हरिद्वारः महाकुंभ में कोरोना जांच के नाम पर हुए फर्जीवाड़े मामले में जिला प्रशासन की ओर से तीन सदस्यीय समिति से जांच कराई जा रही है. वहीं अब मेला स्वास्थ्य अधिकारी ने भी अपने स्तर पर विभागीय आंतरिक जांच शुरू कर दी है. इसके लिए मेला स्वास्थ्य अधिकारी ने आंतरिक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन कर सभी डाक्यूमेंट्स की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस जांच को 15 दिन के भीतर पूरा कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर फर्जीवाड़े से संबंधित किसी भी तरह की कोई रिपोर्ट अपने पास आने से इनकार कर रहे हैं. उसके बावजूद उन्होंने मीडिया से मिली जानकारी के आधार सभी लैब के भुगतान पर रोक लगा दी है. साथ ही जांच पूरी होने तक भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि अगर जांच में फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो अन्य सभी लैब्स जो इंपैनल्ड हैं, उनकी जांच भी करवाई जाएगी. फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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इंपैनल्ड 11 लैबों की सूची
- नॉबस लैब
- डीएनए लैब्स
- फिक्की लैब
- स्टार इमेजिंग
- हिंदुस्तान वैलनेस
- मैक्स कॉरपोरेशन- डॉ. लाल चंदानी लैब और नलवा लैबोरेट्रीज
- प्रीफ्रीड पाथ
- आहूजा पाथ
- फोकस इमेजिंग
- कोरो डायग्नोस्टिक
डॉ. लाल चंदानी लैब और नलवा लैबोरेट्रीज पर गड़बड़झाला करने की आशंका
सबसे ज्यादा जांच मैक्स कॉरपोरेशन के अंतर्गत कार्य करने वाले दोनों लैब ने की थी. इन्हीं दोनों लैब्स की कार्यप्रणाली पर फर्जीवाड़ा किए जाने की आशंका है. कुंभ मेले के दौरान आए हुए श्रद्धालुओं, साधु संतों और स्थानीय लोगों को मिलाकर मेला प्रशासन की ओर से कुल 2,51,457 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया. जिसमें 2,07,159 एंटीजन टेस्ट और 4,42,78 RT-PCR टेस्ट किए गए. दो लाख से अधिक किए गए एंटीजन टेस्ट में केवल 1,023 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जबकि, आरटीपीसीआर की केवल 1,250 रिपोर्ट पॉजिटिव आई. बाकी सभी जांच रिपोर्ट निगेटिव पाई गई.
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कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले मैक्स कॉरपोरेशन की दोनों लैब्स डॉ. लाल चंदानी की ओर से 13,992 एंटीजन टेस्ट किए गए. जबकि कोई भी आरटीपीआर टेस्ट नहीं किया गया. वहीं, दूसरी लैब नलवा लैबोरेटरीज की ओर से 1,04247 एंटीजन टेस्ट और 5,782 आरटीपीसीआर टेस्ट किए गए हैं. बताया जा रहा है कि मैक्स कॉरपोरेशन का स्वामी कोई शरद पंत नामक व्यक्ति है. उसका ऑफिस दिल्ली के भीकाजी कॉम्प्लेक्स में बताया जा रहा है.
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डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर का कहना है कि कोविड जांच के लिए मेला स्वास्थ विभाग की ओर से 11 लैब्स को इंपैनल्ड किया गया था. जबकि, सीएमओ ऑफिस से 14 लैब इनपैनल है, लेकिन उनकी जानकारी उन्हें नहीं है. इन सभी इनपैनल्ड लैब्स की ओर से फर्जीवाड़ा किए जाने की जानकारी मीडिया से मिलने के बाद ही उन्होंने इसकी जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की है. समिति को बिल की गहराई से जांच करने और आईडी का मिलान करने के निर्देश दिए गए हैं.
CMO के हाथों में था कोविड पोर्टल पर एंट्री का एक्सेसः डॉ. सेंगर
उन्होंने कहा कि कोविड पोर्टल पर एंट्री सीएमओ ऑफिस के द्वारा की गई. पोर्टल की एक्सेस भी सीएमओ ऑफिस के ही पास है और जो लॉग इन आईडी जारी की गई, वह भी सीएम ऑफिस से ही जारी की हुई है. ऐसे में उनके पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन कोविड जांच के नाम पर कोई फर्जीवाड़ा हुआ है तो उसकी गहनता से जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
लैब्स के रोके गए करीब 9 करोड़ रुपये के बिल
उन्होंने बताया कि मेला स्वास्थ्य विभाग का कोविड जांच का लैब्स का बिल करीब 9 करोड़ रुपये का है, लेकिन विभाग की ओर से सभी पेमेंट को रोक दिया गया है. केवल दो स्थानीय लैब्स के पेमेंट हुए हैं, लेकिन उनका वेरिफिकेशन होने के बाद ही पेमेंट किया गया है. जिनका वेरिफिकेशन नहीं हो पाया था, उनके भुगतान नहीं हुए हैं.
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डॉ. सेंगर का कहना है कि जब जांच रिपोर्ट उनके सामने आई तब इतनी बड़ी मात्रा में टेस्टिंग होने के बावजूद अधिकांश रिपोर्ट नेगेटिव आने से संशय की स्थिति बनी थी. जब यह पूरी जानकारी उनके संज्ञान में लाई गई, तभी उन्होंने आंतरिक कमेटी गठित कर दी थी और गहनता से जांच करने के लिए कहा था.
ICMR की ओर से जारी किया गया था टेस्ट रेट
जिन लैब्स को इनपैनल्ड किया गया था, वे सभी आईसीएमआर से एप्रूव्ड थी और आईसीएमआर की ओर से तय रेट ₹354 एंटीजन और ₹500 RT-PCT टेस्ट करने के लिए तैयार थी. इन लैब्स का कार्यालय आदि का भौतिक सत्यापन नहीं किया गया था. बल्कि जो भी पत्राचार हुआ है, वह ईमेल आईडी पर ही किया गया है.
क्या है मामला
बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है. क्योंकि कुंभ मेले के दौरान किए गए 1 लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब की ओर से एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.
इतना ही नहीं कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है, क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है.