हरिद्वार: इस बार का महाकुंभ कुछ अलग अंदाज में होगा. जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को कुंभ की भव्यता नजर आएगी. ये कहना है 2021 में होने वाले कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत का. कुम्भ के कार्यों के लिए कवायद शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने कुम्भ कार्यों के लिए केंद्र सरकार से 5 हजार करोड़ रुपये की मांग की है. इसके अलावा राज्य सरकार ने कुम्भ के दौरान ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए भी योजना बनाई है.
इसी कड़ी में पयर्टन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में जिला योजना की बैठक की गई. जिसमें विकास कार्यों के लिए 40 करोड़ 75 लाख रुपये का बजट पास कर दिया गया है. बैठक के बाद सतपाल महाराज ने बताया कि कुम्भ कार्यों के लिए केंद्र सरकार से 5 हजार करोड़ रुपये की मांग की गई है.
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इस बजट से कुम्भ मेले के लिए स्थायी और अस्थाई कार्य करवाये जाएंगे. उन्होंने बताया कि कुम्भ के कार्यों के लिए साधु संतों से भी विचार विमर्श किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुम्भ के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए सभी संभव उपाय किये जायेंगे. उन्होंने आगे कहा कि ट्रैफिक जाम से बचने के लिए मेला प्रशासन को मनसा देवी के हिलबाई पास मार्ग को शुरू करने, चिल्ला मार्ग को दुरुस्त करने, ऑल वेदर रॉड का विकास और रेलवे ट्रैक के बीच में पड़ने वाले मार्गों पर ओवरब्रिजों का निर्माण करने के लिए योजना बनाने को कहा गया है.
जिला योजना की बैठक में सतपाल महाराज ने बताया कि पारित बजट पिछले साल की अपेक्षा 10 प्रतिशत अधिक है और इससे कहीं ना कहीं हरिद्वार के विकास कार्यों में काफी मदद मिलेगी.
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2021 में होने वाले कुम्भ के लिए उत्तराखंड शासन ने कुम्भ मेला के लिए दो बड़े पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति की है. हरिद्वार के जिलाधिकारी रहे दीपक रावत को हरिद्वार कुम्भ मेले के लिए मेलाधिकारी नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति के साथ ही राज्य सरकार ने भी मेला कार्यों के लिए खाका बनाना शुरू कर दिया है.
कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि कुंभ मेले को लेकर कई योजनाएं तैयार की जा रही हैं. इस बार कुम्भ में सुंदरता और स्वच्छता के अनुकूल ही सारे कार्य किए जाएंगे. दीपक रावत ने कहा कि मेला क्षेत्र को बढ़ाने के लिए काफी जमीन की जरूरत पड़ेगी, इसे देखते हुए हमने इस पर कार्य करना शुरू कर दिया है और जल्द ही कुंभ मेले के लिए पर्याप्त जमीन की व्यवस्था भी हो जाएगी. इसे लेकर सभी अखाड़ों से वार्ता भी की जाएगी.
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कुंभ की तैयारियों को लेकर अब सरकार गंभीर नजर आ रही है. क्योंकि अखाड़ा परिषद ने कुम्भ कार्यों को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी और जल्द ही मेला अधिकारी की नियुक्ति करने और जितने भी कार्य अधूरे पड़े हैं, उन्हें जल्द पूरा करने के लिए मांग की थी.