ऋषिकेश: प्रदेश में एक ओर जहां सरकार शिक्षा में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है. वहीं, शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते करोड़ों की लागत से बने शिक्षण संस्थान उपेक्षा का शिकार हो जाते हैं. ताजा मामला श्यामपुर खदरी खड़क माफ का है, जहां करोड़ों की लागत से बना पॉलीटेक्निक कॉलेज का स्टाफ क्वार्टर अब नशेड़ियों और जानवरों का अड्डा बन चुका है.
तीर्थनगरी के श्यामपुर खदरी खड़क माफ क्षेत्र में लगभग 13 करोड़ रुपए की लागत से बना राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज गढ़ी श्यामपुर लापरवाही का भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. यहां पर छात्रावास के साथ-साथ स्टाफ क्वार्टर भी बनाए गए, लेकिन रखरखाव के अभाव में स्टाफ क्वार्टरों की हालत जर्जर हो गई है. स्टाफ क्वार्टर के गेट और बिजली की फिटिंग को कुछ असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है. इसके साथ ही ये कॉलेज अब नशेड़ियों और जानवरों का अड्डा बनता जा रहा है, जिससे ज्ञान का मंदिर लापरवाही के चलते असमाजिक तत्वों का गढ़ बन गया है.
13 करोड़ की लागत से बना कॉलेज
12 एकड़ की भूमि में लगभग 13 करोड़ की लागत से बना राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज घड़ी श्यामपुर की स्थापना 2006 में हुई थी, लेकिन राजनेताओं और अधिकारियों की अनदेखी के कारण ये कॉलेज जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंचता जा रहा है. साथ ही यह क्षेत्र हरिद्वार लोकसभा में आता है.
वहीं, पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रधानाचार्य सुनील कुमार का कहना है कि रखरखाव के अभाव में स्टाफ क्वार्टरों की हालत जर्जर हो गई है. स्टाफ क्वार्टर के गेट और बिजली की फिटिंग को कुछ असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है. साथ ही निदेशालय को भी इस संबंध में अवगत करा दिया गया है.