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जंगल सफारी करने वालों किए अच्छी खबर,सैलानियों के लिए खुला राजाजी टाइगर रिजर्व का गेट

Haridwar Rajaji Tiger Reserve सैलानियों के लिए अच्छी खबर है, राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट सैलानियों के लिए खोल दिए गए हैं. जिसके बाद देश-विदेश से आने वाले पर्यटक यहां जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं. वहीं इस साल सैलानियों की संख्या में इजाफा देखने को मिल सकता है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 15, 2023, 2:17 PM IST

सैलानियों के लिए खुला राजाजी टाइगर रिजर्व का गेट

हरिद्वार/ऋषिकेश: देश विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए आज से राजाजी टाइगर रिजर्व का गेट खोल दिए गए हैं.मोतीचूर रेंज में आज पर्यटक सफारी का लुत्फ उठाते हुए जंगली जानवरों का दीदार कर सकेंगे. वन्यजीव प्रतिपालक ने रिबन काट कर सफारी को रवाना किया.

राजाजी टाइगर रिजर्व के सभी पर्यटक गेटों को आज से सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. पार्क की चीला, रानीपुर, मोतीचूर और मोहंड में अब सैलानी जंगल सफारी का आनंद उठा सकेंगे. पार्क की मोतीचूर रेंज में वन्यजीव प्रतिपालक प्रशांत हिंदवाण और कु.पूर्णिमा पुरी ने रिबन काटकर इस सीजन की जंगल सफारी का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मोतीचूर रेंज के सभी वन कर्मियों ने विधिवत पूजा अर्चना कर सफारी की शुरुआत की गई. वहीं सुबह से ही सैलानियों की आमद से पार्क महकमा भी खुश नजर आया.
पढ़ें-कॉर्बेट पार्क का ढिकाला जोन सैलानियों के लिए खुला, जंगल सफारी को विधायक और डायरेक्टर ने दिखाई हरी झंडी

वन्यजीव प्रतिपालक प्रशांत हिन्दवाण ने कहा कि राजाजी टाइगर रिजर्व का यह क्षेत्र बाघों की सैरगाह के रूप में जाना जा रहा है. यहां पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से तीन बाघों को लाया गया है. जल्द हो दो अन्य बाघ भी यंहा ट्रांसलोकेट किए जायेंगे. पर्यटक यहां पर शेड्यूल वन के कई प्राणियों का सफारी के माध्यम से दीदार कर सकेंगे. वहीं इस बार सफारी वाहनों को लेकर भी नियमों को कड़ा किया गया है. इस बार सभी सफारी वाहन रोटेशन प्रणाली के तहत संचालित किए जाएंगे.वहीं सैलानियों की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उम्मीद है कि पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले यह साल वन्यजीव पर्यटन के लिए बेहतर रहेगा. बता दें कि पार्क 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है.

इस बार पार्क में अच्छी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद लगाई जा रही है, पार्क में सात रेंज हैं. इनमें से पांच रेंज में पर्यटक जंगल सफारी करते हैं. वहीं मोतीचूर रेंज की बात करें तो यहां साल 2018-19 में 12,27100 रुपये, 2019-20 में 3,17900 रुपये, साल 2020-21 में 101500 रुपये व साल 2021-22 में 15,23,664 रुपये का राजस्व मिला. वहीं साल 2022-2023 सीजन में यहां राजस्व घटा है और सिर्फ 13 लाख 73 हजार रुपये की आमदनी हुई. जिसकी इस बार बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है.
पढ़ें-कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी का मजा ले रहे थे पर्यटक, हाथी ने किया हमला, देखें VIDEO

राजाजी टाइगर रिजर्व प्रकृति का खजाना: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में मोतीचूर, चीला, गौहरी, कांसरो, हरिद्वार, चिल्लावली, बेरीवाड़ा, धौलखंड पूर्वी व धौलखंड पश्चिमी रेंज व रवासन यूनिट शामिल हैं. यह पार्क 820.42 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. इसमें पक्षियों की 315 व स्तनपायी की 23 प्रजाति पायी जाती हैं. गंगा समेत कई छोटी नदियां भी यहां से गुजरती हैं. पार्क की पर्यटक रेंजों के गेट हर साल 15 नवंबर से 15 जून के बीच खुले रहते हैं.

