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17 जुलाई से बांटे जाएंगे वात्सल्य योजना के चेक, महालक्ष्मी योजना जल्द होगी शुरू - कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य

उत्तराखंड में 17 जुलाई से मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत लाभार्थी बच्चों को ₹3000-3000 के चेक वितरित किये जाएंगे. साथ ही मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की जल्द शुरुआत की जाएगी. इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने दी है.

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रेखा आर्य
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Published : Jul 12, 2021, 6:35 PM IST

देहरादूनः महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को लेकर आज विभागीय मंत्री रेखा आर्य (Rekha Arya) ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में संचालित हो रही विभिन्न योजनाओं को गति देने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए. साथ ही वात्सल्य योजना से लाभार्थी बच्चों को चेक वितरित करने की बात भी कही.

बता दें कि समीक्षा बैठक में मुख्य तौर पर नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, सैनिटरी नैपकिन योजना के क्रियान्वयन के विषय पर चर्चा की गई. इस दौरान वात्सल्य योजना के संबंध में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक प्रदेश भर में चिह्नित 2000 अनाथ बच्चों में से 500 बच्चे आवेदन कर चुके हैं.

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने की समीक्षा बैठक

ये भी पढ़ेंः सामाजिक संस्था 'मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना' के लिए लोगों को कर रही जागरूक

ऐसे में मुख्यमंत्री से समय मिलने की स्थिति में आगामी 17 जुलाई से प्रत्येक लाभार्थी बच्चे को 3000 रुपए का चेक वितरित किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने सभी जिला प्रोबेशन अधिकारियों को सभी चिह्नित बच्चों तक वात्सल्य योजना का लाभ पहुंचाने के दिशा-निर्देश भी जारी किए.

वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के संबंध में भी बैठक में चर्चा की गई. जिस पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इस योजना के तहत जच्चा-बच्चा को दी जाने वाली महालक्ष्मी किट आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंच चुकी है. ऐसे में जल्द ही मुख्यमंत्री से समय मिलने पर इसी महीने इस योजना का शुभारंभ कर दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसव के दौरान मां और शिशु कन्या को लाभ देना है. योजना के माध्यम से जच्चा-बच्चा को एक किट उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें मां और बच्चे के लिए सभी जरूरी सामान होगा. किट में वो सभी चीजें होंगी जो प्रसव के दौरान जरूरी होती हैं. कन्या का जन्म होने पर जच्चा-बच्चा की देखभाल को लेकर सामने आने वाली खाई को पाटने के लिए इस योजना को शुरू किया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः COVID Third Wave ALERT! 25 हजार कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को बांटा जाएगा पौष्टिक आहार

अगर कोई गर्भवती महिला मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना का लाभ लेना चाहती है तो इसके लिए संबंधित गर्भवती महिला का आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण कराना होगा. योजना के लाभ के लिए उत्तराखंड का स्थायी निवासी होना अति आवश्यक है. इसके लिए माता-शिशु कार्ड की प्रति, संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र या आशा वर्कर की ओर से जारी प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्ट्री की प्रति, आयकरदाता न होने का प्रमाण पत्र जैसे डाक्यूमेंट होने चाहिए.

ये भी पढ़ेंः वात्सल्य योजना: DBT के माध्यम से खातों में जमा होगी राशि, इन बच्चों को नहीं मिलेगा लाभ

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की नंदा गौरा योजना की भी समीक्षा की. जिसमें विभागीय अधिकारियों की ओर से बताया गया कि इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए के बजट की जरूरत है. जिसे जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा.

उधर, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी आने वाले समय में ऑनलाइन माध्यम से ही मिल सकेगी. साथ ही इन योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोग ऑनलाइन ही आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार करने के भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे लोगों को समय रहते इन योजनाओं का लाभ मिल सके.

देहरादूनः महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को लेकर आज विभागीय मंत्री रेखा आर्य (Rekha Arya) ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में संचालित हो रही विभिन्न योजनाओं को गति देने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए. साथ ही वात्सल्य योजना से लाभार्थी बच्चों को चेक वितरित करने की बात भी कही.

बता दें कि समीक्षा बैठक में मुख्य तौर पर नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, सैनिटरी नैपकिन योजना के क्रियान्वयन के विषय पर चर्चा की गई. इस दौरान वात्सल्य योजना के संबंध में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इस योजना के तहत अब तक प्रदेश भर में चिह्नित 2000 अनाथ बच्चों में से 500 बच्चे आवेदन कर चुके हैं.

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने की समीक्षा बैठक

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ऐसे में मुख्यमंत्री से समय मिलने की स्थिति में आगामी 17 जुलाई से प्रत्येक लाभार्थी बच्चे को 3000 रुपए का चेक वितरित किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने सभी जिला प्रोबेशन अधिकारियों को सभी चिह्नित बच्चों तक वात्सल्य योजना का लाभ पहुंचाने के दिशा-निर्देश भी जारी किए.

वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के संबंध में भी बैठक में चर्चा की गई. जिस पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इस योजना के तहत जच्चा-बच्चा को दी जाने वाली महालक्ष्मी किट आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंच चुकी है. ऐसे में जल्द ही मुख्यमंत्री से समय मिलने पर इसी महीने इस योजना का शुभारंभ कर दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का मुख्य उद्देश्य प्रसव के दौरान मां और शिशु कन्या को लाभ देना है. योजना के माध्यम से जच्चा-बच्चा को एक किट उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें मां और बच्चे के लिए सभी जरूरी सामान होगा. किट में वो सभी चीजें होंगी जो प्रसव के दौरान जरूरी होती हैं. कन्या का जन्म होने पर जच्चा-बच्चा की देखभाल को लेकर सामने आने वाली खाई को पाटने के लिए इस योजना को शुरू किया जा रहा है.

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अगर कोई गर्भवती महिला मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना का लाभ लेना चाहती है तो इसके लिए संबंधित गर्भवती महिला का आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण कराना होगा. योजना के लाभ के लिए उत्तराखंड का स्थायी निवासी होना अति आवश्यक है. इसके लिए माता-शिशु कार्ड की प्रति, संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र या आशा वर्कर की ओर से जारी प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्ट्री की प्रति, आयकरदाता न होने का प्रमाण पत्र जैसे डाक्यूमेंट होने चाहिए.

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कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की नंदा गौरा योजना की भी समीक्षा की. जिसमें विभागीय अधिकारियों की ओर से बताया गया कि इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 200 करोड़ रुपए के बजट की जरूरत है. जिसे जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा.

उधर, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी आने वाले समय में ऑनलाइन माध्यम से ही मिल सकेगी. साथ ही इन योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लोग ऑनलाइन ही आवेदन कर सकेंगे. इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार करने के भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे लोगों को समय रहते इन योजनाओं का लाभ मिल सके.

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