देहरादून: उत्तराखंड के गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने सदन के प्रस्तावित कम दिनों को लेकर सरकार को घेरा है. विपक्ष को इस बात पर आपत्ति है कि सरकार ने सदन के लिए महज 6 दिन तय किए हैं. जबकि प्रदेश के ऐसे कई बड़े मुद्दे हैं, जिन पर बजट सत्र के दौरान चर्चा की जानी जरूरी है. यही नहीं केवल 6 दिनों के लिए ही उस गैरसैंण में सरकार बजट के लिए ही रहेंगी, जिसे ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया हुआ है.
कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी तो घोषित कर दिया है, लेकिन इस राजधानी में सरकार समय बिताने को तैयार नहीं है. बता दें कि हाल ही में बजट सत्र गैरसैंण में आहूत किए जाने का फैसला लिया गया. मार्च महीने में 6 दिनों के लिए यह सत्र प्रस्तावित है. कांग्रेस का आरोप है कि बड़ी मुश्किल से सरकार ने गैरसैंण में सत्र कराने का फैसला लिया है और वह भी मात्र 6 दिन के लिए यह सत्र कराया जा रहा है. ऐसे बहुत से मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा होनी है और यह 6 दिन बेहद कम है. इसकी समय सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए.
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कांग्रेस का गैरसैंण पर सरकार की घेराबंदी करने के पीछे बजट सत्र से पहले ही सरकार को असहज करना है. उधर भाजपा भी सरकार के बचाव में आगे आई है. बजट सत्र के कम दिनों को लेकर बीजेपी सफाई देते नजर आ रही है. भाजपा का तर्क है कि सरकार के पास जितना बिजनेस होता है, सत्र के दिनों को उसी के लिहाज से तय किया जाता है. यदि सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति के दौरान सरकारी कामकाज के 6 दिनों का ही होना पाया गया है तो फिर सत्र को ज्यादा कैसे किया जा सकता है?