ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश के भीतर बने डंपिंग यार्ड के खिलाफ युवा अनोखे तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. इस डंपिंग जोन को शिफ्ट करने के लिए आज युवाओं द्वारा कूड़े के ऊपर योगा कर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि जब तक ऋषिकेश शहर से कूड़ा नहीं हटाया जाएगा, तबतक वे प्रदर्शन जारी रखेंगे.
ऋषिकेश में कई एकड़ में फैले कूड़े की वजह से यहां रह रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही इससे बीमारियां का भी खतरा बना हुआ है. इस कूड़ेदान से निजात पाने के लिए कई बार लोगों ने शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. पिछले 20 दिनों से कुछ युवा इस डंपिंग यार्ड को शिफ्ट कराने के लिए आंदोलनरत हैं. आंदोलनकारी युवाओं का कहना है कि जब तक तीर्थ नगरी के भीतर से यह कूड़ेदान नहीं हटता, तबतक वे इसी तरह से अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
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आंदोलनकारियों ने बताया कि कूड़े से हो रही परेशानी को लेकर राज्य और केंद्र सरकार को जगाने के लिए योगा के जरिए प्रदर्शन किया जा रहा है. वे कहते हैं कि नगर निगम चुनाव के दौरान मेयर अनिता ममगाईं ने डंपिंग यार्ड को शहर से बाहर कराने का वादा किया था. लेकिन उन्होंने भी अभी तक कुछ नहीं किया है.
इस आंदोलन के लिए आंदोलन कर रहे युवाओं ने एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल और ऋषिकेश कि मेयर को निमंत्रण पत्र भेजा गया था. लेकिन इनमें से कोई भी वहां नहीं पहुंचा.