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पाइपलाइन घोटाले में नपेंगे तीन अधिकारी, सीडीओ ने दिए मुकदमा दर्ज कराने के आदेश

हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में खेतों में बिछाई गई पाइप लाइन में बड़ा घोटाला सामने आया है. इस मामले में मुख्य विकास अधिकारियों के आदेश पर तीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

Laksar pipeline scam
Laksar pipeline scam
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Published : Nov 23, 2022, 5:40 PM IST

लक्सर: मुंडाखेड़ा खुर्द गांव में मनरेगा योजना के तहत खेतों में पाइप लाइन बिछाने में हुए घोटाले के मामले में करीब तीन महीने बाद आरोपितों के खिलाफ करवाई के आदेश जारी हुए हैं. मुख्य विकास अधिकारी ने जेई, ग्राम विकास अधिकारी और रोजगार सेवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश खंड विकास अधिकारी लक्सर को दिए हैं.

लक्सर विकासखंड क्षेत्र के मुंडाखेड़ा खुर्द गांव में मनरेगा योजना के तहत खेतों में 22 स्थानों पर करीब साढ़े इक्कीस लाख की लागत से पाइप लाइन बिछाई जानी थी. तीन माह पहले ग्रामीणों ने खानपुर विधायक उमेश कुमार से मिलकर शिकायत की थी कि विभाग द्वारा मौके पर पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है और काम पूरा दिखाकर भुगतान निकाल लिया गया है.
पढ़ें- खानपुर विधायक उमेश कुमार के निर्वाचन को नैनीताल HC में चुनौती, 29 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

केवल दो पाइपलाइन ही बिछाई गई: ग्रामीणों की शिकायत पर विधायक उमेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था और गड़बड़ी मिलने पर एसडीएम से मामले की जांच कराए जाने को कहा गया था. जिस पर पहले उपखंड विकास अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की तो मौके पर कार्य का होना नहीं पाया गया. इसके उपरांत एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार लक्सर ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की तो पता चला कि मौके पर 22 पाइप लाइनों में से केवल दो पाइपलाइन ही बिछाई गई हैं.

मरे हुए मजदूरों से कराया काम: इसके बाद 20 जून को लेबर और 20 जुलाई को मटेरियल सामग्री के भुगतान की निकासी दर्शाई गई है. मामले में अहम बात यह है कि जिस लेबर से कार्य करना दर्शाया गया है, उनमें दो मजदूरों तालिब व लतीफ की वर्षों पहले मौत हो चुकी है.

मामले को लेकर एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने ग्राम विकास अधिकारी, जेई मनरेगा और संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति जिलाधिकारी से की गई थी. इसके बाद मामले की लोकपाल से कराई गई जांच में भी गड़बड़ी का खुलासा हुआ था. तब कहीं जाकर तीन महीने से अधिक समय बाद मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश हुए हैं.
पढ़ें- सरकार के खिलाफ गौला संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन, खनन नीति में बदलाव की मांग

मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि लोकपाल द्वारा कराई गई जांच में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. मामले में खंड विकास अधिकारी लक्सर को आरोपित ग्राम विकास अधिकारी, जेई व रोजगार सेवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश दिए गए हैं.

एसडीएम गोपाल राम बिनमाल से मामले में कार्रवाई को लेकर जानकारी चाही तो उनका कहना था कि इस संबंध में विकास विभाग की जानकारी दे सकता है. एसडीएम को मामले मे कार्रवाई की कोई जानकारी न होने पर सवाल उठ रहे हैं.

लक्सर: मुंडाखेड़ा खुर्द गांव में मनरेगा योजना के तहत खेतों में पाइप लाइन बिछाने में हुए घोटाले के मामले में करीब तीन महीने बाद आरोपितों के खिलाफ करवाई के आदेश जारी हुए हैं. मुख्य विकास अधिकारी ने जेई, ग्राम विकास अधिकारी और रोजगार सेवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश खंड विकास अधिकारी लक्सर को दिए हैं.

लक्सर विकासखंड क्षेत्र के मुंडाखेड़ा खुर्द गांव में मनरेगा योजना के तहत खेतों में 22 स्थानों पर करीब साढ़े इक्कीस लाख की लागत से पाइप लाइन बिछाई जानी थी. तीन माह पहले ग्रामीणों ने खानपुर विधायक उमेश कुमार से मिलकर शिकायत की थी कि विभाग द्वारा मौके पर पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है और काम पूरा दिखाकर भुगतान निकाल लिया गया है.
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केवल दो पाइपलाइन ही बिछाई गई: ग्रामीणों की शिकायत पर विधायक उमेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था और गड़बड़ी मिलने पर एसडीएम से मामले की जांच कराए जाने को कहा गया था. जिस पर पहले उपखंड विकास अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की तो मौके पर कार्य का होना नहीं पाया गया. इसके उपरांत एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार लक्सर ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की तो पता चला कि मौके पर 22 पाइप लाइनों में से केवल दो पाइपलाइन ही बिछाई गई हैं.

मरे हुए मजदूरों से कराया काम: इसके बाद 20 जून को लेबर और 20 जुलाई को मटेरियल सामग्री के भुगतान की निकासी दर्शाई गई है. मामले में अहम बात यह है कि जिस लेबर से कार्य करना दर्शाया गया है, उनमें दो मजदूरों तालिब व लतीफ की वर्षों पहले मौत हो चुकी है.

मामले को लेकर एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने ग्राम विकास अधिकारी, जेई मनरेगा और संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति जिलाधिकारी से की गई थी. इसके बाद मामले की लोकपाल से कराई गई जांच में भी गड़बड़ी का खुलासा हुआ था. तब कहीं जाकर तीन महीने से अधिक समय बाद मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश हुए हैं.
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मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि लोकपाल द्वारा कराई गई जांच में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. मामले में खंड विकास अधिकारी लक्सर को आरोपित ग्राम विकास अधिकारी, जेई व रोजगार सेवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश दिए गए हैं.

एसडीएम गोपाल राम बिनमाल से मामले में कार्रवाई को लेकर जानकारी चाही तो उनका कहना था कि इस संबंध में विकास विभाग की जानकारी दे सकता है. एसडीएम को मामले मे कार्रवाई की कोई जानकारी न होने पर सवाल उठ रहे हैं.

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