लक्सर: शुगर मिल द्वारा तालाब की भूमि पर शराब फैक्ट्री बना दी गई है. जिसके संबंध में आबकारी विभाग व तहसील प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक की जा चुकी है. शिकायत में लक्सर शुगर मिल की शराब फैक्ट्री के लाइसेंस को निरस्त करने की मांग की गई है.
बता दें लक्सर शुगर मिल द्वारा खसरा नंबर 217 में शराब फैक्ट्री चलाई जा रही है. जिसकी शिकायत काफी लंबे समय से लक्सर के प्रवीण कुमार द्वारा तहसील अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक की जा चुकी है. प्रवीण कुमार ने हरिद्वार आबकारी से भी कई बार पत्र भेजकर शुगर मिल द्वारा तालाब की भूमि पर बनाई गई फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त करने की मांग कर चुके हैं.
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शिकायतकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत संख्या 10 9355 दिनांक 7-10 -2020 के के माध्यम से उक्त फैक्ट्री सरकारी भूमि पर होने के कारण लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही विभाग के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग भी की है. शिकायतकर्ता ने आबकारी विभाग पर भी आरोप लगाते हुए सांठ-गांठ कर शराब फैक्ट्री का लाइसेंस देने की बात कही गई है.
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वहीं, आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर शिव प्रसाद व्यास का कहना है कि यदि राजस्व विभाग तालाब की भूमि से शुगर मिल द्वारा बनाई गई फैक्ट्री को अतिक्रमण मुक्त कराता है तो उनके विभाग द्वारा लाइसेंस को निरस्त कर दिया जायेगा.
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हालांकि, तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गांव केहड़ा खसरा नंबर 217 में तालाब की भूमि दर्शाई गई है. जिसमें लक्सर शुगर मिल द्वारा शराब फैक्ट्री बना दी गई है, जो कि लक्सर उप जिलाधिकारी द्वारा राजस्व निरीक्षक की जांच आख्या में बताया गया है.
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वहीं जिला आबकारी अधिकारी द्वारा भी शिकायतकर्ता की शिकायती पत्र 7-10-2020 निस्तारण पत्र पर आयुक्त गढ़वाल मंडल व जिला आबकारी अधिकारी और आबकारी आयुक्त को शुगर मिल द्वारा चलाई जा रही फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त किए जाने की बात कही गई है. मगर अब तक लाइसेंस निरस्त नहीं किया गया है.
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मामले में लक्सर उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि शुगर मिल द्वारा खसरा नंबर 217 पर बनाई गई शराब फैक्ट्री का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ही शराब फैक्ट्री पर कार्रवाई की जाएगी.