रुड़की: मुस्लिम समाज ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द (communal harmony) बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटने और निष्पक्ष कार्रवाई की करने की मांग की है. मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने मंगलौर क्षेत्र के लाठरदेवा शेख स्थित मदरसे में प्रेस वार्ता की, जिसमें मुस्लिम धर्मगुरू के अलावा सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी मौजूद रहे. वहीं, मुस्लिम समाज की गुहार पर मंगलौर सीओ ने दूसरे पक्ष पर भी मुकदमा दर्ज किया है.
मुस्लिम धर्मगुरु कारी शमीम अहमद ने कहा डाडा जलालपुर में हुई हिंसा की घटना तकलीफदेह है. प्रशासन की मौजूदगी में इतनी बड़ी घटना घटी, लेकिन कार्रवाई एक तरफा की गई. बदले की भावना से एक पक्षीय लोगों को टारगेट किया गया. जबकि कार्रवाई दोनों पक्षों पर निष्पक्ष होनी चाहिए थी. आपसी सौहार्द बनाए रखने की कवायद की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
उन्होंने बताया समाज के जिम्मेदार लोगों ने मंगलौर सीओ को तहरीर देकर हुड़दंगईयों पर कार्रवाई करने की मांग की है, जिस पर पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज किया है. समाजसेवी काजी मोनिस ने बताया धार्मिक कार्यक्रम के तहत कुछ असामाजिक तत्वों ने मस्जिद के सामने नारेबाजी की. हालांकि, ये मामला दोनों पक्षों ने आपस में सुलझा लिया, लेकिन उसके बाद पुलिस की मौजूदगी में जो तांडव हुआ, वो हैरान करने वाला है.
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बाइक, रिक्शा और मकान जलाए गए. औरतों के साथ अभद्रता की गई. देर रात तक अफरा-तफरी मची रही, लेकिन पुलिस ने एक तरफा मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की. जबकि दोनों तरफ से कार्रवाई कर इस मामले को निपटाया जा सकता था. पुलिस की मंशा कुछ और ही थी. अब मंगलौर सीओ ने उनकी बात सुनते हुए तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है.
समाजसेवी आदिल फरीदी ने कहा हिंदुस्तान में जो हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा बना हुआ है. उसे कुछ बुरी ताकते मिटाने की नाकाम कोशिश कर रही है. फरीदी ने बताया डाडा जलालपुर में भी हिन्दू-मुस्लिम एक साथ भाईचारे के साथ रहते आए हैं. हिंसा में जो पीड़ित हुए है, सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए. वही प्रशासन और सरकार ठोस नीति बनाए जिससे इस तरह की हिंसा और आसामाजिक तत्वों पर रोक लग सके.