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विकास में राष्ट्रीयकृत बैंकों की भूमिका पर कार्यशाला का आयोजन, विशेषज्ञों ने दिया बड़ा बयान

देश के विकास में राष्ट्रीयकृत बैंकों की भूमिका को लेकर वित्तीय सेवा विभाग की ओर से बैंक ऑफ इंडिया ने एक कार्यशाला का आयोजन किया. इस दौरान भारत सरकार द्वारा चलाई गई लोक कल्याणकारी पर चर्चा की गई.

देश के विकास में राष्ट्रीयकृत बैंकों की भूमिका पर कार्यशाला का आयोजन.
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Published : Aug 14, 2019, 2:46 PM IST

देहरादून: वित्तीय सेवा विभाग की ओर से बैंक ऑफ इंडिया ने देश के विकास में राष्ट्रीयकृत बैंकों की भूमिका पर एक कार्यशाला का आयोजन किया. इस दौरान भारत सरकार द्वारा चलाई गई लोक कल्याणकारी जन धन योजना, अटल पेंशन योजना, जनबीमा योजना, स्टैंड अप योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं पर चर्चा की गई.

बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर सर्वेश्वर बेहुरा ने बैंकिंग सेक्टर में चल रही मंदी को लेकर कहा कि इस समय सभी पब्लिक सेक्टर, बैंकों और सरकार के सामने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बैंकिंग सेक्टर यूनियन बजट के तहत एग्रीकल्चर और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दे रहा है. जिसके लिए युवाओं को टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र में मजबूत किया जा रहा है. ताकि युवा नॉलेज ऑफ टेक्निकल के बूते देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें.

जानकारी देते जोनल मैनेजर, बैंक ऑफ इंडिया, सर्वेश्वर बेहुरा.

जिसके लिए वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सरकार भरपूर सहयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि इस समय जो मंदी का दौर चल रहा है, वह टेंपरेरी है. उन्होंने कहा कि इस दौर को मंदी का दौर नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि बीते वर्ष की तुलना मे बैंक ऑफ इंडिया ने दो तिमाही से ज्यादा प्रॉफिट अर्जित किया है.

ये भी पढ़े: ऋषिकेश-देहरादून मार्ग पर कार और विक्रम में जोरदार भिड़ंत, SDM समेत 9 लोग घायल

गौरतलब है कि कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में एक विशेष सत्र का आयोजन भी किया गया. जिसमें इन ऋण योजनाओं से लाभ ले रहे उद्यमियों ने अपने सफलता के अनुभवों को लोगों से अवगत कराया. साथ ही कार्यशाला में वक्ताओं ने राष्ट्रीयकृत बैंकों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया है.

देहरादून: वित्तीय सेवा विभाग की ओर से बैंक ऑफ इंडिया ने देश के विकास में राष्ट्रीयकृत बैंकों की भूमिका पर एक कार्यशाला का आयोजन किया. इस दौरान भारत सरकार द्वारा चलाई गई लोक कल्याणकारी जन धन योजना, अटल पेंशन योजना, जनबीमा योजना, स्टैंड अप योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं पर चर्चा की गई.

बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर सर्वेश्वर बेहुरा ने बैंकिंग सेक्टर में चल रही मंदी को लेकर कहा कि इस समय सभी पब्लिक सेक्टर, बैंकों और सरकार के सामने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बैंकिंग सेक्टर यूनियन बजट के तहत एग्रीकल्चर और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दे रहा है. जिसके लिए युवाओं को टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र में मजबूत किया जा रहा है. ताकि युवा नॉलेज ऑफ टेक्निकल के बूते देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें.

जानकारी देते जोनल मैनेजर, बैंक ऑफ इंडिया, सर्वेश्वर बेहुरा.

जिसके लिए वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सरकार भरपूर सहयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि इस समय जो मंदी का दौर चल रहा है, वह टेंपरेरी है. उन्होंने कहा कि इस दौर को मंदी का दौर नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि बीते वर्ष की तुलना मे बैंक ऑफ इंडिया ने दो तिमाही से ज्यादा प्रॉफिट अर्जित किया है.

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गौरतलब है कि कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में एक विशेष सत्र का आयोजन भी किया गया. जिसमें इन ऋण योजनाओं से लाभ ले रहे उद्यमियों ने अपने सफलता के अनुभवों को लोगों से अवगत कराया. साथ ही कार्यशाला में वक्ताओं ने राष्ट्रीयकृत बैंकों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया है.

Intro:वित्तीय सेवा विभाग भारत सरकार की ओर से बैंक ऑफ इंडिया देहरादून अंचल ने देश के विकास में राष्ट्रीयकृत बैंकों की भूमिका पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। सुभाष रोड़ स्थित एक होटल मे आयोजित की गयी कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा चलाई गई लोक कल्याणकारी योजनाओं जैसे जन धन योजना, अटल पेंशन योजना, जनबीमा योजना, स्टैंड अप योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना, सुकन्या समृद्धि योजना जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।


Body:वहीं बैंक ऑफ इंडिया के ज़ोनल मैनेजर सर्वेश्वर बेहुरा ने बैंकिंग सेक्टर मे चल रही मंदी पर साफ किया है कि इस समय सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों और सरकार के सामने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बैंकिंग सेक्टर यूनियन बजट के तहत एग्रीकल्चर और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दे रहा है। इसके युवाओं को टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र मे मजबूत दिया जा रहा है ताकि युवा नॉलेज ऑफ टेक्निकल के बूते देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें। हालांकि इस समय वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए सरकार भरपूर सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि इस समय जो मंदी का दौर चल रहा है वह टेंपरेरी है लेकिन इस दौर को मंदी का दौर नहीं कहा जा सकता है क्योंकि बीते वर्ष की तुलना मे बैंक ऑफ इंडिया ने दो तिमाही से प्रॉफिट अर्जित किया है।

बाईट- सर्वेश्वर बेहुरा, जोनल मैनेजर, बैंक ऑफ इंडिया


Conclusion: गौरतलब है कि कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा उद्यमियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न ऋण योजनाओं के बारे में एक विशेष सत्र का आयोजन भी किया । जिसमें इन ऋण योजनाओं से लाभान्वित उद्यमियों ने अपने सफलता के अनुभवों से लोगों को अवगत कराया। साथ ही कार्यशाला मे वक्ताओं ने राष्ट्रीयकृत बैंकों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया है।
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