हरिद्वार: पिछले कई दिनों से उत्तराखंड में हो रही बरसात के बाद निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति है. हरिद्वार के कई ब्लॉक में इस वक्त बचाव और राहत का कार्य चल रहा है. ऐसे में ताजा हालातों को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने विस्तार से जानकारी दी है. आपदा प्रबंधन अपर सचिव सविन बंसल ने बताया कि स्थिति पहले से ज्यादा बेहतर हुई है. अभी फिलहाल प्रभावित क्षेत्र रेड अलर्ट से येलो अलर्ट में आ गए हैं.
ये है हरिद्वार में तबाही की वजह: आपदा प्रबंधन अपर सचिव सविन बंसल ने बताया कि पिछले 1 हफ्ते से लगातार अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही सोनाली नदी भी अब अपने खतरे के निशान के नीचे चली गई है. उन्होंने ने बताया कि पूर्व में कभी इस नदी का जलस्तर ऊपर जाता था, तो वह एक या दो दिन में नीचे आ जाता था, लेकिन इस बार लगातार यह 1 सप्ताह से खतरे के निशान के ऊपर चल रहा था. लगातार कई दिनों तक सोनाली नदी का जलस्तर ऊपर रहने की वजह से हरिद्वार में यह स्थिति हुई है.
प्रभावित क्षेत्रों की सेटेलाइट इमेजरी से हो रही मॉनिटरिंग: आपदा प्रबंधन अपर सचिव ने बताया कि वह आपदा से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी का भी लगातार पैरेलल यूज कर रहे हैं. वह सेंट्रल कंट्रोल रूम से लगातार टाइम सीरीज व्यू में मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि स्क्रीन पर नजर आ रहे इफेक्टेड एरिया में समय के साथ-साथ लगातार कमी आनी चाहिए. जिसको लेकर निश्चित समय अंतराल के बाद माउंटिंग की जा रही है और देखा जा रहा है कि प्रभावित क्षेत्र पर किस तरह से असर हो रहा है. ग्राउंड पर रेस्क्यू करते हुए रेस्क्यू टीम को प्रभावित क्षेत्र का एक वृहद आकलन नहीं हो पाता है, लेकिन कंट्रोल रूम से पूरे प्रभावित इलाके कि इस तरह से टेक्नोलॉजी के माध्यम से अमाउंट रिंग करने पर पता लगता है कि रेस्क्यू की रफ्तार क्या है और प्रभावित क्षेत्र पर समय के साथ-साथ क्या असर पड़ रहा है.
अगले 4 दिनों में प्रदेश का ऐसा होगा मौसम: आपदा प्रबंधन अपर सचिव सविन बंसल ने बताया कि फिलहाल हरिद्वार में राहत और बचाव कार्य चल रहे हैं. अगले 4 दिनों के लिए भी प्रदेश में मौसम विभाग द्वारा अलर्ट किया गया है. अगले 3 दिनों के लिए उत्तराखंड में येलू अलर्ट है, जबकि चौथे दिन 3 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है. उन्होंने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी किया जाने वाला पूर्वानुमान एक तरह से निश्चित नहीं होता है. इसमें समय के साथ-साथ बदलाव आ सकते हैं. लिहाजा आपदा प्रबंधन लगातार हालातों पर नजर बनाए रखता है.