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ज्यादा हाथी संभालने की स्थिति में नहीं है उत्तराखंड, वन महकमा को सता रहा ये डर - देहरादून न्यूज

वर्तमान में राज्य के लिए सबसे बड़ी चिंता मानव और हाथियों के बीच बढ़ रहे संघर्ष की है. जिसके लिए वन महकमा लोगों को जागरूक कर इन हालातों से बचने की कोशिश कर रहा है.

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Published : Aug 12, 2019, 8:15 PM IST

देहरादून: दुनिया भर में हाथियों के संरक्षण को लेकर 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है. उत्तराखंड में इस मौके पर हाथियों के संरक्षण की चुनौतियां और खतरों पर बात की गई व इसके लिए बेहतर उपाय ढूंढे जाने पर भी बल दिया गया.

विश्व हाथी दिवस पर विशेष कार्यक्रम

उत्तराखंड में क्षेत्रफल के लिहाज से हाथियों की संख्या अपने सर्वोच्च स्तर पर है. अब उत्तराखंड मौजूदा संख्या से ज्यादा हाथी संभालने की स्थिति में नहीं है. हालांकि राज्य में हाथियों की मौत के मामले भी ज्यादा हैं जो वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है.

उत्तराखंड में हाथियों के इंसानों से बढ़ते संघर्ष और रेलवे ट्रेक पर आने से मौत के मामलों ने वन विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं. विश्व हाथी दिवस के मौके पर देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हाथी के संरक्षण को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें उत्तराखंड के वन विभाग से जुड़े अधिकारियों समेत भारत सरकार के अधिकारी भी मौजूद रहे.

पढ़ें- प्यार में रोड़ा बन रहा था पति, पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर उतारा मौत के घाट

इस दौरान वन महकमे से जुड़े अधिकारियों ने प्रदेश में इंसानों और हाथियों के बीच बढ़ रहे संघर्ष और रेलवे ट्रेक पर हाथियों की जान जाने के मामलों पर चिंता जताई. इस दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में हाथियों की संख्या वन्य क्षेत्र के हिसाब से बेहद ज्यादा बताई. साथ ही हाथियों के संरक्षण के लिए महकमे ने तमाम कार्य किए जाने की भी बात कही.

कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने भी पेंटिंग के जरिए हाथियों की सुरक्षा को लेकर संदेश देने की कोशिश की. आपको बता दें कि उत्तराखंड वन्यजीवों के लिहाज से बेहद अनुकूल राज्य है. हाल ही में बाघों की गिनती के आंकड़े जारी होने के बाद ये बात पुख्ता भी हो जाती है.

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बाघों में घनत्व के लिहाज से उत्तराखंड जहां देश का पहला सबसे ज्यादा बाघ वाला राज्य है तो वहीं हाथियों की संख्या भी उत्तराखंड में वन क्षेत्र के लिहाज से बेहद ज्यादा है. देश में हाथियों की संख्या करीब 27312 है. इसमें से अकेल उत्तराखंड में करीब 1800 हाथी हैं. एक आकलन के अनुसार करीब 0.45 वर्ग किलोमीटर पर राज्य में एक हाथी मौजूद है.

विश्व हाथी दिवस पर सबसे बड़ी चिंता राज्य के लिए मानव और हाथियों के बीच बढ़ रहे संघर्ष की ही है. जिसके लिए वन महकमा लोगों को जागरूक कर इन हालातों से बचने की कोशिश कर रहा है.

देहरादून: दुनिया भर में हाथियों के संरक्षण को लेकर 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है. उत्तराखंड में इस मौके पर हाथियों के संरक्षण की चुनौतियां और खतरों पर बात की गई व इसके लिए बेहतर उपाय ढूंढे जाने पर भी बल दिया गया.

विश्व हाथी दिवस पर विशेष कार्यक्रम

उत्तराखंड में क्षेत्रफल के लिहाज से हाथियों की संख्या अपने सर्वोच्च स्तर पर है. अब उत्तराखंड मौजूदा संख्या से ज्यादा हाथी संभालने की स्थिति में नहीं है. हालांकि राज्य में हाथियों की मौत के मामले भी ज्यादा हैं जो वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है.

उत्तराखंड में हाथियों के इंसानों से बढ़ते संघर्ष और रेलवे ट्रेक पर आने से मौत के मामलों ने वन विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं. विश्व हाथी दिवस के मौके पर देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हाथी के संरक्षण को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें उत्तराखंड के वन विभाग से जुड़े अधिकारियों समेत भारत सरकार के अधिकारी भी मौजूद रहे.

