रुड़की: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT Roorkee) ने आज अपना 22वां वार्षिक दीक्षांत समारोह मनाया. इस कार्यक्रम में भारत सरकार में शिक्षा एवं कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की. इस दौरान कुल 2022 उपाधियां बांटी गईं. इनमें 1005 स्नातक, 638 स्नातकोत्तर और 379 डॉक्टरेट उपाधियां शामिल हैं.
कोविड के बाद पुरस्कार विजेताओं के परिवारों और परिसरीय समुदाय ने भौतिक रूप में पहले वार्षिक उपाधि कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया. आईआईटी रुड़की के गर्वनिंग काउंसिंल के अध्यक्ष बीवी आर मोहन रेड्डी ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
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- इस छात्रों को मिला सम्मान- बीटेक (Computer Science And Engineering) से लेशना बालरा को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल से पुरस्कृत किया गया.
- बीटेक (Electronics and Communication Engineering) से निखिल चौधरी को संस्थान रजत पदक प्रदान किया गया.
- बीटेक (Mechanical Engineering) से महक रैना को भारत के राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक प्रदान किया गया.
- पॉलीमर एवं प्रोसेस इंजीनियरिंग विभाग की पीएचडी प्रज्ञा गुप्ता को एके गोयल ग्रीन एनर्जी प्राइज व गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.
समारोह में भारतीय पोशाक को ड्रेस कोड रखा गया था, जिसमें पुरुषों के लिए कुर्ता और महिलाओं ने साड़ी पहनी थी. कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक प्रो. केके पंत के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने सभी ग्रेजुएट्स को बधाई दी. उन्होंने सभी को अपनी नेटवर्किंग एवं संचार क्षमताओं को मजबूत करने और समय-समय पर संबंधित कौशलों को विकसित करने व एक उद्यमी की तरह सोचने और नेतृत्व के गुण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके बाद आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संस्थान की उपलब्धियों और 175 वर्ष पुराने संस्थान को विश्व स्तरीय शिक्षा का केंद्र बनाने के विजन के बारे में बताया गया है.
वहीं, इस अवसर पर अभिशासक परिषद के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने कहा कि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है, जो कई वर्षों से अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है. हमारे स्नातकों की गुणवत्ता इसका प्रमाण है व इस प्रक्रिया में स्नातकों की सफलता में उनके माता-पिता, परिवार व शिक्षकों की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता है.
इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी स्नातक छात्रों को बधाई देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि रुड़की आईआईटी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को देखा है. ये संस्थान आजादी के बाद देश की विकास गाथा में सबसे आगे रहा है. इस अमृत काल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की और सभी स्नातक छात्रों को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र सुनिश्चित करना होगा. केंद्रीय मंत्री ने अपने संदेश में कहा कि, यह सदी ज्ञान की है. भारत की अध्यक्षता में इस बार जी-20 समिट हो रहा है. इसमें 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' को लेकर संस्थान के छात्रों, संकायों व पूर्व छात्रों को एक योजना बनानी चाहिए कि वो जी-20 के महान अवसर का उपयोग कैसे करना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की को देश में शिक्षा परिवर्तन का नेतृत्व करना चाहिए जहां शिक्षा के केंद्र में मानवता की सेवा है.