हरिद्वार: साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद की एक विशेष बैठक बुधवार को धर्मनगरी के निरंजनी अखाड़ा में संपन्न हुई. बैठक में कई प्रस्ताव पास किए गए. बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के संगम तट पर मठ मंदिरों को तोड़े जाने का विरोध किया गया. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से उन पौराणिक मंदिरों के न तोड़े जाने की मांग की है.
अखाड़ा परिषद की बैठक में पहला प्रस्ताव प्रयागराज में वधवा के संगम तट पर मठ मंदिरों को तोड़े जाने का विरोध किया गया. साथ ही साधु-संतों ने ये प्रस्ताव भी पास किया कि जैसे ही सूर्य उत्तरायण में होंगे कुंभ मेले के भूमि पूजन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हरिद्वार बुलाया जाएगा. अखाड़ा परिषद का ऐसा मानना है कि गृहमंत्री अमित शाह जहां भी भूमि पूजन के लिए जाते हैं, वो मेला सफल हो जाता है.
ये भी पढ़ें: राज्यसभा में CAB पर मोदी सरकार का समीकरण, जानें सीटों का अंकगणित
शाही स्नान की घोषणा पर चर्चा करते हुए मेला प्रशासन और साधु-संतों की समिति द्वारा एक साथ बैठकर चर्चा करने की बात कही गई है. बैठक में ये निर्णय भी लिया गया कि जिन अखाड़ों के पास जमीन नहीं है उन्हें भी कुंभ मेले में जमीन दिलाई जाएगी. साथ ही कुंभ मेले के कार्यों में जो देरी हो रही है उसको लेकर मुख्यमंत्री से 12 दिसंबर को देहरादून में साधु समाज के लोग मिलकर चर्चा करेंगे.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बताया कुंभ मेले में अब समय कम रह गया है और कार्यों की गति काफी धीमी है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से वार्ता की जाएगी. सभी अखाड़ों के साधुओं को मेला क्षेत्र में छावनी लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराए जाने के लिए मेला अधिकारी के साथ ही मुख्यमंत्री से बात की जाएगी.