देहरादून: भारतीय सेना के हिममानव 'येति' के पैरों के निशान देखने के दावे को डब्लूआईआई (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) के वैज्ञानिकों ने पूरी तरह खारिज कर दिया है. वैज्ञानिकों ने ऐसे कोई चीज न होने की बात कही है. वैज्ञानिकों को कहना है कि इस लेकर काफी खोज की गई है, लेकिन आजतक ये कोई साक्ष्य या सबूत नहीं मिले है, जिसके आधार पर कहा जा सके कि यति यानी हिममानव होते हैं.
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डब्लूआईआई के डीन जीएस रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि येति महज एक कल्पना के अवाला कुछ नहीं है. धरती पर ऐसा कोई जानवर नहीं होता है. भारतीय सेना ने बर्फ पर येति के निशान की जो तस्वीरें शेयर की उस पर रावत ने तर्क देते हुए बताया कि वो तिब्बत में पाया जाने वाला ब्राउन भालू हो सकता है. रावत के मुताबिक बर्फ काफी नरम होती है और जब ब्राउन भालू बर्फ पर दौड़ता है तो उसके पैर के निशान बड़े लगने लगते हैं. उसके कारण कभी-कभी लोगों को अभास होता है कि ये कोई विशालकाय जानवर होगा.
रावत ने बताया कि उन्होंने फोटो का अध्यन किया है. फोटो से देखने पर यही लगता है कि ये ब्राउन भालू या फिर इसी तरह के किसी अन्य जानवर के पैरों के निशान हैं. जिस स्थान पर ये निशान देखे गए हैं, वहां पर तिबेतियन ब्राउन भालू पाया जाता है.
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हालांकि जब उन से येति की मौजूदगी के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने बताया कि येति का जिक्र नेपाली साहित्य में काफी पुराने जमाने से है. येति के बारे में कई किताबें लिखी गई हैं. लेकिन आजतक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है. येति को लेकर रावत ने बताया कि इस पर डब्लूआईआई ने तो कोई खोज नहीं की, लेकिन बाहर के कुछ वैज्ञानिकों इस पर जरुर रिसर्च किया है. लेकिन उन रिसर्च में साफ हो गया था कि इस तरह का कोई जानवार इस धरती पर नहीं है. ये सिर्फ कल्पना है, इसलिए डब्लूआईआई ने इस पर कभी भी आगे रिसर्ज करने जरुरत नहीं समझी. यति पर वैज्ञानिक दृष्टि से बात करना समय की बर्बादी होगी.
बता दें कि रविवार को भारतीय सेना ने हिमालय में हिम मानव 'येति' की मौजूदगी का दावा किया है. इसको लेकर सेना ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीर भी शेयर की थीं. जिनमें विशालकाय पैरों के निशान दिखाई दे रहे हैं. ये निशान आकार में 32x15 इंच तक हैं, जो असामान्य हैं. इसके माध्यम से भारतीय सेना ने हिमालय में हिममानव की मौजूदगी के संकेत दिए थे. बर्फ पर पैरों के ये निशाना नेपाल के पास स्थित मकालू बेस कैंप पर पाए गए थे. सेना की ओर से ये भी कहा गया कि मकालू बरुण नेशनल पार्क में पहले भी हिम मानव के दिखने का आभास हुआ है.