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हरिद्वार: पौराणिक छड़ी यात्रा को आज हरी झंडी दिखाएंगे मुख्यमंत्री - श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की खबर

एक बार फिर से छड़ी यात्रा शुरू होने जा रही है. आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसे हरी झंडी दिखाकर धार्मिक स्थलों के लिए रवाना करेंगे.

CM will flag of mythological stick journey
पौराणिक छड़ी यात्रा का कल हरी झंड़ी दिखाएंगे CM
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Published : Sep 17, 2020, 6:30 AM IST

हरिद्वार: श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पहल के बाद 70 सालों से बंद पड़ी पौराणिक छड़ी यात्रा शुरू हो चुकी है. इस यात्रा को शुरू करने में जूना अखाड़े के संतों सहित कई अन्य लोगों की अहम भूमिका रही है. 70 साल बाद पिछले साल 12 अक्टूबर को इस यात्रा को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. अब एक बार फिर से छड़ी यात्रा शुरू होने जा रही है. आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसे झंडी दिखाकर धार्मिक स्थलों के लिए रवाना करेंगे.

1,100 वर्षों पुरानी ये पौराणिक छड़ी यात्रा जूना अखाड़े के प्रयासों से शुरू की गई है. इस यात्रा को शुरू करने के लिए जूना अखाड़े के साधु-संतों सहित सभी अखाड़ों ने प्रयास किये. उत्तराखंड सरकार ने संतों की मांग को पूरा करते हुए पिछले साल पहली बार 70 साल से बंद पड़ी इस यात्रा को शुरू किया था. यह यात्रा उत्तराखंड के चारों धाम, पौराणिक स्थलों, मठ-मंदिरों का भ्रमण कर धर्मनगरी हरिद्वार वापस लौटती है. जहां इस छड़ी का पूरे विधि विधान के साथ मां देवी मंदिर में पूजन किया जाता है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की नहीं होंगी परीक्षाएं

जूना अखाड़े के प्रमुख और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि का कहना है कि सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करने के लिए ही इस यात्रा को जूना अखाड़े द्वारा फिर से शुरू किया है. इस यात्रा के माध्यम से उत्तराखंड के तमाम वह देव स्थान जहां का आज तक सौंदर्यीकरण नहीं हो सका है, उनका सौंदर्यीकरण करने की हमारी योजना है, जिससे लोग उन स्थानों के दर्शन कर सकें.

पढ़ें: आम से खास को संक्रमित करता कोरोना वायरस, पढ़िए पूरी खबर

हरिगिरि का कहना है कि उत्तराखंड देवभूमि है. यहां पर कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है. इस यात्रा के माध्यम से हमारा उद्देश्य उन लोगों तक मंदिरों के बारे में जानकारी पहुंचाना है.

हरिद्वार: श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पहल के बाद 70 सालों से बंद पड़ी पौराणिक छड़ी यात्रा शुरू हो चुकी है. इस यात्रा को शुरू करने में जूना अखाड़े के संतों सहित कई अन्य लोगों की अहम भूमिका रही है. 70 साल बाद पिछले साल 12 अक्टूबर को इस यात्रा को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. अब एक बार फिर से छड़ी यात्रा शुरू होने जा रही है. आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसे झंडी दिखाकर धार्मिक स्थलों के लिए रवाना करेंगे.

1,100 वर्षों पुरानी ये पौराणिक छड़ी यात्रा जूना अखाड़े के प्रयासों से शुरू की गई है. इस यात्रा को शुरू करने के लिए जूना अखाड़े के साधु-संतों सहित सभी अखाड़ों ने प्रयास किये. उत्तराखंड सरकार ने संतों की मांग को पूरा करते हुए पिछले साल पहली बार 70 साल से बंद पड़ी इस यात्रा को शुरू किया था. यह यात्रा उत्तराखंड के चारों धाम, पौराणिक स्थलों, मठ-मंदिरों का भ्रमण कर धर्मनगरी हरिद्वार वापस लौटती है. जहां इस छड़ी का पूरे विधि विधान के साथ मां देवी मंदिर में पूजन किया जाता है.

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जूना अखाड़े के प्रमुख और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि का कहना है कि सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करने के लिए ही इस यात्रा को जूना अखाड़े द्वारा फिर से शुरू किया है. इस यात्रा के माध्यम से उत्तराखंड के तमाम वह देव स्थान जहां का आज तक सौंदर्यीकरण नहीं हो सका है, उनका सौंदर्यीकरण करने की हमारी योजना है, जिससे लोग उन स्थानों के दर्शन कर सकें.

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हरिगिरि का कहना है कि उत्तराखंड देवभूमि है. यहां पर कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है. इस यात्रा के माध्यम से हमारा उद्देश्य उन लोगों तक मंदिरों के बारे में जानकारी पहुंचाना है.

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