हरिद्वारः उत्तराखंड में आयुष मंत्रालय मुख्यमंत्री के निर्देशन में चल रहा है. लेकिन उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, गुरुकुल परिसर के कर्मचारी रोजी रोटी के लिए मजबूर हो गए हैं. पिछले तीन माह से गुरुकुल आयुर्वेद के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. आलम ये है कि पीड़ित परिवार बच्चों की फीस से लेकर मकान की किश्त तक नहीं भर पा रहे हैं.
गुरुवार को शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन महासंघ गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज के पदाधिकारियों ने मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया. इस दौरान पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही वेतन न मिलने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया.
शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ (उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय) के अध्यक्ष खेमानंद भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों के कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है. कर्मचारियों के परिवारों की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है. दीवाली का कर्मचारियों को सरकार ने बोनस भी नहीं दिया. विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव वेतन मांगने के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही कर रहे हैं. जब कर्मचारी अपने हक की बात करने के लिए प्रशासन के पास गुहार लगाने जाते हैं तो प्रशासन के पास कर्मचारियों के वेतन की मांग का संज्ञान लेने का समय नहीं है.
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के महामंत्री आशुतोष गैरोला ने कहा कि वेतन की मांग करना कर्मचारियों के हित की बात है. पूरी निष्ठा के साथ कर्मचारी अपने काम को करते हैं. फिर भी कर्मचारियों का वेतन तीन माह से सरकार में लंबित है. सरकार को तुरंत कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए वेतन तुरंत जारी करना चाहिए. चतुर्थ श्रेणी महासंघ के कोषाध्यक्ष युवा नेता ताजवर सिंह नेगी ने कहा कि कर्मचारी तब तक संघर्ष करते रहेंगे जब तक कर्मचारियों का वेतन नहीं मिल जाता.