ETV Bharat / state

व्यापारी सुधीर कुमार कक्कड़ कैसे बने गोल्डन बाबा, जानिए

सुधीर कुमार कक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा का निधन हो गया है. लंबी बीमारी के बाद गोल्डन बाबा ने मंगलवार देर रात एम्स में आखिरी सांस ली.

गोल्डन बाबा
गोल्डन बाबा
author img

By

Published : Jul 1, 2020, 5:00 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 5:34 PM IST

नई दिल्ली: गोल्डन बाबा के नाम से मशहूर 58 वर्षीय सुधीर कक्कड़ ने एम्स में बीती रात 9.53 बजे आखिरी सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 18 मई को पेट और सीने में दर्द की शिकायत को लेकर वह एम्स में भर्ती हुए थे. बाद में उनकी हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें सी-2 आईसीयू में भर्ती किया गया था. जहां उन्होंने मंगलवार रात को आखरी सांस ली.

कैंसर, डॉयबिटीज, थायराइड और हाइपरटेंशन से वे पीड़ित थे. मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. नवनीत विग की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. मल्टी ऑर्गन फेलियर होने से उनकी मौत हुई.

गोल्डन बाबा गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रहते थे, जब वह सुधीर कक्कड़ नाम से जाने जाते थे तब उनका दिल्ली में कपड़ों का बड़ा बिजनेस था. कहा जाता है कि दिल्ली के कई पुलिस थानों में उनके ऊपर कई आपराधिक मामले भी चल रहे थे. उनका हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने संत का भेष धारण कर संन्यास ले लिया, लेकिन राजशाही शौक का मोह नहीं छोड़ पाए. राजसी ठाठ- बाट उनकी खास पहचान बन गई थी.

पढ़ें- गोल्डन बाबा का दिल्ली एम्स में निधन, तीन किलो सोना पहनकर हुए थे चर्चित

गोल्डन बाबा के नाम से हुए मशहूर

सुधीर कक्कड़ को सोने के भारी भरकम गहने से खास लगाव था. वह 21 किलो सोने के गहने पहना करते थे, इसलिए उन्हें लोग गोल्डन बाबा के रूप में जानने लगे. ऐसा नहीं है कि उन्हें सिर्फ सोने से ही विशेष लगाव था, लग्जरी गाड़ियों का भी उन्हें बेहद शौक था. उनके पास लगभग सारी लग्जरी गाड़ियां थी.

पढ़ें- चाइनीज एप बैन के समर्थन में उतरे बाबा रामदेव, कहा- अब आर्थिक-सांस्कृतिक गुलामी से आजादी का वक्त

धूमधाम से निकालते थे कांवड़ यात्रा

गोल्डन बाबा की एक खासियत थी कि वो भोले बाबा के बड़े भक्त थे. हर साल पूरे धूमधाम के साथ कांवड़ यात्रा निकालते थे. पिछले वर्ष उन्होंने 14 किलो सोने के आभूषण पहनकर कांवड़ यात्रा पर निकले थे. उनके सोने की रक्षा करने के लिए साथ में बाउंसर्स भी साथ-साथ चलते थे.

नई दिल्ली: गोल्डन बाबा के नाम से मशहूर 58 वर्षीय सुधीर कक्कड़ ने एम्स में बीती रात 9.53 बजे आखिरी सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 18 मई को पेट और सीने में दर्द की शिकायत को लेकर वह एम्स में भर्ती हुए थे. बाद में उनकी हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें सी-2 आईसीयू में भर्ती किया गया था. जहां उन्होंने मंगलवार रात को आखरी सांस ली.

कैंसर, डॉयबिटीज, थायराइड और हाइपरटेंशन से वे पीड़ित थे. मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. नवनीत विग की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. मल्टी ऑर्गन फेलियर होने से उनकी मौत हुई.

गोल्डन बाबा गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रहते थे, जब वह सुधीर कक्कड़ नाम से जाने जाते थे तब उनका दिल्ली में कपड़ों का बड़ा बिजनेस था. कहा जाता है कि दिल्ली के कई पुलिस थानों में उनके ऊपर कई आपराधिक मामले भी चल रहे थे. उनका हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने संत का भेष धारण कर संन्यास ले लिया, लेकिन राजशाही शौक का मोह नहीं छोड़ पाए. राजसी ठाठ- बाट उनकी खास पहचान बन गई थी.

पढ़ें- गोल्डन बाबा का दिल्ली एम्स में निधन, तीन किलो सोना पहनकर हुए थे चर्चित

गोल्डन बाबा के नाम से हुए मशहूर

सुधीर कक्कड़ को सोने के भारी भरकम गहने से खास लगाव था. वह 21 किलो सोने के गहने पहना करते थे, इसलिए उन्हें लोग गोल्डन बाबा के रूप में जानने लगे. ऐसा नहीं है कि उन्हें सिर्फ सोने से ही विशेष लगाव था, लग्जरी गाड़ियों का भी उन्हें बेहद शौक था. उनके पास लगभग सारी लग्जरी गाड़ियां थी.

पढ़ें- चाइनीज एप बैन के समर्थन में उतरे बाबा रामदेव, कहा- अब आर्थिक-सांस्कृतिक गुलामी से आजादी का वक्त

धूमधाम से निकालते थे कांवड़ यात्रा

गोल्डन बाबा की एक खासियत थी कि वो भोले बाबा के बड़े भक्त थे. हर साल पूरे धूमधाम के साथ कांवड़ यात्रा निकालते थे. पिछले वर्ष उन्होंने 14 किलो सोने के आभूषण पहनकर कांवड़ यात्रा पर निकले थे. उनके सोने की रक्षा करने के लिए साथ में बाउंसर्स भी साथ-साथ चलते थे.

Last Updated : Jul 1, 2020, 5:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.