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नगर निगम में शामिल होने से रामपुर व पाडली गुर्जर के ग्रामीणों में खुशी - रुड़की न्यूज

रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर उठापटक का दौर चल रहा था. जिस पर अब हाईकोर्ट के फैसले ने काफी हद तक रोक लगा दी है.

रामपुर व पाडली गुर्जर गांव
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Published : Jul 24, 2019, 6:33 AM IST

Updated : Jul 24, 2019, 8:21 AM IST

रुड़की: रुड़की नगर निगम चुनाव को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद रुड़की रामपुर व पाडली गुर्जर गांव में खुशी की लहर है. दोनों गांव के लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और खुशी जीहिर की. दरअसल आपको बता दें कि पिछले 1 साल से रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर उठापटक का दौर चल रहा था. जिस पर अब हाईकोर्ट के फैसले ने काफी हद तक रोक लगा दी है.

रामपुर व पाडली गुर्जर गांव नगर निगम में शामिल हुए.

जहां राज्य सरकार विशेष समुदाय वाले 2 गांव पाडली गुर्जर और रामपुर को निगम चुनाव में शामिल न करके अन्य गांवों को शामिल कर चुनाव कराना चाहती थी. सरकार की इस मंशा पर हाई कोर्ट ने पानी फेर दिया.

अब चुनाव दोनों गांव को जोड़कर किए जाएंगे. हाई कोर्ट के फैसले को लेकर गांव वालों ने हाई कोर्ट का धन्यवाद किया है. लोगों का कहना है कि निगम में शामिल होने से वंचित सुविधाएं अब जरूर मिलेंगी.

यह भी पढ़ेंः दो लड़कियों को हुआ प्यार तो दे दी शादी की अर्जी, हुई नामंजूर

गौरतलब है कि राज्य सरकार 16 गांव को जोड़कर चुनाव में रुड़की मेयर पद कब्जाना चाहती थी. राज्य सरकार ने इसी कारण से हरीश रावत सरकार के विशेष समुदाय वाले रामपुर और पाडली गुर्जर गांव सहित 9 गांव के आधार वाले परिसीमन को हटाकर नए सिरे से 16 गांव को लेकर करना चाहती थी. जिस दायरे से दोनों गांव बाहर किए गए थे. अब यह दोनों गांव हाई कोर्ट के आदेश पर शामिल हो जाने से कांग्रेस यहां मजबूत हो गई है.

रुड़की: रुड़की नगर निगम चुनाव को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद रुड़की रामपुर व पाडली गुर्जर गांव में खुशी की लहर है. दोनों गांव के लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और खुशी जीहिर की. दरअसल आपको बता दें कि पिछले 1 साल से रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर उठापटक का दौर चल रहा था. जिस पर अब हाईकोर्ट के फैसले ने काफी हद तक रोक लगा दी है.

रामपुर व पाडली गुर्जर गांव नगर निगम में शामिल हुए.

जहां राज्य सरकार विशेष समुदाय वाले 2 गांव पाडली गुर्जर और रामपुर को निगम चुनाव में शामिल न करके अन्य गांवों को शामिल कर चुनाव कराना चाहती थी. सरकार की इस मंशा पर हाई कोर्ट ने पानी फेर दिया.

अब चुनाव दोनों गांव को जोड़कर किए जाएंगे. हाई कोर्ट के फैसले को लेकर गांव वालों ने हाई कोर्ट का धन्यवाद किया है. लोगों का कहना है कि निगम में शामिल होने से वंचित सुविधाएं अब जरूर मिलेंगी.

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गौरतलब है कि राज्य सरकार 16 गांव को जोड़कर चुनाव में रुड़की मेयर पद कब्जाना चाहती थी. राज्य सरकार ने इसी कारण से हरीश रावत सरकार के विशेष समुदाय वाले रामपुर और पाडली गुर्जर गांव सहित 9 गांव के आधार वाले परिसीमन को हटाकर नए सिरे से 16 गांव को लेकर करना चाहती थी. जिस दायरे से दोनों गांव बाहर किए गए थे. अब यह दोनों गांव हाई कोर्ट के आदेश पर शामिल हो जाने से कांग्रेस यहां मजबूत हो गई है.

Intro:हाई कोर्ट के फैसले से ग्रामीण खुश


Body:रुड़की नगर निगम चुनाव को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद रुड़की रामपुर व पाडली गुर्जर गांव में खुशी की लहर है जहां हाई कोर्ट के फैसले की जानकारी मिलते ही दोनों गांव के लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाई और खुशी ज़ाहिर की।

दरअसल आपको बता दें कि पिछले 1 साल से रुड़की नगर निगम के चुनाव को लेकर उठापटक का दौर चल रहा था जिस पर आज हाईकोर्ट के फैसले ने काफी हद तक रोक लगा दी है जहां राज्य सरकार विशेष समुदाय वाले 2 गांव पाडली गुर्जर और रामपुर को निगम चुनाव में शामिल ना करके अन्य गांवों को शामिल कर चुनाव कराना चाहती थी सरकार की इस मंशा पर हाईकोर्ट ने पानी फेर दिया अब चुनाव दोनों गांव को जोड़कर किए जाएंगे हाई कोर्ट के फैसले को लेकर गांव वालों ने हाईकोर्ट का धन्यवाद किया है लोगों का कहना है कि निगम में शामिल होने से वंचित सुविधाएं अब जरूर मिलेंगी।

गौरतलब है कि राज्य सरकार 16 गांव को जोड़कर चुनाव में रुड़की मेयर पद कबजाना चाहती थी राज्य सरकार ने इसी कारण से हरीश रावत सरकार के विशेष समुदाय वाले रामपुर और पाडली गुर्जर गांव सहित 9 गांव के आधार वाले परिसीमन को हटाकर नए सिरे से 16 गांव को लेकर करना चाहती थी जिस दायरे से दोनों गांव बाहर किए गए थे अब यह दोनों गांव हाईकोर्ट के आदेश पर शामिल हो जाने से कांग्रेस यहां मजबूत हो गई है।

बाइट - ग्रामीण ,1,2,3,4


Conclusion:
Last Updated : Jul 24, 2019, 8:21 AM IST
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