हरिद्वार: कुंभ के कुछ कामों को लेकर 15 अक्टूबर से एक महीने के लिए गंगा को बंद किया जा रहा है. जिसका हरिद्वार के स्थानीय व्यापारियों ने विरोध किया है. व्यापारियों ने मंगलवार को सिंचाई विभाग के कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों की मांग हैं 30 नवंबर के बाद ही गंगा बंदी की जाए.
व्यापारियों नें सिंचाई विभाग अपने इस आदेश को जल्द वापस लेने की मांग की है. व्यापारियों का कहना है कि एक तो सरकार 15 अक्टूबर से ट्रेन चलाने जा रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ सरकार 15 अक्टूबर से गंगनगर को बंद करने जा रही है. गंगनहर बंद होने से हरिद्वार में यात्री नहीं आएंगे. जिससे उनका व्यापार काफी प्रभावित होगा. ऐसे में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से पहले ही वे भुखमरी की कगार पर पहुंंच गए हैं. लिहाजा, इस बंदी को 30 नवंबर के बाद किया जाए. व्यापारियों ने चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
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प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष नीरज सिंघल ने कहा कि इस तरह के काम करके हरिद्वार के व्यापारियों को समाप्त करने की साजिश चल रही है. पहले लॉकडाउन और फिर कांवड़ मेले पर प्रतिबंध लगाकर व्यपारियों की कमर तो पहले ही तोड़ दी गई है, लेकिन अब जब व्यापारी कामकाज को पटरी पर लाने की तैयारी कर रहा तो गंगनहर का बंद किया गया है. व्यापारियों की मांग है कि 30 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही गंगा बंदी घोषित की जाए. अगर, ऐसा नहीं होता है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.