ETV Bharat / state

बदलता मौसम कोरोना के लिए कितना घातक? जानें विशेषज्ञ का राय

मौसम के बदलते मिजाज का कोरोना संक्रमण पर क्या असर पड़ेगा ये जानने के लिए हमने जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ केपी जोशी से बात की.

What will be the impact of the changing weather on the Corona period
कोरोना काल में बदलते मौसम का संक्रमण पर क्या पड़ेगा असर
author img

By

Published : Apr 23, 2021, 7:06 PM IST

देहरादून: प्रदेश के सभी पहाड़ी और मैदानी जनपदों में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने लगा है. बदले मौसम के कारण न्यूनतम तापमान में सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में कोरोणा संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सभी के जहन में यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर मौसम के बदलते मिजाज का कोरोना संक्रमण पर क्या असर पड़ सकता है ?

मौसम के बदलते मिजाज और कोरोना संक्रमण पर इसके असर को समझने के लिए ईटीवी भारत ने देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ केपी जोशी से बात की. डॉ केपी जोशी ने बताया कि वर्तमान समय में मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां कभी अधिकतम तापमान में अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है तो कभी ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी के चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. इस स्थिति में वायरल बुखार भी आम हो जाता है.

पढ़ें- कोरोना से संक्रमित संगीतकार श्रवण का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर

ऐसे में लोगों को इस बात का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है कि यदि किसी व्यक्ति को चार से पांच दिनों तक लगातार बुखार रहता है तो वह कोविड जांच कराए, या फिर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें. दरअसल, समय रहते चिकित्सीय सलाह लेने से कोरोना के चलते बढ़ रही मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकता है.

पढ़ें- काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा कोरोना पॉजिटिव

वहीं, दूसरी तरफ मौसम का कोरोना संक्रमण पर कितना असर पड़ सकता है, इसको लेकर वरिष्ठ फिजीशियन डॉ केपी जोशी का कहना है कि बदलते मौसम का कोरोना वायरस के मामलों पर कोई खास असर नहीं देखा गया है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि गर्मी के मौसम में कोरोना संक्रमण बढ़ जाएगा या फिर तापमान में गिरावट आने से कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा. वर्तमान समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा एहतियात और कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने की जरूरत है.

देहरादून: प्रदेश के सभी पहाड़ी और मैदानी जनपदों में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने लगा है. बदले मौसम के कारण न्यूनतम तापमान में सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में कोरोणा संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सभी के जहन में यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर मौसम के बदलते मिजाज का कोरोना संक्रमण पर क्या असर पड़ सकता है ?

मौसम के बदलते मिजाज और कोरोना संक्रमण पर इसके असर को समझने के लिए ईटीवी भारत ने देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ फिजीशियन डॉ केपी जोशी से बात की. डॉ केपी जोशी ने बताया कि वर्तमान समय में मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. जहां कभी अधिकतम तापमान में अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है तो कभी ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी के चलते न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. इस स्थिति में वायरल बुखार भी आम हो जाता है.

पढ़ें- कोरोना से संक्रमित संगीतकार श्रवण का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर

ऐसे में लोगों को इस बात का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है कि यदि किसी व्यक्ति को चार से पांच दिनों तक लगातार बुखार रहता है तो वह कोविड जांच कराए, या फिर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें. दरअसल, समय रहते चिकित्सीय सलाह लेने से कोरोना के चलते बढ़ रही मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकता है.

पढ़ें- काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा कोरोना पॉजिटिव

वहीं, दूसरी तरफ मौसम का कोरोना संक्रमण पर कितना असर पड़ सकता है, इसको लेकर वरिष्ठ फिजीशियन डॉ केपी जोशी का कहना है कि बदलते मौसम का कोरोना वायरस के मामलों पर कोई खास असर नहीं देखा गया है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि गर्मी के मौसम में कोरोना संक्रमण बढ़ जाएगा या फिर तापमान में गिरावट आने से कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा. वर्तमान समय में लोगों को ज्यादा से ज्यादा एहतियात और कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने की जरूरत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.