देहरादून: राजधानी के परेड ग्राउंड में त्रिशक्ति सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भाषण के दौरान एक युवक द्वारा काला झंडा दिखाया गया. हालांकि, आसपास मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवक को इस हरकत के चलते दबोच लिया. लेकिन ऐसी क्या वजह थी जो युवक ने यह कदम उठाया.
त्रिशक्ति सम्मेलन में शाह को काला झंडा दिखाने वाले इस युवक के विरोध की मानव अधिकार और आरटीआई कार्यकर्ता संगठन ने जिम्मेदारी ली है. ईटीवी भारत से बातचीत में संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने बताया कि केंद्र कि मोदी और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से युवा त्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि शाह को काला झंडा दिखाने वाला युवक सुरेंद्र रावत है.
सुरेंद्र रावत इस संगठन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष है और वह बीते दिनों से लगातार मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों से आक्रोशित है. इस वजह से रावत ने आज उसने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संबोधन के दौरान काला झंडा दिखाया.
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वहीं, मानव अधिकार संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने पुलिस पर सुरेंद्र रावत को अगवा करने का आरोप लगाया है, चुघ ने कहा है कि उन्हें अंदेशा है कि पुलिस उनके साथी कार्यकर्ता सुरेंद्र रावत के साथ कुछ गलत कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर सुरेंद्र रावत के साथ कुछ भी गलत होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस और प्रदेश सरकार की होगी.
बहरहाल, कार्यक्रम स्थल पर काला झंडा दिखाने वाले युवक सुरेंद्र रावत को पुलिस पकड़ने के बाद कहां ले गई है, इसकी जानकारी किसी को अभीतक नहीं है. जिसको लेकर मानवाधिकार एवं आईटीआई कार्यकता संगठन से जुड़े लोगों का परेशान होना जायज है.