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रेलवे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ उतरे किसान, आंदोलन की दी चेतावनी

किसानों ने रेलवे विभाग की ओर से भूमि अधिग्रहण के दौरान रेलवे में योग्यता अनुसार नौकरी और मुआवजा ना मिलने पर आंदोलन की राह पकड़ ली है. इसके लिए भारतीय किसान यूनियन आगामी 19 अगस्त को आंदोलन करने जा रही है.

rail land acquisition
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Published : Aug 4, 2019, 5:31 PM IST

रुड़कीः बहिस्तीपुर में किसानों के जमीनों की अधिग्रहण मामले पर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. करीब डेढ़ साल से किसान जमीन अधिग्रहण होने को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि रेलवे विभाग ने जमीन अधिग्रहण के दौरान उनसे कई वादे किए गए थे, जो पूरे नहीं किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन से 15 अगस्त तक उनकी मागों को पूरा करने की मांग की है. वहीं, मांगें पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

रेलवे भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रशासन के खिलाफ उतरे किसान.

दरअसल, रुड़की के बहिस्तीपुर गांव के किसानों की जमीनों को रेलवे विभाग ने देवबंद-रुड़की रेल मार्ग के लिए अधिग्रहण किया था. उस दौरान रेलवे ने किसानों के साथ कई मामलों पर समझौता किया था. जिसके मुताबिक प्रभावित किसान के परिवार के एक सदस्य को रेलवे में योग्यता अनुसार नौकरी और मुआवजा शामिल था, लेकिन आज तक किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिल पाया है, ना ही नौकरी मिल पाई है.

ये भी पढे़ंः उत्तराखंडः इन जिलों में भारी गुजरेंगे अगले 24 घंटे, भारी बारिश की चेतावनी

ऐसे में अपनी मांगों को लेकर पीड़ित किसान बीते लंबे समय से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे हैं. इतना ही नहीं किसानों ने इससे पहले करीब 14 महीने तक धरना-प्रदर्शन किया था. जिसके बाद किसानों ने आमने-सामने का बिगुल फूंकते हुए महापंचायत भी की. वहीं, बीते 8 जुलाई को हुए बैठक में प्रशासन ने मामले के समाधान को लेकर किसानों से 15 अगस्त तक का समय मांगा था.

इसी कड़ी में रविवार को भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान किसानों ने कहा कि अब वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो चुके हैं. इसके लिए आगामी 19 अगस्त को किसान यूनियन बड़ा आंदोलन करने जा रही है. किसी भी कीमत पर किसानों की भूमि पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा.

रुड़कीः बहिस्तीपुर में किसानों के जमीनों की अधिग्रहण मामले पर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. करीब डेढ़ साल से किसान जमीन अधिग्रहण होने को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि रेलवे विभाग ने जमीन अधिग्रहण के दौरान उनसे कई वादे किए गए थे, जो पूरे नहीं किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन से 15 अगस्त तक उनकी मागों को पूरा करने की मांग की है. वहीं, मांगें पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

रेलवे भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रशासन के खिलाफ उतरे किसान.

दरअसल, रुड़की के बहिस्तीपुर गांव के किसानों की जमीनों को रेलवे विभाग ने देवबंद-रुड़की रेल मार्ग के लिए अधिग्रहण किया था. उस दौरान रेलवे ने किसानों के साथ कई मामलों पर समझौता किया था. जिसके मुताबिक प्रभावित किसान के परिवार के एक सदस्य को रेलवे में योग्यता अनुसार नौकरी और मुआवजा शामिल था, लेकिन आज तक किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिल पाया है, ना ही नौकरी मिल पाई है.

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ऐसे में अपनी मांगों को लेकर पीड़ित किसान बीते लंबे समय से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे हैं. इतना ही नहीं किसानों ने इससे पहले करीब 14 महीने तक धरना-प्रदर्शन किया था. जिसके बाद किसानों ने आमने-सामने का बिगुल फूंकते हुए महापंचायत भी की. वहीं, बीते 8 जुलाई को हुए बैठक में प्रशासन ने मामले के समाधान को लेकर किसानों से 15 अगस्त तक का समय मांगा था.

इसी कड़ी में रविवार को भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान किसानों ने कहा कि अब वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हो चुके हैं. इसके लिए आगामी 19 अगस्त को किसान यूनियन बड़ा आंदोलन करने जा रही है. किसी भी कीमत पर किसानों की भूमि पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा.

Intro:Summary


रुड़की के बहिस्तीपुर में किसानों की जमीनों का अधिग्रहण करने का मामला शांत होता नही दिख रहा है। लगभग डेढ़ साल से किसान जमीने अधिग्रहण होने को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है, किसानों का आरोप है कि जमीनें अधिग्रहण करने के समय जो वादे उनसे किए गए थे वो पूरे नही किए जा रहे है, किसानों के समर्थन में भारती किसान यूनियन ने भी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका था, और महापंचायत की थी, इसके बाद प्रशासन द्वारा किसानों को 15 अगस्त तक समस्याओ का निस्तारण करने का आश्वासन दिया गया था। जिसको लेकर आज भारतीय किसान यूनियन ने प्रशासन को चेताया है और समय रहते मामले को निपटाने की मांग की है। किसान यूनियन के पदाधिकारीयो ने रुड़की में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए ये जानकारी दी।
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आपको बता दे कि रुड़की के बहिस्तीपुर गाँव के किसानों की जमीनों को रेलवे ट्रेक के लिए अधिग्रहण किया गया था, जिसके एवज में 3 लाख रुपये और योग्यता अनुसाए परिवार से एक व्यक्ति की सरकारी नौकरी देने की बात कही गयी थी, किसानों का आरोप है कि शासन और प्रशासन ने अपने वादे पर अमल नही किया, अभी तक नौकरी देने की प्रक्रिया भी शुरू नही की, जबकि किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर रेलवे ट्रेक का कार्य शुरू कर दिया गया है। किसानों ने पहले तो लगभग 14 महीने धरना प्रदर्शन किया इसके बाद आमने सामने का बिगुल फूंकते हुए, आरपार की लड़ाई की खुली चेतावनी देते हुए महापंचायत की, जिसमे प्रशासन ने किसानों से 15 अगस्त तक का समय मांगा था, इसी मामले में आज भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारीयो ने एक प्रेस कांफ्रेस करते हुए प्रशासन से समय रहते मामला निपटाने की मांग की है।

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