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भव्य कुंभ की जगह होगा प्रतीकात्मक कुंभ, जानिए क्या है अखाड़ा परिषद की राय? - Haridwar Mahakumbh 2021

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए प्रतीकात्मक कुंभ पर विचार किया जा सकता है.

Haridwar Mahakumbh 2021
भव्य कुंभ की जगह होगा प्रतीकात्मक कुंभ?
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Published : Jul 17, 2020, 8:16 PM IST

हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण कुंभ मेले की परिस्थितियां बदली हुई हैं. इसलिए कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहे हैं. महाकुंभ-2021 में कुंभ मेले का मुहूर्त टाला नहीं जा सकता, मगर उस समय की परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जा सकता है. तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए भव्य कुंभ की बजाय प्रतीकात्मक कुंभ हो सकता है. आने वाले समय की परिस्थिति के अनुसार कुंभ के स्वरूप पर फैसला लिया जाएगा.

हरिद्वार महाकुंभ पर कोरोना संकट.

नरेंद्र गिरि ने कहा कि अभी महाकुंभ के आयोजन में कुछ समय बाकी है. हम सभी तेरह अखाड़ों के साधु संत बैठकर निर्णय लेंगे. जरूरत पड़ी तो अखाड़े बिना बैंड बाजे केवल स्नान कर कुंभ मेले का समापन कर देंगे. जल्द ही साधु-संत सीएम से मिलकर इस विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगे.

नेपाल की प्रधानमंत्री पर बोलते हुए नरेंद्र गिरि ने कहा कि चीन के दबाव में केपी शर्मा औली गलतबयान बाजी कर रहे हैं. सदियों से अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली रही है और किसी को इस विषय पर कुछ भी संदेह नहीं है. ऐसे में केपी शर्मा औली को भारत की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: कुंभ, कोरोना और 'हिफाजत', उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

चीन पर बोलते हुए नरेंद्र गिरि ने कहा कि चीन पर कोई देश विश्वास नहीं करता है. भारत चीन का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह समक्ष है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख में भारत-चीन की सीमा के पास दौरा करके आए हैं. लेह और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है.

भारतीय सेना दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में शामिल है और हर परिस्थिति से मुकाबला करने में समक्ष है. नरेंद्र गिरि ने कहा कि नागा साधुओं ने संकट के वक्त हमेशा देश की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ी है. अगर जरूरत पड़ती है तो नागा साधु सीमा पर भी सेना के साथ दुश्मन से लड़ने को तैयार हैं.

हरिद्वार: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण कुंभ मेले की परिस्थितियां बदली हुई हैं. इसलिए कुंभ क्षेत्र में निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहे हैं. महाकुंभ-2021 में कुंभ मेले का मुहूर्त टाला नहीं जा सकता, मगर उस समय की परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जा सकता है. तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए भव्य कुंभ की बजाय प्रतीकात्मक कुंभ हो सकता है. आने वाले समय की परिस्थिति के अनुसार कुंभ के स्वरूप पर फैसला लिया जाएगा.

हरिद्वार महाकुंभ पर कोरोना संकट.

नरेंद्र गिरि ने कहा कि अभी महाकुंभ के आयोजन में कुछ समय बाकी है. हम सभी तेरह अखाड़ों के साधु संत बैठकर निर्णय लेंगे. जरूरत पड़ी तो अखाड़े बिना बैंड बाजे केवल स्नान कर कुंभ मेले का समापन कर देंगे. जल्द ही साधु-संत सीएम से मिलकर इस विषय पर विस्तृत चर्चा करेंगे.

नेपाल की प्रधानमंत्री पर बोलते हुए नरेंद्र गिरि ने कहा कि चीन के दबाव में केपी शर्मा औली गलतबयान बाजी कर रहे हैं. सदियों से अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली रही है और किसी को इस विषय पर कुछ भी संदेह नहीं है. ऐसे में केपी शर्मा औली को भारत की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

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चीन पर बोलते हुए नरेंद्र गिरि ने कहा कि चीन पर कोई देश विश्वास नहीं करता है. भारत चीन का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह समक्ष है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख में भारत-चीन की सीमा के पास दौरा करके आए हैं. लेह और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है.

भारतीय सेना दुनिया की शक्तिशाली सेनाओं में शामिल है और हर परिस्थिति से मुकाबला करने में समक्ष है. नरेंद्र गिरि ने कहा कि नागा साधुओं ने संकट के वक्त हमेशा देश की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ी है. अगर जरूरत पड़ती है तो नागा साधु सीमा पर भी सेना के साथ दुश्मन से लड़ने को तैयार हैं.

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