सैलानियों के लिए खुला राजाजी टाइगर रिजर्व का गेट

हरिद्वार/ऋषिकेश: देश विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए आज से राजाजी टाइगर रिजर्व का गेट खोल दिए गए हैं.मोतीचूर रेंज में आज पर्यटक सफारी का लुत्फ उठाते हुए जंगली जानवरों का दीदार कर सकेंगे. वन्यजीव प्रतिपालक ने रिबन काट कर सफारी को रवाना किया.

राजाजी टाइगर रिजर्व के सभी पर्यटक गेटों को आज से सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. पार्क की चीला, रानीपुर, मोतीचूर और मोहंड में अब सैलानी जंगल सफारी का आनंद उठा सकेंगे. पार्क की मोतीचूर रेंज में वन्यजीव प्रतिपालक प्रशांत हिंदवाण और कु.पूर्णिमा पुरी ने रिबन काटकर इस सीजन की जंगल सफारी का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मोतीचूर रेंज के सभी वन कर्मियों ने विधिवत पूजा अर्चना कर सफारी की शुरुआत की गई. वहीं सुबह से ही सैलानियों की आमद से पार्क महकमा भी खुश नजर आया.
पढ़ें-कॉर्बेट पार्क का ढिकाला जोन सैलानियों के लिए खुला, जंगल सफारी को विधायक और डायरेक्टर ने दिखाई हरी झंडी

वन्यजीव प्रतिपालक प्रशांत हिन्दवाण ने कहा कि राजाजी टाइगर रिजर्व का यह क्षेत्र बाघों की सैरगाह के रूप में जाना जा रहा है. यहां पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से तीन बाघों को लाया गया है. जल्द हो दो अन्य बाघ भी यंहा ट्रांसलोकेट किए जायेंगे. पर्यटक यहां पर शेड्यूल वन के कई प्राणियों का सफारी के माध्यम से दीदार कर सकेंगे. वहीं इस बार सफारी वाहनों को लेकर भी नियमों को कड़ा किया गया है. इस बार सभी सफारी वाहन रोटेशन प्रणाली के तहत संचालित किए जाएंगे.वहीं सैलानियों की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उम्मीद है कि पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले यह साल वन्यजीव पर्यटन के लिए बेहतर रहेगा. बता दें कि पार्क 15 नवंबर से 15 जून तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है.

इस बार पार्क में अच्छी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद लगाई जा रही है, पार्क में सात रेंज हैं. इनमें से पांच रेंज में पर्यटक जंगल सफारी करते हैं. वहीं मोतीचूर रेंज की बात करें तो यहां साल 2018-19 में 12,27100 रुपये, 2019-20 में 3,17900 रुपये, साल 2020-21 में 101500 रुपये व साल 2021-22 में 15,23,664 रुपये का राजस्व मिला. वहीं साल 2022-2023 सीजन में यहां राजस्व घटा है और सिर्फ 13 लाख 73 हजार रुपये की आमदनी हुई. जिसकी इस बार बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है.
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राजाजी टाइगर रिजर्व प्रकृति का खजाना: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में मोतीचूर, चीला, गौहरी, कांसरो, हरिद्वार, चिल्लावली, बेरीवाड़ा, धौलखंड पूर्वी व धौलखंड पश्चिमी रेंज व रवासन यूनिट शामिल हैं. यह पार्क 820.42 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. इसमें पक्षियों की 315 व स्तनपायी की 23 प्रजाति पायी जाती हैं. गंगा समेत कई छोटी नदियां भी यहां से गुजरती हैं. पार्क की पर्यटक रेंजों के गेट हर साल 15 नवंबर से 15 जून के बीच खुले रहते हैं.

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