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इस दौरान वन महकमे से जुड़े अधिकारियों ने प्रदेश में इंसानों और हाथियों के बीच बढ़ रहे संघर्ष और रेलवे ट्रेक पर हाथियों की जान जाने के मामलों पर चिंता जताई. इस दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में हाथियों की संख्या वन्य क्षेत्र के हिसाब से बेहद ज्यादा बताई. साथ ही हाथियों के संरक्षण के लिए महकमे ने तमाम कार्य किए जाने की भी बात कही.

कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने भी पेंटिंग के जरिए हाथियों की सुरक्षा को लेकर संदेश देने की कोशिश की. आपको बता दें कि उत्तराखंड वन्यजीवों के लिहाज से बेहद अनुकूल राज्य है. हाल ही में बाघों की गिनती के आंकड़े जारी होने के बाद ये बात पुख्ता भी हो जाती है.

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बाघों में घनत्व के लिहाज से उत्तराखंड जहां देश का पहला सबसे ज्यादा बाघ वाला राज्य है तो वहीं हाथियों की संख्या भी उत्तराखंड में वन क्षेत्र के लिहाज से बेहद ज्यादा है. देश में हाथियों की संख्या करीब 27312 है. इसमें से अकेल उत्तराखंड में करीब 1800 हाथी हैं. एक आकलन के अनुसार करीब 0.45 वर्ग किलोमीटर पर राज्य में एक हाथी मौजूद है.

विश्व हाथी दिवस पर सबसे बड़ी चिंता राज्य के लिए मानव और हाथियों के बीच बढ़ रहे संघर्ष की ही है. जिसके लिए वन महकमा लोगों को जागरूक कर इन हालातों से बचने की कोशिश कर रहा है.

Intro:Summary- दुनिया भर में हाथियों के संरक्षण को लेकर विश्व हाथी दिवस मनाया जा रहा है...उत्तराखंड में इस मौके पर हाथियों के संरक्षण की चुनौतियां और खतरों पर बात की गई और इसके लिए बेहतर उपाय ढूंढे जाने पर भी बल दिया गया।


उत्तराखंड में क्षेत्रफल के लिहाज से हाथियों की संख्या अपने सर्वोच्च स्तर पर है.. और अब उत्तराखंड मौजूदा संख्या से ज्यादा हाथी संभालने की स्थिति में भी नहीं है। हालांकि राज्य में हाथियों की मौत के मामले भी बेहद ज्यादा है जो वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती भी है।




Body:उत्तराखंड में हाथियों के इंसानों से बढ़ते संघर्ष और रेलवे ट्रेक पर आने से मौत के मामलों ने वन विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। विश्व हाथी दिवस के मौके पर देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हाथी के संरक्षण को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें उत्तराखंड के वन विभाग से जुड़े अधिकारियों समेत भारत सरकार के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान वन महकमें से जुड़े अधिकारियों ने प्रदेश में इंसानों और हाथियों के बीच बढ़ रहे संघर्ष और रेलवे ट्रैक पर हाथियों की जान जाने के मामलों पर चिंता जताई। इस दौरान वन मंत्री हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में हाथियों की संख्या वन्य क्षेत्र के हिसाब से बेहद ज्यादा बताई। साथ ही हाथियों के संरक्षण के लिए महकमे द्वारा तमाम कार्य किए जाने की भी बात कही। 


बाइट हरक सिंह रावत वन मंत्री उत्तराखंड


कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने भी पेंटिंग के जरिए हाथियों की सुरक्षा को लेकर संदेश देने की कोशिश की। आपको बता दें कि उत्तराखंड वन्यजीवों के लिहाज से बेहद अनुकूल राज्य रहा है... हाल ही में बाघों की गिनती के आंकड़े रिलीज होने के बाद ये बात पुख्ता भी हो जाती है। बाघों में घनत्व के लिहाज से उत्तराखंड जहां देश का पहला सबसे ज्यादा बाघ वाला राज्य है वही हाथियों की संख्या भी उत्तराखंड में वन क्षेत्र के लिहाज से बेहद ज्यादा है। देश में हाथियों की संख्या करीब 27312 है...तो अकेले उत्तराखंड में ही करीब 1800 हाथी है... एक आकलन के अनुसार करीब 0.45 वर्ग किलोमीटर पर राज्य में एक हाथी मौजूद है। 


बाइट जयराज प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड




Conclusion:विश्व हाथी दिवस पर सबसे बड़ी चिंता राज्य के लिए मानव और हाथियों के बीच बढ़ रहे संघर्ष की ही है जिसके लिए वन महकमा लोगों को जागरूक कर इन हालातों से बचने की कोशिश कर रहा है।
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