दूर से घोड़ों की बिक्री के लिए ग्राहक आते हैं. पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पौड़ी, गढ़वाल, टिहरी और देहरादून से आकर खरीदारी करते हैं.