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हरिद्वार पुलिस कॉन्स्टेबल की आंख फोड़ने वाले 5 बदमाश गिरफ्तार, जगह चुनने से चोरी तक ऐसे देते थे अंजाम

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Published : Jun 4, 2022, 3:02 PM IST

Updated : Jun 4, 2022, 5:33 PM IST

हरिद्वार पुलिस के सिपाही पर कातिलाना हमला करने वाले आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं. कोतवाली हरिद्वार क्षेत्र से पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि हरिद्वार के पॉश कॉलोनी शिवालिक नगर में गश्त कर रहे रानीपुर पुलिस के सिपाहियों पर इन आरोपियों ने कातिलाना हमला किया था, जिसमें एक पुलिस कर्मी की ऑपरेशन करके आंख निकालनी पड़ी थी. वहीं, ये सभी आरोपी अन्य घटनाओं में भी शामिल रहे हैं. इन सभी का संबंध मध्यप्रदेश के शातिर गैंग से है.

haridwar police arrested 5 accused
कॉन्स्टेबल पर हमला करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार

हरिद्वार: पॉश कॉलोनी शिवालिक नगर में गश्त कर रहे रानीपुर पुलिस के सिपाहियों पर कातिलाना हमला करने सहित अन्य घटनाओं में शामिल रहे मध्यप्रदेश के शातिर गैंग के 5 सदस्यों को कोतवाली रानीपुर पुलिस ने सीआईयू की मदद से धर दबोचा है. आरोपियों को कोतवाली हरिद्वार क्षेत्र के चमगादड़ टापू से पकड़ा गया है. उनके पास से लाखों की कीमत का सोना बरामद किया गया है. इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने हरिद्वार में हुई एक अन्य बड़ी चोरी का भी खुलासा कर दिया है.

बता दें कि, बीती 26 मई तड़के कोतवाली रानीपुर क्षेत्र की पॉश कॉलोनियों में शुमार शिवालिक नगर में गश्त कर रहे सिपाही प्रीतपाल और विनयपाल ने वारदात की नियत से घूम रहे दो बदमाशों को पकड़ा. इसी दौरान बदमाशों के दो अन्य साथियों ने पीछे से पुलिसकर्मियों पर गुलेल से जानलेवा हमला कर दिया. गुलेल से निकला पत्थर सिपाही प्रीतपाल की आंख पर जाकर लगा. इस बीच सभी बदमाश फरार हो गए. सिपाही प्रीतपाल को जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे तत्काल हायर सेंटर रेफर किया. तीन दिन चले उपचार के बाद डॉक्टरों को प्रीतपाल की आंख निकालनी पड़ी. इस घटना के बाद से ही पुलिस और सीआईयू मध्यप्रदेश, यूपी, गुजरात के कई इलाकों में फरार हुए बदमाशों की धरपकड़ के लिए जुटी हुई थी.
ये भी पढ़ें: बदमाशों के हमले में घायल सिपाही ने गंवाई आंख, एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन

शुक्रवार 3 जून देर रात पुलिस को सूचना मिली कि सिपाहियों पर हमला करने वाले बदमाश एक बार फिर हरिद्वार में ही हैं. उनकी लोकेशन चमगादड़ टापू के आसपास मिली. सूचना पर पुलिस व एसओजी की टीम मौके पर पहुंची और पांच आरोपियों को धर दबोचा. पुलिस को इनके पास से करीब 25 लाख रुपए का सोना और वारदात में इस्तेमाल होने वाली गुलेल सहित रिंच और पाना आदि बरामद हुआ है.

कॉन्स्टेबल पर जानलेवा हमला करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार.

दो आरोपी अभी भी फरार: 7 बदमाशों के इस गिरोह में से पुलिस ने भी 5 बदमाशों को ही गिरफ्तार किया है जबकि दो बदमाश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बड़ी बात ये है कि वो आरोपी अभी फरार है जिसने सिपाही प्रितपाल पर हमला किया था. इस फरार आरोपी को पकड़ना पुलिस के लिए अभी भी एक बड़ी चुनौती है.

