लक्सर/मसूरी/हल्द्वानी: होली का पर्व नगर में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया. नगर में अनेक स्थानों पर होलिका को सजाया गया. वहीं, पहाड़ों की रानी मसूरी में होली की धूम देखी जा रही है. होली के रंगों का खुमार धीरे-धीरे लोगों पर चढ़ रहा है. इसके साथ ही हल्द्वानी महानगर में जहां जगह-जगह होली की धूम देखी जा रही है, तो वहीं होली के मौके पर होलिका दहन की जानी है. ऐसे में होलिका दहन से पहले महिलाएं होलिका की पूजा अर्चना कर परिवार की सुख शांति की कामना कर रहे हैं.
लक्सर में होली की धूम.
लक्सर नगर में सुबह से ही होली का पूजन प्रारंभ हो गया है. होली पूजन को लेकर महिलाओं ने पूरी तैयारी कर रखी है. वह नौनिहालों को संग लेकर होली पूजन करने गई. जिसके बाद रात्रि में शुभ मुहूर्त में होली का दहन किया जाएगा. होली का नाम आते ही मन में आकर्षक रंगों की छटा के साथ ही साथ चाट, पकौड़ी व मिठाई के रूप में गुंजिया की मिठाई का अहसास होने लगता है. वैसे तो इस प्रकार के सामान को दुल्हैंडी पर ही प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसे जोड़ा होली से ही जाता है.
रविवार को होली का त्योहार नगर में बड़ी ही श्रद्धा, विश्वास, उत्साह, उमंग और धूमधाम के साथ मनाया गया. कई दिन पहले बच्चों व युवाओं द्वारा होली को लकड़ियों, घास-फूंस और उपलों से तैयार कर दिया गया था. सुबह से ही महिलाओं ने होली का पूजन प्रारंभ कर दिया था. महिलाएं आकर्षक थाल लेकर उसमें होली से संबंधित सामग्री को लेकर अपने बच्चों के साथ पूजन के लिए निकलीं. महिलाओं के संग बच्चे गले में बेर, गोला, छुआरे, होली हार को डाले बड़े ही आकर्षक लग रहे थे.
पढ़ें: देवभूमि में होल्यारों पर चढ़ा होली का खुमार, अबीर-गुलाल के साथ थिरक रहे लोग
पूजन करने आई आरती गोयल ने बताया कि होली का पर्व खुशियों का पर्व है, बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व इसमें सभी भेदभाव भूलकर एक दूसरे को होली की बधाई दी जाती है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस होली में बुराइयों का अंत हो और कोरोना जैसी महामारी का अंत भी संभव है.

पहाड़ों की रानी मसूरी में होली का पर्व की धूम
पहाड़ों की रानी मसूरी में होली की धूम देखी जा रही है. होली के रंगों का खुमार धीरे-धीरे लोगों पर चढ़ रहा है. होली से पहले होलिका दहन मनाया जा रहा है. मसूरी के मुख्य चौराहा में होलिका दहन को लेकर विशेष तैयारी की गई है. सुबह से ही महिलाएं होलिका की पूजन करने के लिए चौहराहों पर पहुंची और होलिका की पूजा कर पुराने वर्ष की बुराइयों का अंत कर नए शुभ वर्ष की शुभ कामना की. हिंदुओं का दीपावली के बाद होली सबसे बड़ा त्योहार है. हिंदू धर्म की संस्कृति और सभ्यता उनके त्योहारों में झलकती है.
महिलाओं ने बताया कि होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है, और अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर पूरे हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाते हैं. उन्होने बताया कि होलिका दहन के पीछे विष्णु भक्त प्रह्लाद और होलिका की कहानी छुपी हुई है.
पढ़ें: महाकुंभ में आए 18 इंच छोटे बाबा की बड़ी है महिमा, सेल्फी के लिए लग रही भीड़
हिरण्यकश्यप की बहन को होलिका जैसे आग में न जलने का वरदान मिला था. प्रह्लाद को मारने के लिए अपने भाई के कहने पर उसने उसे गोद में लेकर बैठ गई. लेकिन भगवान की कृपा से वह खुद जल कर राख हो गई, लेकिन प्रह्लाद को आंच तक नहीं आई. इसके अलावा भी होली मनाने के कई कारण हैं. होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होता है जो हिंदू वर्ष का अंतिम दिन होता है.
हल्द्वानी में पारंपरिक परिधानों के साथ महिलाएं कर रही है होलिका पूजा
हल्द्वानी महानगर में जहां जगह-जगह होली की धूम देखी जा रही है, तो वहीं होली के मौके पर आज होलिका दहन की जानी है. ऐसे में होलिका दहन से पहले महिलाएं होलिका का पूजा अर्चना कर परिवार की सुख शांति की कामना कर रहे हैं. महिलाएं सुबह से ही मंदिरों में पहुंच पूजा अर्चना के साथ-साथ हल्द्वानी स्थित होली ग्राउंड में विशाल होलिका दहन कार्यक्रम से पहले महिलाएं पारंपरिक परिधानों के साथ मां होलिका का पूजा अर्चना कर रही हैं.
पढ़ें: फटी जींस विवाद: दुष्यंत गौतम ने सीएम तीरथ का किया बचाव, जानें प्रतिक्रिया
आज होलिका पर्व को लेकर सुबह से महिलाएं घरों में तैयारियां कर पकवान बना रही है. पकवान को होलिका में चढ़ाकर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना कर रही हैं. वहीं अधिकतर महिलाएं आज व्रत के साथ मां होलिका का पूजा-अर्चना कर रही है. सुहागिन महिलाएं जहां पारंपरिक वेशभूषा और सोलह सिंगार के साथ अपने पति पुत्र की दीर्घायु की कामना भी कर रही हैं.