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हरकी पैड़ी पर जले हजारों दीए, जगमगा उठे घाट, जानें क्यों मनाई जाती है देव दिवाली

हरकी पैड़ी पर देव दिवाली धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर गंगा सभा ने हजारों दीपों से गंगा तट को सजाया और पूजा अर्चना कर गंगा में दीपदान किया. मान्यता है कि इस दिन देवता दिवाली मनाते हैं.

हरिद्वार
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Published : Nov 12, 2019, 8:29 AM IST

Updated : Nov 12, 2019, 9:51 AM IST

हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर देव दीपावली धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर हरकी पैड़ी पर हजारों दीप जलाए गए. मान्यता है कि इस दिन देवता दिवाली मनाते हैं. पुराणों के अनुसार देव दिवाली के दिन ही भगवान विष्णु को बलीराजा से मुक्ति मिली थी और वह स्वर्ग पधारे थे, जिसके बाद सारे देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संख्या पर देव दिवाली मनाई जाती है.

हरकी पैड़ी पर हर्षोल्लास के साथ मनाई गई देव दिवाली

देवताओं द्वारा मनाई जाने वाली दिवाली धरती को ऊर्जा देती है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है. कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर कई हजार दीप जलाकर देव दीपावली को भव्य तरीके से मनाया गया, साथ ही आतिशबाजी भी की गई.

श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने बताया कि आज के दिन देवताओं के निमित्त दीपदान का आध्यात्मिक महत्व है. देव दिवाली के दिन देवताओं के लिए दीपदान किया जाता है. उससे हमारे जीवन में आजीवन उजाला रहता है, क्योंकि दीप प्रकाश का प्रतीक है. यह परंपरा अनादि काल से चली आ रही है.

पढ़ें- कार्तिक पूर्णिमा आज, गंगा स्नान से भगवान विष्णु की होती है विशेष कृपा

श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड एक अलौकिक स्थान है. इस स्थान पर हजारों दीप जलने का दृश्य बहुत ही अद्भुत है. देव दीपावली में दीप जलाकर शहीदों को भी नमन किया है. दीप जलाकर कर हमने अपने उन शहीदों के लिए, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

देव दिवाली के मौके पर हरकी पैड़ी पर पहुंचे हजारों श्रद्धालु खुश नजर आए. श्रद्धालुओं का कहना है कि हरकी पैड़ी पर आकर उन्हें का काफी अच्छा लगा. बताया जाता है कि इस दिन देवता दिवाली मनाते हैं, जिसमें गंगा किनारे हजारों दीप जलाए जाते हैं.

हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर देव दीपावली धूमधाम से मनाई गई. इस मौके पर हरकी पैड़ी पर हजारों दीप जलाए गए. मान्यता है कि इस दिन देवता दिवाली मनाते हैं. पुराणों के अनुसार देव दिवाली के दिन ही भगवान विष्णु को बलीराजा से मुक्ति मिली थी और वह स्वर्ग पधारे थे, जिसके बाद सारे देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संख्या पर देव दिवाली मनाई जाती है.

हरकी पैड़ी पर हर्षोल्लास के साथ मनाई गई देव दिवाली

देवताओं द्वारा मनाई जाने वाली दिवाली धरती को ऊर्जा देती है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है. कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर कई हजार दीप जलाकर देव दीपावली को भव्य तरीके से मनाया गया, साथ ही आतिशबाजी भी की गई.

श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने बताया कि आज के दिन देवताओं के निमित्त दीपदान का आध्यात्मिक महत्व है. देव दिवाली के दिन देवताओं के लिए दीपदान किया जाता है. उससे हमारे जीवन में आजीवन उजाला रहता है, क्योंकि दीप प्रकाश का प्रतीक है. यह परंपरा अनादि काल से चली आ रही है.

पढ़ें- कार्तिक पूर्णिमा आज, गंगा स्नान से भगवान विष्णु की होती है विशेष कृपा

श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड एक अलौकिक स्थान है. इस स्थान पर हजारों दीप जलने का दृश्य बहुत ही अद्भुत है. देव दीपावली में दीप जलाकर शहीदों को भी नमन किया है. दीप जलाकर कर हमने अपने उन शहीदों के लिए, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है.

