ETV Bharat / state

हरिद्वार: पंडितों की पोथी हुई गुजरे जमाने की बात, अब Digital हुए ज्योतिषाचार्य

author img

By

Published : Jan 24, 2020, 8:12 PM IST

आधुनिकता के इस दौर में पंडित और ज्योतिषाचार्य अब पोथी और पंचाग लेकर साथ नहीं चलते है. क्योंकि उन्हें अब सभी जानकारियां बड़ी आसानी इंटरनेट की मदद से अपने लैपटॉप और मोबाइल पर ही मिल जाती है.

haridwar
हरिद्वार

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार के पंडित व ज्योतिषाचार्यों के लिए पोथी-पत्री गुजरे जमाने की बात हो गई है. क्योंकि पंडित व ज्योतिषाचार्य भी डिजिटल इंडिया के रंग में रंगते जा रहे है. वह कुंडली और मूहूर्त के अलावा ग्रह-नक्षत्रों की दिशा चाल जानने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं. वहीं, इंटरनेट के इस युग में उन्हें मोबाइल की एक क्लिक पर सब कुछ उपलब्ध हो रहा है.

बता दें कि आधुनिकता के इस युग में ज्योतिषाचार्य धार्मिक कार्यों में नई तकनीकी का प्रयोग कर रहे हैं. जबकि, वह हाथ रचित पंचांगों से दूर हो रहे हैं और मोबाइल से कुंडली देखकर लोगों को उनका भविष्य बता रहे हैं. वहीं, कुछ पंडित तो पूजा-पाठ करवाते समय फोन के माध्यम से मंत्रों व वेदों का उच्चारण करते नजर आते हैं. हालांकि, जब इस बारे में कुछ पंडितों से बात की गई तो उनका कहना है कि जहां एक तरफ तकनीक के दौर में देश काफी तरक्की कर चुका है, तो इस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल धर्म-कर्म के कार्यों में भी तेजी से किया जा रहा है.

Digital हुए ज्योतिषाचार्य.

पढ़ें- 2024 तक उत्तराखंड होगा टीबी मुक्त, गांवों में भेजी गईं स्पेशल टीमें

पड़ितों का मानना है कि आज के समय से हर आदमी को जल्दी है. ऐसे में मोबाइल उनके लिए वारदान साबित हो रहा है. यहीं कारण है कि ज्योतिषाचार्य मोबाइल और कम्प्यूटर के माध्यम कुंडली निकाल रहे हैं. इससे समय का सदुपयोग हो रहा है. क्योंकि अब पंडितों और ज्योतिषाचार्यों को पंचांग की आवश्यकता नहीं होती है. साथ ही कुंडली बनाने का कार्य भी जल्दी हो जाता है.

वहीं, पंडित टेक्नोलॉजी के उपयोग को कुछ गलत नहीं मानते. उनका मानना है कि समय के साथ बदलाव अति आवश्यक है. शास्त्रों में भी यह बात लिखी गई है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. साथ ही उनका कहना था कि मोबाइल में जो यह सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं, वह भी पंडित और ज्योतिषाचार्य की सहायता से ही बनाए गए हैं. इनका निर्माण भी पंडित और ज्योतिषाचार्य द्वारा ही किया गया है. ऐसे में इसका उपयोग करना कुछ गलत नहीं है.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार के पंडित व ज्योतिषाचार्यों के लिए पोथी-पत्री गुजरे जमाने की बात हो गई है. क्योंकि पंडित व ज्योतिषाचार्य भी डिजिटल इंडिया के रंग में रंगते जा रहे है. वह कुंडली और मूहूर्त के अलावा ग्रह-नक्षत्रों की दिशा चाल जानने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं. वहीं, इंटरनेट के इस युग में उन्हें मोबाइल की एक क्लिक पर सब कुछ उपलब्ध हो रहा है.

बता दें कि आधुनिकता के इस युग में ज्योतिषाचार्य धार्मिक कार्यों में नई तकनीकी का प्रयोग कर रहे हैं. जबकि, वह हाथ रचित पंचांगों से दूर हो रहे हैं और मोबाइल से कुंडली देखकर लोगों को उनका भविष्य बता रहे हैं. वहीं, कुछ पंडित तो पूजा-पाठ करवाते समय फोन के माध्यम से मंत्रों व वेदों का उच्चारण करते नजर आते हैं. हालांकि, जब इस बारे में कुछ पंडितों से बात की गई तो उनका कहना है कि जहां एक तरफ तकनीक के दौर में देश काफी तरक्की कर चुका है, तो इस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल धर्म-कर्म के कार्यों में भी तेजी से किया जा रहा है.

