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हरिद्वार पहुंची भू वैज्ञानिकों की टीम, मनसा देवी पहाड़ी पर किया निरीक्षण, बारिश के बाद लेंगे सैंपल

Geologists inspected Mansa Devi hills मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर मनसा देवी पहाड़ी का भू वैज्ञानिकों की टीम द्वारा निरीक्षण किया गया. इसी बीच टीम के साथ स्थानीय प्रशासन मुख्य रूप से मौजूद रहा. यूएलएमएमसी के निदेशक शांतनु सरकार ने बताया कि जब तक बारिश बंद नहीं होती तब तक सैंपल लेना संभव नहीं है.

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Published : Jul 26, 2023, 4:20 PM IST

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हरिद्वार पहुंची भू वैज्ञानिकों की टीम

हरिद्वार: बरसात में लगातार दरक रहीं मनसा देवी की पहाड़ियों के स्थाई समाधान को लेकर भू वैज्ञानिकों की एक टीम ने जिला प्रशासन के साथ पहाड़ियों का निरीक्षण किया. शिवालिक पर्वत मालाओं की पहाड़ियों के दरकने से तलहटी में बसे आबादी वाले क्षेत्र और हर की पैड़ी को लगातार खतरा बना रहता है. मॉनसून के दौरान शिवालिक पर्वत माला की पहाड़ियों पर बने बाईपास पर बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन होता है. स्थानीय प्रशासन ने कई बार हिल बाईपास को चलाने की कोशिश की, लेकिन बारिश के चलते उन्हें असफलता हाथ लगी.

यूएलएमएमसी (Uttarakhand Landslide Mitigation and Management Center) के निदेशक शांतनु सरकार ने बताया कि मेडरॉक्स की बनी इन पहाड़ियों पर चार पांच पॉइंट ऐसे हैं, जहां से लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है. इससे आबादी के लिए एक खतरा बना हुआ है. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि ट्रेन के संचालन से पहाड़ दरक रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछली रिपोर्ट का अध्ययन कर इसका स्थाई समाधान निकाला जाएगा. इस कार्य को करने में समय लगेगा, क्योंकि जब तक बारिश बंद नहीं होती तब तक सैंपल लेना भी संभव नहीं है.
ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी में बारिश ने किया तांडव, भूस्खलन से 18 आवासीय भवनों को खतरा

एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि विशेषज्ञों को पहाड़ियों के जोन को भी दिखाया गया है. अधिक बारिश होने के चलते कई नए स्लाइडिंग जोन बने हैं. जिनका विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद एक स्थाई समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बार बारिश पिछले सालों के मुकाबले बहुत अधिक हो रही है.
ये भी पढ़ें: WATCH: डाबरकोट में धुएं के गुबार के साथ जमींदोज हुई पहाड़ी

हरिद्वार पहुंची भू वैज्ञानिकों की टीम

हरिद्वार: बरसात में लगातार दरक रहीं मनसा देवी की पहाड़ियों के स्थाई समाधान को लेकर भू वैज्ञानिकों की एक टीम ने जिला प्रशासन के साथ पहाड़ियों का निरीक्षण किया. शिवालिक पर्वत मालाओं की पहाड़ियों के दरकने से तलहटी में बसे आबादी वाले क्षेत्र और हर की पैड़ी को लगातार खतरा बना रहता है. मॉनसून के दौरान शिवालिक पर्वत माला की पहाड़ियों पर बने बाईपास पर बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन होता है. स्थानीय प्रशासन ने कई बार हिल बाईपास को चलाने की कोशिश की, लेकिन बारिश के चलते उन्हें असफलता हाथ लगी.

यूएलएमएमसी (Uttarakhand Landslide Mitigation and Management Center) के निदेशक शांतनु सरकार ने बताया कि मेडरॉक्स की बनी इन पहाड़ियों पर चार पांच पॉइंट ऐसे हैं, जहां से लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है. इससे आबादी के लिए एक खतरा बना हुआ है. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि ट्रेन के संचालन से पहाड़ दरक रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछली रिपोर्ट का अध्ययन कर इसका स्थाई समाधान निकाला जाएगा. इस कार्य को करने में समय लगेगा, क्योंकि जब तक बारिश बंद नहीं होती तब तक सैंपल लेना भी संभव नहीं है.
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एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि विशेषज्ञों को पहाड़ियों के जोन को भी दिखाया गया है. अधिक बारिश होने के चलते कई नए स्लाइडिंग जोन बने हैं. जिनका विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद एक स्थाई समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बार बारिश पिछले सालों के मुकाबले बहुत अधिक हो रही है.
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