हरिद्वार: इन दिनों इसरायल हमास संघर्ष दुनियाभर की सुर्खियां बना हुआ है. हमास (Hamas) ने बीते दिनों इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद से इजरायल ने हमास को खत्म करने के लिए फिलिस्तीन पर हमला कर दिया. इजरायल और फिलिस्तीन की जंग को लेकर जहां दुनिया दो भागों में बंटी हुई है, तो वहीं भारत में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां भारत सरकार ने इजराइयल का समर्थन किया है तो वहीं कांग्रेस कार्यसमिति ने प्रस्ताव पास किया कि वो फिलिस्तीन के साथ है. इस मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान भी आया है.
भारत भी फिलिस्तीन की जनता के साथ: जब हरीश रावत से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हम (कांग्रेस) फिलिस्तीन की जनता के साथ हैं. भारत भी फिलिस्तीन की जनता के साथ है. भारत सरकार ने भी फिलिस्तीन की बात कही है. दुनिया में जहां भी हिंसा होती है कांग्रेस उसके खिलाफ है. कांग्रेस आतंक के विरोध में है.
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आतंक का सबसे बड़ा प्रहार कांग्रेस पर हुआ: हरीश रावत ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वो सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि आतंक के ऊपर बीजेपी को कांग्रेस को लेक्चर देने की जरूरत नहीं है, बीजेपी उसके लिए पात्र भी नहीं है. क्योंकि आतंक का सबसे बड़ा प्रहार और शिकार राजनीतिक दल के रूप में कांग्रेस के ऊपर हुआ है. कांग्रेस ने आतंकियों के हाथ में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को खोया है. कांग्रेस के 100 से ज्यादा नेता आतंकवादियों की गोली का शिकार हुए हैं.
बलिदान के मामले में बीजेपी कहीं नहीं टिकती: हरीश रावत यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि बलिदान के मामले में बीजेपी उनके (कांग्रेस) सामने कहीं भी नहीं टिकती है, इसलिए आतंकवाद पर बीजेपी को उन्हें (कांग्रेस) लेक्चर देने की जरूरत नहीं है.
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हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ इतना ही चाहती है कि गल्फ और फिलिस्तीन में शांति आए, क्योंकि बड़ी संख्या में हमारे भाई-बंधु गल्फ में काम करते हैं. उनकी रोजी-रोटी का सवाल है. उनकी जिंदगी का सवाल है. इतना ही नहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी वहीं पर निर्भर करती है, क्योंकि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे तो उसका खामियजा गरीब को भुगतना पड़ेगा.