हरिद्वार: आज गुरु पूर्णिमा पर्व पूरे देश के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार में भी मनाया जा रहा है. हरिद्वार में हर साल गुरु पूर्णिमा पर्व धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार गुरु पूर्णिमा सूक्ष्म रूप में मनाई जा रही है. आज के दिन श्रद्धालु अपने गुरुजनों की पूजा-अर्चना से पूर्व श्रद्धालु हर की पौड़ी पर गंगा स्नान किया करते थे. लेकिन इस बार ऐसा भव्य नजारा देखने को नहीं मिलेगा. क्यों कि कोरोना काल में लोगों को सरकार की कई गाइड लाइनों का पालन करना पड़ रहा है.
गौर हो कि बीते वर्ष हरिद्वार के हरिहर आश्रम, शांतिकुंज, दक्षिण काली पीठ ,जगन्नाथ धाम, जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ा करती थी. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण सभी आश्रमों में गुरु पूर्णिमा को काफी सूक्ष्म रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है.
प्राचीन अवधूत मंडल के महंत रूपेंद्र प्रकाश ने बताया की कोरोना महामारी के कारण इस बार आश्रम में गुरु पूर्णिमा हर साल की भांति नहीं मनाई जाएगी. बल्कि इस बार केवल अपने गुरु की पूजा-अर्चना की जाएगी और किसी भी शिष्य को आश्रम में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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उन्होंने बताया कि आज के दिन शिष्य अपने गुरु के दर्शन कर गुरु की चरण वंदना करते हैं. अगर ऐसा संभव न हो तो घर पर ही बैठकर ही गुरु के दर्शन कर सकते हैं या फिर अपने गुरु को मोबाइल के माध्यम से बधाई संदेश भी दे सकते हैं. ऐसा करोना काल को देखते हुए श्रद्धालु जनहित में कर सकते हैं.
गुरु पूर्णिमा पर्व
गुरु पूर्णिमा का पर्व महार्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. वेदव्यास जो ऋषि पराशर के पुत्र थे. गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने के पीछे एक कारण ये भी माना जाता है कि इस दिन महान गुरु महर्षि वेदव्यास जिन्होंने ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराण, अद्भुत साहित्यों की रचना की उनका जन्म हुआ था. इसलिए इस पर्व का हिन्दू धर्म में खास महत्व है. लोग इस दिन गंगा स्नान कर अपने गुरुओं की पूजा करते हैं.