ये हैं लुटेरी जनजाति: आरोपी मध्यप्रदेश के उज्जैन इलाके में रहने वाली पारदी जनजाति से जुड़े हैं. ये एक खानाबदोश जनजाति है जो सड़क किनारे रहकर वारदातों को अंजाम देते हैं और फिर दूसरे इलाके में निकल जाते हैं. कुख्यात पारदी जनजाति के ये बदमाश अपने साथ अपना पूरा परिवार लेकर चलते हैं. महिलाओं के साथ इनके बच्चे भी शहर-शहर घूमते हैं लेकिन वारदात के समय यह लोग अकेले ही चोरी या लूट की वारदात को अंजाम देने जाते हैं जबकि महिलाएं या बच्चे बनाए गए अस्थायी डेरे में ही रहते हैं.

26 मई को हुए घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज.

नहीं रखते मोबाइल: पारदी जनजाति के बदमाश अपने साथ मोबाइल नहीं रखते. मोबाइल इनकी पत्नियों के पास रहता है. जिस समय लोग वारदात को अंजाम देने जाते हैं उस समय पुलिस इन्हें ट्रेस न कर सके इसलिए इनके पास कोई मोबाइल नहीं रहता जिस कारण इन्हें पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता है. लूट या चोरी की वारदात में मिला सामान इनके अस्थायी डेरे पर नहीं मिलता जबकि, इस सामान को सुरक्षित रखने के लिए यह डेरे के आसपास की गड्ढा खोदकर उसमें सोना चांदी जैसे कीमती सामान को रखते हैं ताकि इनके डेरे पर भी यदि पुलिस की छापेमारी होती है तो वहां कुछ न मिल सके.

दिन में बेचते हैं सामान: पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए यह शातिर गिरोह रात में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है लेकिन दिन में यह अपने परिवार के साथ सड़कों पर खिलौने आदि बेचता है ताकि इनके ऊपर किसी को कोई शक न हो. इन बदमाशों का पूरा काफिला शहर-शहर घूमता है. जिस शहर में ये लोग पहुंचते हैं वहां सबसे पहले क्षेत्र के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और ऐसे स्थानों का चिन्हीकरण करते हैं. जहां पर मेला आदि लगता हो उस स्थान पर ये लोग अस्थायी तंबू लगाकर रहते हैं और यहीं से वारदातों को अंजाम देकर सरलता से निकल भी जाते हैं.

जेब काटने का भी करते हैं काम: इस गांव के लोग न केवल चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं बल्कि जब ये लोग भीड़भाड़ वाले इलाके में पहुंचते हैं तो इनमें से कुछ लोग सामान बेचने के साथ लोगों की जेब काटने का भी काम करते हैं. घुमक्कड़ जनजाति से संबंध रखने वाले इस लोगों को पकड़ना इतना आसान नहीं था. वारदात को अंजाम देकर ये रातभर में ही एक शहर से दूसरे शहर निकल जाते थे. इनकी खबर किसी को नहीं होती थी लेकिन सीआईयू/एसओजी ने इन बदमाशों को न केवल ढूंढ निकाला बल्कि पूर्व में इनके द्वारा की गई वारदातों का खुलासा करने के साथ चोरी किया गया माल भी बरामद कर लिया.

एसओजी की कप्तान ने थपथपाई पीठ: मध्यप्रदेश से आकर हरिद्वार में ताबड़तोड़ कई वारदातों को अंजाम देने वाले पारदी गिरोह को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली एसओजी हरिद्वार की टीम की एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने पीठ थपथपाई है. इस टीम को बदमाशों पर रखे गए सवा लाख का इनाम भी दिया जाएगा. पुलिस द्वारा इन बदमाशों को पकड़ने पर 25-25 हजार का इनाम दो दिन पहले ही घोषित किया गया था.

