ETV Bharat / state

बकाया भुगतान को लेकर जारी है गन्ना किसानों का धरना, गन्ना समिति कार्यालय में की तालाबंदी - भारतीय किसान संघ ताला बंदी लक्सर

लक्सर शुगर मिल पर किसानों का करोड़ों रुपया भुगतान बकाया है. जिसे लेकर भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों का लगातार धरना चल रहा है. कोई सुनवाई ना होने पर किसानों द्वारा सहकारी गन्ना समिति में ताला जड़ दिया गया.

लक्सर किसानों ने की तालाबंदी.
author img

By

Published : Sep 16, 2019, 11:32 PM IST

लक्सर: भारतीय किसान संघ के बैनर तले बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर किसानों का धरना छठें दिन भी जारी रहा. इस दौरान धरना दे रहे किसानों ने सहकारी गन्ना समिति कार्यलय की तालाबंदी भी की. किसानों का कहना है कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिस कारण वे लोग आंदोलन करने को मजबूर हैं.

लक्सर किसानों ने की तालाबंदी.

बता दें कि भारतीय किसान संघ द्वारा दस दिन पहले एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई थी. लेकिन पांच दिनों के भीतर मागें ना माने जाने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी. जिसके बाद से पिछले बुधवार को किसान सहकारी गन्ना समिति परिसर में धरने पर बैठ गए थे.

पढ़ें- त्रिवेंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ 'अपने', फैसले को बताया गलत

भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुशल पाल सिंह का कहना है कि लक्सर शुगर मिल पर किसानों का करोड़ों रुपया भुगतान बकाया है. लेकिन मिल प्रबंधन किसानों का भुगतान नहीं कर रहा है. जिससे किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में किसानों के सामने आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.

उन्होंने बताया कि दस दिन पहले संघ द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई थी. लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिसके बाद अब किसान अन्दोलन करने को मजबूर हैं.

कुशल पाल सिंह ने बताया कि मिल पर किसानों का 5 .75 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया चला आ रहा है. पिछले पेराई सत्र का भी मिल पर 58 करोड़ से अधिक भुगतान बकाया है.

लक्सर: भारतीय किसान संघ के बैनर तले बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर किसानों का धरना छठें दिन भी जारी रहा. इस दौरान धरना दे रहे किसानों ने सहकारी गन्ना समिति कार्यलय की तालाबंदी भी की. किसानों का कहना है कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिस कारण वे लोग आंदोलन करने को मजबूर हैं.

लक्सर किसानों ने की तालाबंदी.

बता दें कि भारतीय किसान संघ द्वारा दस दिन पहले एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई थी. लेकिन पांच दिनों के भीतर मागें ना माने जाने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी. जिसके बाद से पिछले बुधवार को किसान सहकारी गन्ना समिति परिसर में धरने पर बैठ गए थे.

पढ़ें- त्रिवेंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ 'अपने', फैसले को बताया गलत

भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुशल पाल सिंह का कहना है कि लक्सर शुगर मिल पर किसानों का करोड़ों रुपया भुगतान बकाया है. लेकिन मिल प्रबंधन किसानों का भुगतान नहीं कर रहा है. जिससे किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में किसानों के सामने आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.

उन्होंने बताया कि दस दिन पहले संघ द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई थी. लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिसके बाद अब किसान अन्दोलन करने को मजबूर हैं.

कुशल पाल सिंह ने बताया कि मिल पर किसानों का 5 .75 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया चला आ रहा है. पिछले पेराई सत्र का भी मिल पर 58 करोड़ से अधिक भुगतान बकाया है.

Intro:लोकेशन लक्सर उत्तराखंड

संवाददाता कृष्णकांत शर्मा लक्सर

सलग-- लक्सर  किसानों ने की तालाबंदी

लक्सर भारतीय किसान संघ ने की ताला बन्दी
लक्सर बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानो का धरना छठे दिन भी जारी रहा सोमवार को धरना दे रहे किसानो ने समिति कार्यलय की तालाब्ंदी कर दी।  Body:  आपको बता दें भारतीय किसान संघ द्वारा दस दिन पूर्व एसडीएम को ज्ञापन देकर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई थी 5  दिनों के भीतर मागे ना माने जाने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी जिस पर बुधवार को किसान  सहकारी गन्ना समिति परिसर में धरने पर बैठ गए भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुशल पाल सिंह का कहना है कि लक्सर शुगर मिल को किसानों का करोड़ों रुपया भुगतान बकाया है लेकिन मिल प्रबंधन किसानों का भुगतान नहीं कर रहा है इससे किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है ऐसे में किसानों के सामने आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है उन्होंने बताया कि दस दिन पूर्व संघ द्वारा एसडीएम को ज्ञापन देकर बकाया गन्ना भुगतान की मांग की गई थी लेकिन इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया जिस पर किसान अन्दोलन को मजबुर है। किसानों का कहना है कि लक्सर चीनी मिल द्वारा पराई सत्र 2017 व  2018 के दौरान गन्ने की दो प्रजातियों को रिजेक्ट  घोषित कर दिया गया था पेराई सत्र के बाद  मिल प्रबंधन की ओर से शासन द्वारा घोषित गन्ना मूल्य 316 ओर 326 के स्थान पर किसानों को इन दोनों पर जातियों का अलग अलग से 250 वह 239 रुपए प्रति कुंतल की दर से किसानों को भुगतान करने का प्रयास किया गया था लेकिन किसानों ने शासन से निर्धारित गन्ना मूल्य ही लेने की बात कहते हुए मिल को भुगतान का चेक वापस कर दिया गया था इसके बाद से ही मिल पर किसानों का 5 .75 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया चला आ रहा है पिछले पेराई सत्र का भी मिल पर 58 करोड से अधिक भुगतान बकाया है Conclusion: वही कुशल पाल सिंह ने बताया कि उप जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे थे लेकिन मामले का कोई समाधान नही निकला।जिस पर सोमवार को किसानो द्वारा समिति कार्यलय की तालबन्दी कर दी गयी है।

बाइट--- कुशल पाल सिंह उपाध्यक्ष  भारतीय किसान संघ
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.