लक्सर: प्रदेश में बारिश और बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है. वहीं, भारी बारिश को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही है. बारिश की वजह से किसान गेहूं की फसल की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. जहां किसान चार हजार हेक्टेयर पर गेहूं की बुवाई करते हैं, वहीं बारिश से दो हजार हेक्टेयर की बुवाई भी नहीं कर पा रहे हैं.
गन्ने की कटाई करने के बाद किसानों को गेहूं की फसल की बुवाई होती है. दो दिनों से हो रही बारिश के चलते किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं. जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है. वहीं, बारिश से खेतों में पानी भर गया है.
किसानों को न केवल अपनी फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव करना होता है, बल्कि फसलों को जंगली जानवर से भी बचाना होता है. बारिश की वजह से किसानों का खेती का खर्च बढ़ सकता है.
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वहीं, जो खेत गेहूं की बुवाई के लिए तैयार थे, वे लगभग 15 दिन लेट हो गई है. किसानों का साफ तौर से कहना है कि अच्छी पैदावार के लिए गेहूं की बुवाई जल्द करनी होती है. गेहूं की बुवाई लेट होने से पैदावार में गिरावट आ जाती है.