क्या कहते हैं एसएसपी: एसएसपी हरिद्वार डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि, बीती देर रात पुलिस टीम ने चमगादड़ टापू क्षेत्र से इस गिरोह के 5 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनसे हरिद्वार में की गई छह वारदातों का खुलासा हुआ है. बीती रात भी ये लोग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. इनके पकड़े जाने के बाद थाना कनखल में तीन, रानीपुर में दो और सिडकुल में एक घटना का खुलासा भी हो गया है. इनके आपराधिक रिकॉर्ड पता किया जा रहा है.

हरिद्वार: पॉश कॉलोनी शिवालिक नगर में गश्त कर रहे रानीपुर पुलिस के सिपाहियों पर कातिलाना हमला करने सहित अन्य घटनाओं में शामिल रहे मध्यप्रदेश के शातिर गैंग के 5 सदस्यों को कोतवाली रानीपुर पुलिस ने सीआईयू की मदद से धर दबोचा है. आरोपियों को कोतवाली हरिद्वार क्षेत्र के चमगादड़ टापू से पकड़ा गया है. उनके पास से लाखों की कीमत का सोना बरामद किया गया है. इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने हरिद्वार में हुई एक अन्य बड़ी चोरी का भी खुलासा कर दिया है.

बता दें कि, बीती 26 मई तड़के कोतवाली रानीपुर क्षेत्र की पॉश कॉलोनियों में शुमार शिवालिक नगर में गश्त कर रहे सिपाही प्रीतपाल और विनयपाल ने वारदात की नियत से घूम रहे दो बदमाशों को पकड़ा. इसी दौरान बदमाशों के दो अन्य साथियों ने पीछे से पुलिसकर्मियों पर गुलेल से जानलेवा हमला कर दिया. गुलेल से निकला पत्थर सिपाही प्रीतपाल की आंख पर जाकर लगा. इस बीच सभी बदमाश फरार हो गए. सिपाही प्रीतपाल को जिला चिकित्सालय ले जाया गया, जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे तत्काल हायर सेंटर रेफर किया. तीन दिन चले उपचार के बाद डॉक्टरों को प्रीतपाल की आंख निकालनी पड़ी. इस घटना के बाद से ही पुलिस और सीआईयू मध्यप्रदेश, यूपी, गुजरात के कई इलाकों में फरार हुए बदमाशों की धरपकड़ के लिए जुटी हुई थी.
ये भी पढ़ें: बदमाशों के हमले में घायल सिपाही ने गंवाई आंख, एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन

शुक्रवार 3 जून देर रात पुलिस को सूचना मिली कि सिपाहियों पर हमला करने वाले बदमाश एक बार फिर हरिद्वार में ही हैं. उनकी लोकेशन चमगादड़ टापू के आसपास मिली. सूचना पर पुलिस व एसओजी की टीम मौके पर पहुंची और पांच आरोपियों को धर दबोचा. पुलिस को इनके पास से करीब 25 लाख रुपए का सोना और वारदात में इस्तेमाल होने वाली गुलेल सहित रिंच और पाना आदि बरामद हुआ है.

कॉन्स्टेबल पर जानलेवा हमला करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार.

दो आरोपी अभी भी फरार: 7 बदमाशों के इस गिरोह में से पुलिस ने भी 5 बदमाशों को ही गिरफ्तार किया है जबकि दो बदमाश अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बड़ी बात ये है कि वो आरोपी अभी फरार है जिसने सिपाही प्रितपाल पर हमला किया था. इस फरार आरोपी को पकड़ना पुलिस के लिए अभी भी एक बड़ी चुनौती है.

ये हैं लुटेरी जनजाति: आरोपी मध्यप्रदेश के उज्जैन इलाके में रहने वाली पारदी जनजाति से जुड़े हैं. ये एक खानाबदोश जनजाति है जो सड़क किनारे रहकर वारदातों को अंजाम देते हैं और फिर दूसरे इलाके में निकल जाते हैं. कुख्यात पारदी जनजाति के ये बदमाश अपने साथ अपना पूरा परिवार लेकर चलते हैं. महिलाओं के साथ इनके बच्चे भी शहर-शहर घूमते हैं लेकिन वारदात के समय यह लोग अकेले ही चोरी या लूट की वारदात को अंजाम देने जाते हैं जबकि महिलाएं या बच्चे बनाए गए अस्थायी डेरे में ही रहते हैं.

