लक्सर: मां जगदंबा मंदिर में चंडी चौदस पर आज 54वें भव्य मेले का आयोजन हुआ है. इस मंदिर की मान्यता है कि मां जगदंबा ने खुद इस मंदिर को बनाने की आज्ञा दी थी. इसका निर्माण लाला श्यामलाल ने करवाया था. मंदिर में चौदस के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां जगदंबा के दर्शन के लिए आते हैं और पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण की होने की कामना करते हैं.
लक्सर में लगा चंडी चौदस मेला: बता दें लक्सर मेन बाजार में स्थित मां जगदंबा मंदिर में चंडी चौदस पर भव्य मेले का आयोजन किया गया है. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां जगदंबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यहां बीते 54 सालों से हर साल चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्रि से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती है.
लाला श्यामलाल के सपने में आई देवी मां: इस मंदिर से जुड़ी एक प्रसिद्ध मान्यता है कि यह मां जगदंबा ने खुद इस मंदिर को बनाने की आज्ञा दी थी. कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से आता है, उसकी हर मुराद मां जगदंबा पूरी करती हैं. इसी के साथ लक्सर क्षेत्र में जहां भी महारानी के जागरण होते हैं, वहां यहीं से जोत लेकर दीपक प्रज्ज्वलित करते हैं.
देवी मां ने दिया मंदिर निर्माण का आदेश: इस मंदिर का निर्माण लाला श्यामलाल गुप्ता ने करवाया था. कहा जाता है कि लाला श्यामलाल को मां जगदंबा ने सपने में दर्शन देकर इस मंदिर के निर्माण के लिए कहा था. लाला श्यामलाल ने सपने में मां के दर्शन मिलने और उनके आदेश को सर माथे रखते हुए इस मंदिर का निर्माण कराया. तब से लेकर आज तक इस मंदिर पर चौदस तिथि पर भव्य मेले का आयोजन होता है. इस मेले में लक्सर तहसील क्षेत्र से लेकर अन्य प्रदेशों से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं. मां जगदंबा के समक्ष पूजा अर्चना कर प्रसाद चढ़ाकर अपने परिवार की खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
मेले की रात होता है जागरण: चौदस मेले के साथ रात्रि में मां का विशाल जागरण होता है. इसमें अन्य प्रदेशों से आकर कलाकार सुंदर झांकियों के साथ मां का गुणगान करते हैं जो कि अपने आप में अद्भुत नजारा होता है. चौदस तिथि को जगदंबा मंदिर पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, जिसको लेकर पुलिस व प्रशासन चौकन्ने रहते हैं. ताकि किसी प्रकार की कोई दिक्कत परेशानी मंदिर आने वालों को ना हो.
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