देहरादून: 13 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त को देहरादून स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया है. अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल की कठोर सजा सुनाई गई है. इतना ही नहीं जिला फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अशीवनी गौड़ की अदालत ने अभियुक्त सोनू पर 40 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माने की धनराशि जमा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश भी दिया है.
2019 की है घटना: जानकारी के अनुसार मामला 10 अगस्त 2019 का है. थाना रायपुर के तहत पीड़ित नाबालिग के पिता की तहरीर के मुताबिक उनके साथ काम करने वाला सोनू नाम का व्यक्ति दोपहर के समय किसी काम के बहाने उनके घर पर गया. उसने कमरे पर 13 साल की अकेली बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इतना ही नहीं आरोपी सोनू ने बच्ची को जान से मारने की धमकी देते हुए घटनाक्रम को किसी से ना बताने का दबाव बनाया.
मामले का खुलासा होते ही पीड़ित परिवार की तरफ से थाने में तहरीर दी गई. जांच पड़ताल और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी सोनू सिंह को 376 और 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. मामले में चार्जशीट दाखिल करने और तमाम गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त सोनू को बुधवार 2 नवंबर 2022 को दोषी करार दिया गया.
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स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सोनू को पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल की कठोर सजा सुनाई. इसके साथ ही अभियुक्त को ₹40 हजार का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है. कोर्ट द्वारा निर्धारित अर्थदंड की धनराशि ₹40 हजार पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे. अगर अभियुक्त जुर्माने की धनराशि 40 हजार नहीं चुकाता है तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.