हरिद्वारः महाकुंभ के दिन नजदीक आ रहे हैं. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन रोजाना कुंभ कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं. हालांकि, अभी भी कई कार्य पूरे नहीं हो पाए हैं. ऐसे में आशंकित स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जनवरी से कुंभ का आयोजन नहीं किया गया तो वे आंदोलन करेंगे. इस संबंध में प्रदेश व्यापार मंडल महानगर कार्यकारिणी की बैठक भी हुई.
वहीं, व्यापारी इस बात को लेकर भी आशंकित हैं कि चार महीनों तक चलने वाले कुंभ को इस बार दो महीने में ही समेटा जा रहा है. वहीं, कुंभ मेले के लिए कार्यों में हो रही देरी पर अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई तो मेला अधिकारी दीपक रावत ने अधिकारियों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
बड़ा बाजार स्थित धर्मशाला में प्रदेश व्यापार मण्डल महानगर कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में जिला उपाध्यक्ष राजू वधावन ने कहा कि कुंभ मेले को लेकर मेला प्रशासन को स्थिति को साफ करनी चाहिए. कभी दिव्य और भव्य कुंभ मेला किए जाने का दावा किया जाता है, तो कभी कोरोना का हवाला देकर अधिकारी सादगी पूर्ण तरीके से ही कुंभ होने की बात करते हैं. यदि कुंभ मेला जनवरी से नहीं हुआ तो व्यापारी मंडल, मेला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेगा.
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बैठक में जिला महामंत्री डॉ. विशाल गर्ग ने कहा कि लाॅकडाउन से पूरी तरह टूट चुके व्यापारियों को कुंभ से बहुत आस है. व्यापारियों को उम्मीद है कि कुंभ में व्यापार पटरी पर लौटेगा. लेकिन मेले को लेकर स्थिति साफ नहीं की जा रही है. महानगर अध्यक्ष मयंक मूर्ति भट्ट ने कहा कि मेला प्रशासन और सरकार की मंशा पर सभी व्यापारियों को शक है. मेला प्रशासन की मंशा पहले से कुंभ मेला कराने की नहीं थी. तभी समय रहते तैयारियां नहीं की गई. अब कोरोना का भय दिखाकर कुंभ मेले को चार माह की जगह दो माह का करने की योजना बना दी गई है. जिससे व्यापारियों में रोष है.
कुंभ कार्यों को लेकर मेला अधिकारी की बैठक
कुंभ मेला नजदीक है, लेकिन अभी भी कई कार्य अधूरे हैं. अखाड़ा परिषद कई बार धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्यों पर नाराजगी जता चुका है. आज मेला अधिकारी दीपक रावत ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए. उधर, कुंभ कार्यों को लेकर अखाड़ा परिषद नाराज है. इस संबंध में परिषद की ओर से कई बार सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की जा चुकी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि मेला प्रशासन कितनी जल्दी कुंभ कार्यों को पूरा करती है.