हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में शारदीय नवरात्र की नवमी के मौके पर स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कन्या पूजन किया. 9 दिनों तक चले वैदिक अनुष्ठान के समापन पर विधि-विधान से यज्ञ और कन्या पूजन किया गया. इस दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने कन्याओं को भोजन कराया और आशीर्वाद लिया.
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि नवरात्रों के 9 दिनों में भगवान के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है. नवरात्रों के दिनों में हम उपवास और उपासना से अपने अंदर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं. वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि समाज में इसी तरह से स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि बनी रहे.
देश से खत्म हो आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी: इस अवसर पर बाबा रामदेव ने बोला कि ये पर्व अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक पर्व है. इस देश में सभी प्रकार का अधर्म, पाप, आतंकवाद, महंगाई, गरीबी, भूख, बेरोजगारी है. उनकी यही कामना है कि ये सारे पाप नष्ट हों, और ये देश फिर से भगवान राम और कृष्ण का भारत बने. हमारे वीर वीरांगनाओं, ऋषियों के सपनों का भारत बने और इसके लिए सभी को मिलकर सहयोग और पुरुषार्थ करना पड़ेगा.
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वहीं, पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय सनातनी परंपरा में शक्ति उपासना के लिए नवरात्रि के दिन सबसे उपयुक्त हैं. इसलिए पूरे नौ दिनों तक उनकी ओर से यज्ञ आराधना और धार्मिक अनुष्ठान किए गए हैं. ये सब कर उन्होंने पूरे देश और दुनिया की समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.
बता दें कि नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है. मां दुर्गा का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाला है. मान्यता है कि मां की सच्चे मन से उपासना करने से सारे मनोरथ पूरे होते हैं. ऐसे में देवी स्वरूप 9 कन्याओं को भोज करवा कर उन्हें वस्त्र भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है.