26 मई को हुए घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज.

नहीं रखते मोबाइल: पारदी जनजाति के बदमाश अपने साथ मोबाइल नहीं रखते. मोबाइल इनकी पत्नियों के पास रहता है. जिस समय लोग वारदात को अंजाम देने जाते हैं उस समय पुलिस इन्हें ट्रेस न कर सके इसलिए इनके पास कोई मोबाइल नहीं रहता जिस कारण इन्हें पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता है. लूट या चोरी की वारदात में मिला सामान इनके अस्थायी डेरे पर नहीं मिलता जबकि, इस सामान को सुरक्षित रखने के लिए यह डेरे के आसपास की गड्ढा खोदकर उसमें सोना चांदी जैसे कीमती सामान को रखते हैं ताकि इनके डेरे पर भी यदि पुलिस की छापेमारी होती है तो वहां कुछ न मिल सके.

दिन में बेचते हैं सामान: पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए यह शातिर गिरोह रात में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है लेकिन दिन में यह अपने परिवार के साथ सड़कों पर खिलौने आदि बेचता है ताकि इनके ऊपर किसी को कोई शक न हो. इन बदमाशों का पूरा काफिला शहर-शहर घूमता है. जिस शहर में ये लोग पहुंचते हैं वहां सबसे पहले क्षेत्र के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और ऐसे स्थानों का चिन्हीकरण करते हैं. जहां पर मेला आदि लगता हो उस स्थान पर ये लोग अस्थायी तंबू लगाकर रहते हैं और यहीं से वारदातों को अंजाम देकर सरलता से निकल भी जाते हैं.

जेब काटने का भी करते हैं काम: इस गांव के लोग न केवल चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं बल्कि जब ये लोग भीड़भाड़ वाले इलाके में पहुंचते हैं तो इनमें से कुछ लोग सामान बेचने के साथ लोगों की जेब काटने का भी काम करते हैं. घुमक्कड़ जनजाति से संबंध रखने वाले इस लोगों को पकड़ना इतना आसान नहीं था. वारदात को अंजाम देकर ये रातभर में ही एक शहर से दूसरे शहर निकल जाते थे. इनकी खबर किसी को नहीं होती थी लेकिन सीआईयू/एसओजी ने इन बदमाशों को न केवल ढूंढ निकाला बल्कि पूर्व में इनके द्वारा की गई वारदातों का खुलासा करने के साथ चोरी किया गया माल भी बरामद कर लिया.

एसओजी की कप्तान ने थपथपाई पीठ: मध्यप्रदेश से आकर हरिद्वार में ताबड़तोड़ कई वारदातों को अंजाम देने वाले पारदी गिरोह को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली एसओजी हरिद्वार की टीम की एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने पीठ थपथपाई है. इस टीम को बदमाशों पर रखे गए सवा लाख का इनाम भी दिया जाएगा. पुलिस द्वारा इन बदमाशों को पकड़ने पर 25-25 हजार का इनाम दो दिन पहले ही घोषित किया गया था.

क्या कहते हैं एसएसपी: एसएसपी हरिद्वार डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि, बीती देर रात पुलिस टीम ने चमगादड़ टापू क्षेत्र से इस गिरोह के 5 शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनसे हरिद्वार में की गई छह वारदातों का खुलासा हुआ है. बीती रात भी ये लोग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. इनके पकड़े जाने के बाद थाना कनखल में तीन, रानीपुर में दो और सिडकुल में एक घटना का खुलासा भी हो गया है. इनके आपराधिक रिकॉर्ड पता किया जा रहा है.

Last Updated : Jun 4, 2022, 5:33 PM IST
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