हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार के पंडित व ज्योतिषाचार्यों के लिए पोथी-पत्री गुजरे जमाने की बात हो गई है. क्योंकि पंडित व ज्योतिषाचार्य भी डिजिटल इंडिया के रंग में रंगते जा रहे है. वह कुंडली और मूहूर्त के अलावा ग्रह-नक्षत्रों की दिशा चाल जानने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं. वहीं, इंटरनेट के इस युग में उन्हें मोबाइल की एक क्लिक पर सब कुछ उपलब्ध हो रहा है.
बता दें कि आधुनिकता के इस युग में ज्योतिषाचार्य धार्मिक कार्यों में नई तकनीकी का प्रयोग कर रहे हैं. जबकि, वह हाथ रचित पंचांगों से दूर हो रहे हैं और मोबाइल से कुंडली देखकर लोगों को उनका भविष्य बता रहे हैं. वहीं, कुछ पंडित तो पूजा-पाठ करवाते समय फोन के माध्यम से मंत्रों व वेदों का उच्चारण करते नजर आते हैं. हालांकि, जब इस बारे में कुछ पंडितों से बात की गई तो उनका कहना है कि जहां एक तरफ तकनीक के दौर में देश काफी तरक्की कर चुका है, तो इस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल धर्म-कर्म के कार्यों में भी तेजी से किया जा रहा है.
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पड़ितों का मानना है कि आज के समय से हर आदमी को जल्दी है. ऐसे में मोबाइल उनके लिए वारदान साबित हो रहा है. यहीं कारण है कि ज्योतिषाचार्य मोबाइल और कम्प्यूटर के माध्यम कुंडली निकाल रहे हैं. इससे समय का सदुपयोग हो रहा है. क्योंकि अब पंडितों और ज्योतिषाचार्यों को पंचांग की आवश्यकता नहीं होती है. साथ ही कुंडली बनाने का कार्य भी जल्दी हो जाता है.
वहीं, पंडित टेक्नोलॉजी के उपयोग को कुछ गलत नहीं मानते. उनका मानना है कि समय के साथ बदलाव अति आवश्यक है. शास्त्रों में भी यह बात लिखी गई है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. साथ ही उनका कहना था कि मोबाइल में जो यह सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं, वह भी पंडित और ज्योतिषाचार्य की सहायता से ही बनाए गए हैं. इनका निर्माण भी पंडित और ज्योतिषाचार्य द्वारा ही किया गया है. ऐसे में इसका उपयोग करना कुछ गलत नहीं है.