हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पद संभालते ही प्रदेश के अफसरों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि जरा भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लेकिन प्रदेश में अफसरशाही इस कदर हावी है कि हरिद्वार में लेटकर फरियाद सुनने वाले कानूनगो अनिल कंबोज के खिलाफ तीन दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है.
ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने जिलाधिकारी को कानूनगो को सस्पेंड करने का आदेश भी दिये थे, लेकिन अफसरों ने उनके आदेश को दरकिनार कर कानूनगो को मुख्यालय से अटैच कर दिया. जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है कि अनिल कंबोज के खिलाफ जांच बैठाई गई है, दोषी पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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ईटीवी भारत ने 8 जुलाई को खबर प्रकाशित की थी कि बीजेपी के पूर्व जिला मंत्री राकेश शर्मा हरिद्वार तहसील के कानूनगो अनिल कंबोज के पास शस्त्र लाइसेंस के काम से गए थे. इस दौरान कानूनगो दफ्तर में फरियादियों की बेंच पर लेटकर आराम फरमा रहे थे. राकेश शर्मा ने जब कानूनगो से अपनी फाइल को देखने के लिए कहा तो कानूनगो साहब बेंच पर अंगड़ाइयां लेते हुए अपने दो असिस्टेंट से बातें करते रहे और उनकी तरफ देखा तक नहीं और न ही उनका काम किया.
राकेश शर्मा का कहना था कि उन्होंने ढाई महीने पहले शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. ढाई महीने से पटवारी और कानूनगो दोनों उनकी फाइल को दबाए बैठे हैं और लगातार पैसों की डिमांड कर रहे हैं. वो दफ्तर के कई चक्कर लगा चुके हैं, फिर भी उनका काम नहीं हो रहा है.
ये वीडियो वायरल होने के बाद कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने जिलाधिकारी को कानूनगो को सस्पेंड करने का आदेश दिया था. उधर, वीडियो वायरल होने पर कानूनगो अनिल कंबोज का कहना था कि उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी और वह दवाई खाकर बेंच पर लेट गए थे.