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लॉकडाउन में बढ़ी चिड़ियों की चहचहाहट, युवाओं ने तैयार किए 100 घोंसले

श्यामपुर क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य और उनकी टीम ने लॉकडाउन के दौरान पक्षियों के 100 घोंसले बनाए हैं. ये घोंसले अलग-अलग घरों में लगाए जाएंगे.

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घोंसला
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Published : May 1, 2020, 11:40 AM IST

Updated : May 1, 2020, 4:08 PM IST

ऋषिकेशः पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़-पौधों के साथ पशु-पक्षियों की अहम भूमिका होती है, लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध और मानवीय हस्तक्षेप के चलते कई पक्षियों की प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं. इसे देखते हुए अब प्रकृति प्रेमियों ने पक्षियों के आश्रय बनाकर घर-घर लकड़ी के घोंसले स्थापित करने का निर्णय लिया है. श्यामपुर क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य और उनकी टीम ने लॉकडाउन के दौरान पक्षियों के 100 घोंसले बनाए हैं. इन्हें अलग-अलग घरों में लगाया जाएगा, जिससे पक्षियों को स्थाई आश्रय मिल सके.

युवाओं ने परिंदों के लिए तैयार किए घोंसले.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते आबादी वाले क्षेत्रों में आवाजाही बंद होने के कारण माहौल काफी शांत हो गया है. यही कारण है कि पक्षी अब फिर से लोगों के घरों के आस-पास आने लगे हैं. गौरैया जैसी पक्षियों की विलुप्त होती कुछ प्रजातियां, अब एक बार फिर से आबादी क्षेत्रों में आकर चहचहाने लगी हैं.

ये भी पढ़ेंः इनदिनों ठहरा सा-खामोश हूं...मैं देहरादून हूं

जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण और विकास कार्यों की होड़ में पक्षियों को आश्रय नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई हैं. इसे देखते हुए उनकी टीम ने 100 लकड़ी के घोंसले तैयार किए हैं. इन्हें श्यामपुर क्षेत्र के अलग-अलग घरों में स्थापित किया जाएगा.

प्रकृति प्रेमियों ने बताया कि पक्षियों की विलुप्त होती अनेक प्रजातियों को लेकर चिंतन किया गया. पता चला कि आश्रय न मिलने के कारण पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं. ऐसे में उन्होंने घोंसले बनाने का निर्णय लिया.

ऋषिकेशः पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़-पौधों के साथ पशु-पक्षियों की अहम भूमिका होती है, लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध और मानवीय हस्तक्षेप के चलते कई पक्षियों की प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं. इसे देखते हुए अब प्रकृति प्रेमियों ने पक्षियों के आश्रय बनाकर घर-घर लकड़ी के घोंसले स्थापित करने का निर्णय लिया है. श्यामपुर क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य और उनकी टीम ने लॉकडाउन के दौरान पक्षियों के 100 घोंसले बनाए हैं. इन्हें अलग-अलग घरों में लगाया जाएगा, जिससे पक्षियों को स्थाई आश्रय मिल सके.

युवाओं ने परिंदों के लिए तैयार किए घोंसले.

दरअसल, लॉकडाउन के चलते आबादी वाले क्षेत्रों में आवाजाही बंद होने के कारण माहौल काफी शांत हो गया है. यही कारण है कि पक्षी अब फिर से लोगों के घरों के आस-पास आने लगे हैं. गौरैया जैसी पक्षियों की विलुप्त होती कुछ प्रजातियां, अब एक बार फिर से आबादी क्षेत्रों में आकर चहचहाने लगी हैं.

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जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण और विकास कार्यों की होड़ में पक्षियों को आश्रय नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई हैं. इसे देखते हुए उनकी टीम ने 100 लकड़ी के घोंसले तैयार किए हैं. इन्हें श्यामपुर क्षेत्र के अलग-अलग घरों में स्थापित किया जाएगा.

प्रकृति प्रेमियों ने बताया कि पक्षियों की विलुप्त होती अनेक प्रजातियों को लेकर चिंतन किया गया. पता चला कि आश्रय न मिलने के कारण पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं. ऐसे में उन्होंने घोंसले बनाने का निर्णय लिया.

Last Updated : May 1, 2020, 4:08 PM IST
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