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मानवीय पहल: कोरोना पीड़ित परिवारों का सहारा बने भूपेंद्र, शवों का कर रहे अंतिम संस्कार - haridwar kankhal ghat

कोविड-19 के दौर में कोरोना पीड़ित परिवारों का भूपेंद्र सिंह सहारा बन रहे हैं. वो ना सिर्फ कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद कर रहे हैं. बल्कि लवारिस लाशों का अंतिम संस्कार भी करा रहे हैं.

कोरोना पीड़ित परिवारों का सहारा बने भूपेंद्र
कोरोना पीड़ित परिवारों का सहारा बने भूपेंद्र
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Published : May 2, 2021, 12:18 PM IST

Updated : May 2, 2021, 12:39 PM IST

हरिद्वार: कोरोना महामारी की इस दौर में जहां परिजन, पड़ोसी और रिश्तेदार किसी की भी मदद करने से हिचकिचा रहे हैं. वहीं, कनखल निवासी समाजसेवी भूपेंद्र कुमार ने मानवता की मिसाल पेश की है. भूपेंद्र अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद कर रहे हैं. साथ ही कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए निशुल्क लकड़ी की भी व्यवस्था करा रहे हैं. इतना ही जिस कोरोना संक्रमित मृतक का कोई नहीं है, उसको भूपेंद्र कंधा देकर अपने खर्चे से अंतिम संस्कार करवा रहे हैं.

शवों का कर रहे अंतिम संस्कार
शवों का अंतिम संस्कार करते भूपेंद्र

दो कोरोना संक्रमितों का कराया अंतिम संस्कार

पहला मामला, रानीपुर मोड़ के नजदीक रहने वाले 50 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई. उनके अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदार और पड़ोसी कोई भी आगे नहीं आया. उनका लड़का बेंगलुरु में है, ऐसे में उनकी मदद के लिए भूपेंद्र कुमार आगे आये. उन्होंने मृतक की बेटी के साथ उन्हें कंधा दिया. साथ ही कनखल श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार करवाया. मृतक की बेटी ने पीपीई किट पहनकर अपने पिता को मुखाग्नि दी.

लोगों ने की भूपेंद्र की प्रशंसा

दूसरा मामला, कनखल के विवेकानंद एनक्लेव का है. जहां रहने 40 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई. उनके परिवार में उनका एक छोटा बेटा और पत्नी ही थे. आस-पड़ोस के लोग उनकी मदद के लिए नहीं आए. अधिकारियों द्वारा भूपेंद्र कुमार से संपर्क कर उनके अंतिम संस्कार का निवेदन किया गया. जिसके बाद भूपेंद्र ने मृतक को कंधा दिया और अपने खर्चे से अंतिम संस्कार करवाया. महामारी की इस घड़ी में भूपेंद्र कुमार द्वारा किए जा रहे मानवीय कार्य की चौतरफा प्रशंसा हो रही है.

कोरोना पीड़ित परिवारों का सहारा बने भूपेंद्र
कोरोना पीड़ित परिवारों का सहारा बने भूपेंद्र

हरिद्वार: कोरोना महामारी की इस दौर में जहां परिजन, पड़ोसी और रिश्तेदार किसी की भी मदद करने से हिचकिचा रहे हैं. वहीं, कनखल निवासी समाजसेवी भूपेंद्र कुमार ने मानवता की मिसाल पेश की है. भूपेंद्र अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना पीड़ित परिवारों की मदद कर रहे हैं. साथ ही कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए निशुल्क लकड़ी की भी व्यवस्था करा रहे हैं. इतना ही जिस कोरोना संक्रमित मृतक का कोई नहीं है, उसको भूपेंद्र कंधा देकर अपने खर्चे से अंतिम संस्कार करवा रहे हैं.

शवों का कर रहे अंतिम संस्कार
शवों का अंतिम संस्कार करते भूपेंद्र

दो कोरोना संक्रमितों का कराया अंतिम संस्कार

पहला मामला, रानीपुर मोड़ के नजदीक रहने वाले 50 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई. उनके अंतिम संस्कार के लिए रिश्तेदार और पड़ोसी कोई भी आगे नहीं आया. उनका लड़का बेंगलुरु में है, ऐसे में उनकी मदद के लिए भूपेंद्र कुमार आगे आये. उन्होंने मृतक की बेटी के साथ उन्हें कंधा दिया. साथ ही कनखल श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार करवाया. मृतक की बेटी ने पीपीई किट पहनकर अपने पिता को मुखाग्नि दी.

लोगों ने की भूपेंद्र की प्रशंसा

दूसरा मामला, कनखल के विवेकानंद एनक्लेव का है. जहां रहने 40 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई. उनके परिवार में उनका एक छोटा बेटा और पत्नी ही थे. आस-पड़ोस के लोग उनकी मदद के लिए नहीं आए. अधिकारियों द्वारा भूपेंद्र कुमार से संपर्क कर उनके अंतिम संस्कार का निवेदन किया गया. जिसके बाद भूपेंद्र ने मृतक को कंधा दिया और अपने खर्चे से अंतिम संस्कार करवाया. महामारी की इस घड़ी में भूपेंद्र कुमार द्वारा किए जा रहे मानवीय कार्य की चौतरफा प्रशंसा हो रही है.

कोरोना पीड़ित परिवारों का सहारा बने भूपेंद्र
कोरोना पीड़ित परिवारों का सहारा बने भूपेंद्र
Last Updated : May 2, 2021, 12:39 PM IST
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