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Budget Session: गैरसैंण बजट सत्र को लेकर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल, सदन की कार्यवाही को लेकर सरकार को घेरा

गैरसैंण बजट सत्र महज 6 दिनों के लिए होगा, जिसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने कहा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया, लेकिन यहां ज्यादा समय के लिए बजट सत्र करने को तैयार नहीं है.

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Published : Feb 19, 2023, 8:22 PM IST

Updated : Feb 19, 2023, 10:27 PM IST

गैरसैंण बजट सत्र को लेकर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल.

देहरादून: उत्तराखंड के गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने सदन के प्रस्तावित कम दिनों को लेकर सरकार को घेरा है. विपक्ष को इस बात पर आपत्ति है कि सरकार ने सदन के लिए महज 6 दिन तय किए हैं. जबकि प्रदेश के ऐसे कई बड़े मुद्दे हैं, जिन पर बजट सत्र के दौरान चर्चा की जानी जरूरी है. यही नहीं केवल 6 दिनों के लिए ही उस गैरसैंण में सरकार बजट के लिए ही रहेंगी, जिसे ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया हुआ है.

कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी तो घोषित कर दिया है, लेकिन इस राजधानी में सरकार समय बिताने को तैयार नहीं है. बता दें कि हाल ही में बजट सत्र गैरसैंण में आहूत किए जाने का फैसला लिया गया. मार्च महीने में 6 दिनों के लिए यह सत्र प्रस्तावित है. कांग्रेस का आरोप है कि बड़ी मुश्किल से सरकार ने गैरसैंण में सत्र कराने का फैसला लिया है और वह भी मात्र 6 दिन के लिए यह सत्र कराया जा रहा है. ऐसे बहुत से मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा होनी है और यह 6 दिन बेहद कम है. इसकी समय सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें: Rudraprayag: 99 करोड़ की लागत से चकाचक होगी कुंड-गुप्तकाशी हाईवे, भैंसारी गांव का बचेगा अस्तित्व

कांग्रेस का गैरसैंण पर सरकार की घेराबंदी करने के पीछे बजट सत्र से पहले ही सरकार को असहज करना है. उधर भाजपा भी सरकार के बचाव में आगे आई है. बजट सत्र के कम दिनों को लेकर बीजेपी सफाई देते नजर आ रही है. भाजपा का तर्क है कि सरकार के पास जितना बिजनेस होता है, सत्र के दिनों को उसी के लिहाज से तय किया जाता है. यदि सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति के दौरान सरकारी कामकाज के 6 दिनों का ही होना पाया गया है तो फिर सत्र को ज्यादा कैसे किया जा सकता है?

गैरसैंण बजट सत्र को लेकर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल.

देहरादून: उत्तराखंड के गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने सदन के प्रस्तावित कम दिनों को लेकर सरकार को घेरा है. विपक्ष को इस बात पर आपत्ति है कि सरकार ने सदन के लिए महज 6 दिन तय किए हैं. जबकि प्रदेश के ऐसे कई बड़े मुद्दे हैं, जिन पर बजट सत्र के दौरान चर्चा की जानी जरूरी है. यही नहीं केवल 6 दिनों के लिए ही उस गैरसैंण में सरकार बजट के लिए ही रहेंगी, जिसे ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया हुआ है.

कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी तो घोषित कर दिया है, लेकिन इस राजधानी में सरकार समय बिताने को तैयार नहीं है. बता दें कि हाल ही में बजट सत्र गैरसैंण में आहूत किए जाने का फैसला लिया गया. मार्च महीने में 6 दिनों के लिए यह सत्र प्रस्तावित है. कांग्रेस का आरोप है कि बड़ी मुश्किल से सरकार ने गैरसैंण में सत्र कराने का फैसला लिया है और वह भी मात्र 6 दिन के लिए यह सत्र कराया जा रहा है. ऐसे बहुत से मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा होनी है और यह 6 दिन बेहद कम है. इसकी समय सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए.
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कांग्रेस का गैरसैंण पर सरकार की घेराबंदी करने के पीछे बजट सत्र से पहले ही सरकार को असहज करना है. उधर भाजपा भी सरकार के बचाव में आगे आई है. बजट सत्र के कम दिनों को लेकर बीजेपी सफाई देते नजर आ रही है. भाजपा का तर्क है कि सरकार के पास जितना बिजनेस होता है, सत्र के दिनों को उसी के लिहाज से तय किया जाता है. यदि सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति के दौरान सरकारी कामकाज के 6 दिनों का ही होना पाया गया है तो फिर सत्र को ज्यादा कैसे किया जा सकता है?

Last Updated : Feb 19, 2023, 10:27 PM IST
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