Digital हुए ज्योतिषाचार्य.

पढ़ें- 2024 तक उत्तराखंड होगा टीबी मुक्त, गांवों में भेजी गईं स्पेशल टीमें

पड़ितों का मानना है कि आज के समय से हर आदमी को जल्दी है. ऐसे में मोबाइल उनके लिए वारदान साबित हो रहा है. यहीं कारण है कि ज्योतिषाचार्य मोबाइल और कम्प्यूटर के माध्यम कुंडली निकाल रहे हैं. इससे समय का सदुपयोग हो रहा है. क्योंकि अब पंडितों और ज्योतिषाचार्यों को पंचांग की आवश्यकता नहीं होती है. साथ ही कुंडली बनाने का कार्य भी जल्दी हो जाता है.

वहीं, पंडित टेक्नोलॉजी के उपयोग को कुछ गलत नहीं मानते. उनका मानना है कि समय के साथ बदलाव अति आवश्यक है. शास्त्रों में भी यह बात लिखी गई है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. साथ ही उनका कहना था कि मोबाइल में जो यह सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं, वह भी पंडित और ज्योतिषाचार्य की सहायता से ही बनाए गए हैं. इनका निर्माण भी पंडित और ज्योतिषाचार्य द्वारा ही किया गया है. ऐसे में इसका उपयोग करना कुछ गलत नहीं है.

Intro:एंकर:-देश जहाँ तकनीकी संसाधनों की सहायता से आगे बढ़ रहा है तो वही दूसरी  और अब हरिद्वार के पंडित व ज्योतिशाचर्य भी मोबाइल का सहारा लेकर कुंडली व् महूरत देख रहे है। पंडित व ज्योतिशाचर्य   धर्मिक कार्यो में नई नई तकनीकी का प्रयोग कर हाथ रचित पंचांगों से मुहमोड़  मोबाइल से कुंडली देख लोगो को उनका  भविष्य बता रहे है।  ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिजिटल इंडिया का असर अब पूजा पाठ के कार्यो में भी देखा जा सकता है।  हरिद्वार में  पंडित लोग पूजा पाठ करवाते समय फोन के माद्यम से मंत्रो व वेदों का उच्चारण करते नजर आते है  । ज्योतिषचार्य भी कुंडली देखते समय फोन व कंप्यूटर के  माध्यम  से तेजी से कुंडली देखते का कार्य कर रहे है । Body:वो:-हालांकि जब इस बारे में कुछ विद्वान  पंडितो  से बात की गई तो उनका कहना है कि , जहां एक तरफ तकनीकी की दौड़ में देश काफी तरक्की कर चुका है तो इसी दौड़ में धर्म कर्म के कार्यो में भी तेजी आई है ।  आज के युग मे समय की तेजी को देखते हुए कार्य को तेजी से करने का एक माद्यम है मोबइल जिससे कि , दूसरे व्यक्ति का समय बचाया जा सकता है ।वही पंडित देवेंद्र कृष्ण आचार्य का कहना है ब्राह्मण जो मोबाइल का सहारा ले रहे हैं वह समय का सदुपयोग करने के लिए ले रहे हैं क्योंकि मोबाइल  का सहारा लेकर पंडितों को अपने पंचांग की आवश्यकता नहीं होती है साथ ही कुंडली बनाने का कार्य काफी शीघ्र हो जाता है यह कुछ गलत नहीं है समय के साथ बदलाव अति आवश्यक है  शास्त्रों में भी यह बात लिखी गई है की परिवर्तन प्रकृति का नियम है साथ ही उनका कहना था कि मोबाइल में जो यह  सॉफ्टवेयर बनाए गए हैं पंडित और ज्योतिषाचार्य की सहायता से ही बनाए गए हैं इनका निर्माण भी पंडित और ज्योतिष आचार्य द्वारा ही किया गया है ऐसे में इसका उपयोग करना कुछ गलत नहीं है। Conclusion:बाइट :-उज्जवल पंडित 
बाइट :-देवेंदर कृष्ण आचार्य
बाइट :-पंडित योगेंदर 
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.