रुड़की: किसानों ने जमीनों के अधिग्रहण के बाद उनसे किये गये वादों को पूरा न करने और उचित मुआवजा न मिलने के कारण रुड़की-देवबंद रेलवे लाइन का निर्माण कार्य रोक दिया है. किसानों का कहना है कि अधिग्रहण के वक्त परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया है. जिसके कारण किसान कई बार धरना-प्रदर्शन कर निर्माण कार्य को रुकवा देते हैं. मामले में कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और किसानों के बीच बात भी हो चुकी है. मगर अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका है.
रुड़की-देवबंद रेलवे लाइन का निर्माणकार्य किसानों के विरोध के कारण अधर में लटका हुआ है. 691 करोड़ से 28 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई जानी है, जिसमें 17 किलोमीटर उत्तर प्रदेश और 11 किलोमीटर की रेलवे लाइन उत्तराखंड में बनाई जानी है. इस रेलवे लाइन को 2018 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, मगर भूमि अधिग्रहण और किसानों के विरोध के कारण रेलवे लाइन का काम अभी कई जगहों पर लटका हुआ है.
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किसानों का कहना है कि 2011 में रेलवे ने चार गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहण करते हुए कहा था कि उनको उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. इसके लिए बाकायदा लिखित में आश्वासन दिया गया था. मगर, किसानों को आजतक नए सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा तक नहीं मिला. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तबतक रेलवे लाइन का काम शुरू नहीं करने दिया जाएगा.
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मामले में रुड़की ज्वांइट मजिस्ट्रेट ने कहा कि किसानों और प्रशासन के बीच लंबे समय से ये ही प्रयास चल रहा हैं कि रेलवे और किसानो के बीच जो भी समस्या आ रही है उसे जल्द सुलझाया जाए. जिससे रेलवे लाइन के काम को जल्द से जल्द पूरा कर विकासकार्यों को रफ्तार दी जा सके.