देहरादून: वित्तीय सेवा विभाग की ओर से बैंक ऑफ इंडिया ने देश के विकास में राष्ट्रीयकृत बैंकों की भूमिका पर एक कार्यशाला का आयोजन किया. इस दौरान भारत सरकार द्वारा चलाई गई लोक कल्याणकारी जन धन योजना, अटल पेंशन योजना, जनबीमा योजना, स्टैंड अप योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं पर चर्चा की गई.
बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर सर्वेश्वर बेहुरा ने बैंकिंग सेक्टर में चल रही मंदी को लेकर कहा कि इस समय सभी पब्लिक सेक्टर, बैंकों और सरकार के सामने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बैंकिंग सेक्टर यूनियन बजट के तहत एग्रीकल्चर और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दे रहा है. जिसके लिए युवाओं को टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र में मजबूत किया जा रहा है. ताकि युवा नॉलेज ऑफ टेक्निकल के बूते देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें.
जिसके लिए वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सरकार भरपूर सहयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि इस समय जो मंदी का दौर चल रहा है, वह टेंपरेरी है. उन्होंने कहा कि इस दौर को मंदी का दौर नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि बीते वर्ष की तुलना मे बैंक ऑफ इंडिया ने दो तिमाही से ज्यादा प्रॉफिट अर्जित किया है.
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गौरतलब है कि कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में एक विशेष सत्र का आयोजन भी किया गया. जिसमें इन ऋण योजनाओं से लाभ ले रहे उद्यमियों ने अपने सफलता के अनुभवों को लोगों से अवगत कराया. साथ ही कार्यशाला में वक्ताओं ने राष्ट्रीयकृत बैंकों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया है.