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रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशासन की पहल - street vendors in haridwar news

हरिद्वार में रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन भी स्थापित किए जाऐंगे. रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज के रूप में दस हजार रुपये की सहायता राशि दिए जाने को लेकर रजिस्ट्रेशन पत्र दिए गए. राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने लघु व्यापारियों को नगर निगम द्वारा पंजीकृत परिचय पत्र वितरित किए.

street vendors in haridwar news
रेहड़ी पटरी वाले बनेंगे आत्मनिर्भर.
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Published : Nov 10, 2020, 1:42 PM IST

हरिद्वार: रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा एक पहल शुरू की गई है. हरिद्वार में केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त निर्देशन में नगर निगम, जिला प्रशासन द्वारा ऋषिकुल मैदान में रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स, लघु व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल की गई. इस पहल के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज के रूप में दस हजार रुपये की सहायता राशि दिए जाने को लेकर रजिस्ट्रेशन किए गए. राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स, लघु व्यापारियों को नगर निगम द्वारा पंजीकृत परिचय पत्र भी वितरित किए. राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन भी स्थापित किए जाऐंगे.

रेहड़ी पटरी वाले बनेंगे आत्मनिर्भर.

कुंभ मेले से पहले रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन भी स्थापित किए जाएंगे. लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति के अध्यक्ष संजय चोपड़ा का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दस हजार रुपये के कर्ज की राशि दी जानी है. उसके लिए सभी रेहड़ी-पटरी वालों को तैयार किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके लिए आवेदन करें. उनका कहना है कि हरिद्वार में 15 वेंडिंग जोन प्रस्तावित हैं. तीन वेंडिंग जोन को स्मार्ट जोन बनाया जा रहा है. उनका कहना है कि हरिद्वार में दो से ढाई हजार रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स हैं जो रेहड़ी बेलवाला से हटाए गए हैं. इनको भी हरिद्वार के तमाम घाटों पर स्थापित किया जाना है तभी आत्मनिर्भर बनाने की योजना सफल हो सकेगी.

यह भी पढे़ं-हल्द्वानी: त्योहार के मद्देनजर शहर में रूट डायवर्जन, मैप देखकर ही निकलें बाहर

मामले में जिला अधिकारी सी. रविशंकर का कहना है कि हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में जितने भी रेहड़ी-पटरी वाले स्ट्रीट वेंडर्स हैं उनको पंजीकृत किया गया है और उनको एक पहचान पत्र दिया जाता है. जिनको कार्य करने के लिए पैसों की जरूरत होती है उनको दस हजार रुपये ऋण के रूप में देने का प्रावधान भी है. अभी तक 200 के करीब लोग लोन ले चुके हैं. बाकी जिन लोगों को लोन लेना है आत्मनिर्भर मेले में बैंक द्वारा स्टोर लगाया गया है. यहां पर उनका सत्यापन किया जाएगा और उनको लोन दिया जाएगा. जिलाधिकारी का कहना है कि इन लोगों के लिए वेंडिंग जोन बनाए जा रहे हैं वहां पर इनको स्थापित किया जाएगा.

हरिद्वार: रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा एक पहल शुरू की गई है. हरिद्वार में केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त निर्देशन में नगर निगम, जिला प्रशासन द्वारा ऋषिकुल मैदान में रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स, लघु व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहल की गई. इस पहल के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज के रूप में दस हजार रुपये की सहायता राशि दिए जाने को लेकर रजिस्ट्रेशन किए गए. राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स, लघु व्यापारियों को नगर निगम द्वारा पंजीकृत परिचय पत्र भी वितरित किए. राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन भी स्थापित किए जाऐंगे.

रेहड़ी पटरी वाले बनेंगे आत्मनिर्भर.

कुंभ मेले से पहले रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वेंडिंग जोन भी स्थापित किए जाएंगे. लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति के अध्यक्ष संजय चोपड़ा का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दस हजार रुपये के कर्ज की राशि दी जानी है. उसके लिए सभी रेहड़ी-पटरी वालों को तैयार किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके लिए आवेदन करें. उनका कहना है कि हरिद्वार में 15 वेंडिंग जोन प्रस्तावित हैं. तीन वेंडिंग जोन को स्मार्ट जोन बनाया जा रहा है. उनका कहना है कि हरिद्वार में दो से ढाई हजार रेहड़ी-पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स हैं जो रेहड़ी बेलवाला से हटाए गए हैं. इनको भी हरिद्वार के तमाम घाटों पर स्थापित किया जाना है तभी आत्मनिर्भर बनाने की योजना सफल हो सकेगी.

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मामले में जिला अधिकारी सी. रविशंकर का कहना है कि हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में जितने भी रेहड़ी-पटरी वाले स्ट्रीट वेंडर्स हैं उनको पंजीकृत किया गया है और उनको एक पहचान पत्र दिया जाता है. जिनको कार्य करने के लिए पैसों की जरूरत होती है उनको दस हजार रुपये ऋण के रूप में देने का प्रावधान भी है. अभी तक 200 के करीब लोग लोन ले चुके हैं. बाकी जिन लोगों को लोन लेना है आत्मनिर्भर मेले में बैंक द्वारा स्टोर लगाया गया है. यहां पर उनका सत्यापन किया जाएगा और उनको लोन दिया जाएगा. जिलाधिकारी का कहना है कि इन लोगों के लिए वेंडिंग जोन बनाए जा रहे हैं वहां पर इनको स्थापित किया जाएगा.

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