देहरादून: कोरोना संक्रमण को लेकर उत्तराखंड पूरी तरह से अनलॉक हो गया है. इससे फौरी तौर पर आम लोगों को राहत मिली रही होगी, लेकिन मौजूदा हालात से सबसे ज्यादा राहत स्वास्थ्य कर्मी महसूस कर रहे हैं. प्रदेश में अभी 1338 एक्टिव मरीज है और रिकवरी रेट 95% से ज्यादा है. एक समय राज्य में करीब 500 तक कंटेनमेंट जोन थे, जो अब शून्य है.
कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगने के बाद उत्तराखंड के बाजारों में काफी हद तक पहले की तरह रौनक दिखने लगी है. देहरादून से लेकर उधम सिंह नगर तक और उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक लोगों को पूर्ण अनलॉक का अनुभव हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य में अब कंटेनमेंट जोन की संख्या शून्य हो चुकी है. एक समय था जब यह संख्या 495 तक भी पहुंच गई थी, लेकिन अब जिस तरह से संक्रमण के आंकड़ों में कमी आई है और रिकवरी रेट तेज हुआ है. उससे राज्य अब पूर्ण अनलॉक हो चुका है.
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प्रदेश मे पिछले साल दिसंबर तक रोजाना कोरोना के मामले जहां 500 से ऊपर जा रहे थे. वहीं नए साल के आगाज के साथ ही ये आंकड़ा 100 से नीचे पहुंच गया है. वहीं डेथ रेट में भी काफी कमी आई है. कोरोना के कुल आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख के पार पहुंच चुकी है.
दून मेडिकल कॉलेज के एडिशनल सीएम एसएनएस खत्री की माने तो पहले की तुलना में अब बेहद ज्यादा राहत है. प्रदेश को मौजूदा स्थिति में अब और ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है. प्रदेश में बाजार अब पूरी तरह से खुलने के बाद लोगों की जिम्मेदारियां और ज्यादा बढ़ गई है. इसीलिए चिकित्सक लोगों से अपील करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. राज्य में महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन का दबाव है और कम होते संक्रमण की दर को बनाए रखने की बड़ी चुनौती भी है. ऐसे में चिकित्सक भी कहते हैं कि अभी कोरोना से डरना जरूरी है.