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आखिर क्यों इस युवक ने अमित शाह को दिखाया काला झंडा, जानिए पूरी हकीकत

मानव अधिकार संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने पुलिस पर सुरेंद्र रावत को अगवा करने का आरोप लगाया है, चुघ ने कहा है कि उन्हें अंदेशा है कि पुलिस उनके साथी कार्यकर्ता सुरेंद्र रावत के साथ कुछ गलत कर सकती है.

Dehradun
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Published : Feb 2, 2019, 7:54 PM IST

देहरादून: राजधानी के परेड ग्राउंड में त्रिशक्ति सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भाषण के दौरान एक युवक द्वारा काला झंडा दिखाया गया. हालांकि, आसपास मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवक को इस हरकत के चलते दबोच लिया. लेकिन ऐसी क्या वजह थी जो युवक ने यह कदम उठाया.

त्रिशक्ति सम्मेलन में शाह को काला झंडा दिखाने वाले इस युवक के विरोध की मानव अधिकार और आरटीआई कार्यकर्ता संगठन ने जिम्मेदारी ली है. ईटीवी भारत से बातचीत में संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने बताया कि केंद्र कि मोदी और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से युवा त्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि शाह को काला झंडा दिखाने वाला युवक सुरेंद्र रावत है.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को लेकर युवाओं में आक्रोश.
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सुरेंद्र रावत इस संगठन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष है और वह बीते दिनों से लगातार मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों से आक्रोशित है. इस वजह से रावत ने आज उसने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संबोधन के दौरान काला झंडा दिखाया.

पढ़ें- शाह बोले- डंके की चोट पर कहता हूं बनकर रहेगा राममंदिर, अपना स्टैंड क्लियर करें राहुल

वहीं, मानव अधिकार संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने पुलिस पर सुरेंद्र रावत को अगवा करने का आरोप लगाया है, चुघ ने कहा है कि उन्हें अंदेशा है कि पुलिस उनके साथी कार्यकर्ता सुरेंद्र रावत के साथ कुछ गलत कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर सुरेंद्र रावत के साथ कुछ भी गलत होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस और प्रदेश सरकार की होगी.

बहरहाल, कार्यक्रम स्थल पर काला झंडा दिखाने वाले युवक सुरेंद्र रावत को पुलिस पकड़ने के बाद कहां ले गई है, इसकी जानकारी किसी को अभीतक नहीं है. जिसको लेकर मानवाधिकार एवं आईटीआई कार्यकता संगठन से जुड़े लोगों का परेशान होना जायज है.

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देहरादून: राजधानी के परेड ग्राउंड में त्रिशक्ति सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भाषण के दौरान एक युवक द्वारा काला झंडा दिखाया गया. हालांकि, आसपास मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवक को इस हरकत के चलते दबोच लिया. लेकिन ऐसी क्या वजह थी जो युवक ने यह कदम उठाया.

त्रिशक्ति सम्मेलन में शाह को काला झंडा दिखाने वाले इस युवक के विरोध की मानव अधिकार और आरटीआई कार्यकर्ता संगठन ने जिम्मेदारी ली है. ईटीवी भारत से बातचीत में संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने बताया कि केंद्र कि मोदी और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से युवा त्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि शाह को काला झंडा दिखाने वाला युवक सुरेंद्र रावत है.

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को लेकर युवाओं में आक्रोश.
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सुरेंद्र रावत इस संगठन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष है और वह बीते दिनों से लगातार मानव अधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों से आक्रोशित है. इस वजह से रावत ने आज उसने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के संबोधन के दौरान काला झंडा दिखाया.

पढ़ें- शाह बोले- डंके की चोट पर कहता हूं बनकर रहेगा राममंदिर, अपना स्टैंड क्लियर करें राहुल

वहीं, मानव अधिकार संगठन के सचिव भास्कर चुघ ने पुलिस पर सुरेंद्र रावत को अगवा करने का आरोप लगाया है, चुघ ने कहा है कि उन्हें अंदेशा है कि पुलिस उनके साथी कार्यकर्ता सुरेंद्र रावत के साथ कुछ गलत कर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर सुरेंद्र रावत के साथ कुछ भी गलत होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस और प्रदेश सरकार की होगी.

बहरहाल, कार्यक्रम स्थल पर काला झंडा दिखाने वाले युवक सुरेंद्र रावत को पुलिस पकड़ने के बाद कहां ले गई है, इसकी जानकारी किसी को अभीतक नहीं है. जिसको लेकर मानवाधिकार एवं आईटीआई कार्यकता संगठन से जुड़े लोगों का परेशान होना जायज है.

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देहरादून: राजधानी के परेड ग्राउंड पहुंचे बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा है. साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ये गठबंधन कभी सार्थक नहीं होगा. ममता, चंद्रबाबू नायडू और तेजप्रताप यादव पर तंज कसते हुए कहा कि कभी एक- दूसरे का मुंह न देखने वाले आज एक मंच पर खड़े हैं.

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य देश से गरीबी हटाओं, वहीं विपक्ष मोदी हटाने में जुटा हुआ है. विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि विपक्षी पार्टियां अगर मोदी का नाम न लेकर नारायण का नाम ले लेती तो जीवन सफल हो जाता. 

उन्होंने महागठबंधन से जुड़े नेताओं को केवल एक राज्य का नेता करार देते हुये कहा कि उनकी पहुंच उत्तराखंड तक नहीं हैं. उनसे अधिक पहुंच तो बीजेपी का एक बूथ कार्यकर्ता की है जो अपने दम पर पहाड़ के एक-एक घर तक पहुंच रखता है. शाह ने कहा कि उन सभी बड़े नेताओं को हराकर तो बीजेपी का बूथ स्तर का नेता यहां तक पहुंचा है. 

विपक्षी नेताओं पर करारा तंज कसते हुये बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कैसा लगेगा अगर महागठबंधन से चंद्रबाबू नायडू आकर हल्द्वानी में प्रचार करेंगे या ममता दीदी ऋषिकेश में रैली करती नजर आएंगी तो वहीं तेजप्रताप यादव केदारधाम पहुंचेंगे तो उन्हें सुनेगा कौन.  

शाह ने कहा कि विपक्ष का एक होना ही हमारी ताकत है. हमें जातिवाद, परिवारवाद की पॉलीटिक्स बंद करनी है और एकता के साथ काम करना है. महागठबंधन पर प्रहार करते हुये अमित शाह ने कहा कि- हम कहते हैं- गरीबी हटाओ, भ्रष्टाचार-अंधेरा हटाओ, निरक्षरता हटाओ, बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ और वो कहते हैं मोदी हटाओ.

 

 

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