देव दिवाली के मौके पर हरकी पैड़ी पर पहुंचे हजारों श्रद्धालु खुश नजर आए. श्रद्धालुओं का कहना है कि हरकी पैड़ी पर आकर उन्हें का काफी अच्छा लगा. बताया जाता है कि इस दिन देवता दिवाली मनाते हैं, जिसमें गंगा किनारे हजारों दीप जलाए जाते हैं.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या की वैकुंठ चतुर्दशी पर देव दीपावली हरिद्वार हर की पौड़ी पर कई हजार दीप जलाकर भव्य रूप से मनाई गई कहा जाता है कि आज के दिन देवता दीपावली मनाते हैं और आज का दिन काफी महत्व है आज के दिन ही बलीराजा से भगवान विष्णु को मुक्ति मिली थी और वह स्वर्ग में पधारे थे और आज के दिन सारे देवताओं ने दीपावली जैसा माहौल बन गया था इसलिए आज के दिन को दीप दीपावली कहा जाता है हरिद्वार हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड के साथ तमाम गंगा घाट पर भक्तों ने भी दीप जलाकर दीपावली मनाई साथ ही हर की पौड़ी पर आतिशबाजी का नजारा ही देखने लायक था श्री गंगा सभा द्वारा देव दीपावली का आयोजन किया गया ब्रह्मकुंड पर दीप जलाकर देश के लिए शहीद हुए शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई


Body:दीपावली के बाद वैकुंठ चतुर्दशी को देवता दीपावली मनाते हैं देवता द्वारा मनाई जाने वाली है दीपावली धरती को ऊर्जा देती है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती है कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर कई हजार दीप जलाकर देव दीपावली को भव्य तरीके से मनाया गया और साथ ही आतिशबाजी की गई हर की पौड़ी का संचालन करने वाली संस्था श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा का कहना है कि आज के दिन देवताओं के निमित्त दीपदान का आध्यात्मिक महत्व है देव दीपावली के दिन हम देवताओं के लिए दीपदान करते हैं उससे हमारे जीवन में आजीवन उजाला रहता है क्योंकि दीप प्रकाश का प्रतीक है और प्रकाश हमारे जीवन में फैले इसकी कामना करते हुए हम देव दीपावली को मनाते हैं यह परंपरा अनादि काल से चली आ रही है

बाइट-- प्रदीप झा---श्री गंगा सभा अध्यक्ष

श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि देव दीपावली के उपलक्ष में हर की पौड़ी पर हजारों दीप जलाकर पूरा प्रकाशमान किया गया है क्योंकि हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड अपने आप में ही एक अलौकिक स्थान है और इस स्थान पर हजारो दीप जलने का दृश्य बहुत ही अद्भुत है देव दीपावली में दीप जलाकर हमने अपने शहीदों को भी नमन किया है क्योंकि राष्ट्र देश के लोगो के लिए महत्वपूर्ण है दीप प्रज्वलित कर हमने अपने उन शहीदों के लिए जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया उनको भी नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की है हम मां गंगा से प्रार्थना करते हैं कि शहीदों की आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे

बाइट-- तन्मय वशिष्ठ--श्री गंगा सभा महामंत्री

हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर देव दीपावली पर हजारों दीप को देकर हरिद्वार आए श्रद्धालु भी काफी खुश नजर आए श्रद्धालुओं का कहना है कि हरिद्वार हर की पौड़ी पर आकर हमें काफी अच्छा लगा यहां पर देव दीपावली बनाई गई और कई हजार दीप जलाए गए दीपावली के कुछ दिनों बाद देव दीपावली मनाई जाती है जिसमें हजारों दीप गंगा किनारे जलाए जाते हैं इसको देखकर काफी आनंद आ रहा है श्रद्धालुओं का कहना है कि वे पहली बार हरिद्वार देव दीपावली में आए हैं और पहली बार हमने देव दीपावली पर हजारों दीप जलते हुए देखे हैं हम काफी भाग्यशाली है कि हमें इस दिन हरिद्वार आने का मौका मिला

बाइट-- श्रद्धालु


Conclusion:हर की पेडी ब्रह्मकुंड पर हजारों दीप जलाकर अंधकार से प्रकाश का पर्व बड़े ही भव्य तरीके से मनाया गया शास्त्रों में वर्णन है की दीपावली के बाद देवता भगवान विष्णु के बैकुंठ आगमन पर देव दीपावली के रूप में मनाते हैं और इससे धरती प्रकाशमान होती है इस मौके पर्वआज हर की पौड़ी का नजारा ही देखने लायक था जिसने भी इस नजारे को देखा वह मंदमुग्द हो गया
Last Updated : Nov 12, 2019, 9:51 AM IST
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